संयुक्त अरब अमीरात में एक भारतीय इंजीनियर को अपने बचपन के दोस्त के धोखे के कारण बड़ी कानूनी मुश्किल का सामना करना पड़ा. यह संकट तब शुरू हुआ जब उसके बैंक खाते में 2100 दिरहम (लगभग 48,194.64 रुपये) जमा हुए. इंजीनियर के बचपन के दोस्त ने एक अन्य दोस्त के बिजनेस लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए इंजीनियर से बैंक डिटेल्स मांगी थीं.
बचपन के दोस्त ने मांगी बैंक डिटेल्स
दोस्त ने पैसे भेजे, लेकिन इंजीनियर को पता नहीं था कि ये रकम किसी भारतीय व्यवसायी द्वारा भेजी गई है. यह राशि व्यवसायी ने व्हाट्सएप के जरिए अपने एक कर्मचारी को सौंपने का निर्देश दिया था. व्यवसायी 10,000 दिरहम भेजने की योजना बना रहा था, जिसकी पहली किस्त 2100 दिरहम थी.
पुलिस ने शुरू की जांच
जब व्यवसायी का कर्मचारी पैसे लेने नहीं पहुंचा और लेन-देन अधूरा रह गया, तो व्यवसायी ने यूएई पुलिस को इस मामले की सूचना दी. जांच में सामने आया कि रकम सीधे इंजीनियर के बैंक खाते में जमा हुई थी. इसके बाद पुलिस ने इंजीनियर पर धोखाधड़ी और गबन का मामला दर्ज किया. पूछताछ में इंजीनियर ने स्पष्ट किया कि उसने अपनी बैंक डिटेल्स केवल अपने बचपन के दोस्त को दी थीं.
इंजीनियर ने किया आरोपों से इनकार
इंजीनियर ने अदालत में खुद को निर्दोष बताया. उसने कहा कि उसे लेन-देन या किसी कानूनी समस्या की जानकारी नहीं थी. उसके वकील हानी हम्मौदा हागाग ने कोर्ट में दलील दी कि इंजीनियर और शिकायतकर्ता आपस में दोस्त थे, और इंजीनियर का इस अपराध में कोई हाथ नहीं था.
दोस्त ने वापस ली शिकायत
वकील ने कोर्ट में यह भी कहा, “शिकायतकर्ता और मेरा मुवक्किल दोस्त हैं. उनके बीच मामला सुलझ चुका है. शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत वापस ले ली है और लिखित में छूट भी दी है. इसलिए आरोपी को बरी किया जाना चाहिए.”
कड़ी सजा की मांग
हालांकि, अभियोजकों ने आरोपी के लिए निर्वासन समेत कड़ी सजा की मांग की है. दोनों पक्षों ने कोर्ट में अपील की है. यूएई में वित्तीय अपराधों पर सख्ती से कार्रवाई की जाती है, और यह मामला भी इसी नीति का हिस्सा है.
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FIRST PUBLISHED :
November 28, 2024, 12:03 IST