पौड़ी जिले में सीओ के चार पद हैं.
श्रीनगर गढ़वाल. उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में पुलिस विभाग अधिकारियों और कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रहा है. जिले की सीमा उत्तर प्रदेश जैसे संवेदनशील राज्य से भी लगती हैं, जहां लगातार आपराधिक घटनाएं होती रहती हैं. जिले के पहाड़ी क्षेत्र में तो कम ही आपराधिक घटनाएं होती हैं लेकिन कोटद्वार से आए दिन कई आपराधिक घटनाएं सामने आती रहती हैं. ऐसे में पुलिस के लिए कानून व्यवस्था बनाए रखना चुनौती भरा हो जाता है. एक तरफ जहां पुलिस कानून व्यवस्था ठीक करने की कोशिश करती है, तो वहीं अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी सामने आ जाती है. जिले में पुलिस क्षेत्राधिकारी के चार पद हैं, लेकिन सीओ के हाल ही में हुए ट्रांसफर के कारण जिले में अब सिर्फ एक क्षेत्राधिकारी हैं और वह भी फिलहाल मातृत्व अवकाश पर हैं. ऐसे में पूरा जिला बगैर सीओ के ही चल रहा है. इसके अलावा जिले में इंस्पेक्टर के चार, एसआई के 17, एएसआई और कांस्टेबल के 189 पद खाली हैं, जिससे कानून व्यवस्था को बनाए रखना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.
पौड़ी जिले में सीओ के चार पद हैं, सीओ सदर पौड़ी, श्रीनगर, कोटद्वार और एक पद सीओ ऑपरेशन का भी है. सीओ पौड़ी और कोटद्वार का हाल ही उधम सिंह नगर तबादला हो गया है. चारों पदों में से पुलिस को एकमात्र सीओ अनुषा बडोला मिली हैं लेकिन वह भी मातृत्व अवकाश पर चल रही हैं. ऐसे में फिलहाल जनपद बिना सीओ के चल रहा है.
इंस्पेक्टर से लेकर कांस्टेबल के ये पद खाली
जनपद पौड़ी में इंस्पेक्टर के 10 पद स्वीकृत हैं. यहां उनमें 6 सेवारत हैं जबकि एक पुलिस मुख्यालय, एक साइबर क्राइम और दो एसटीएफ देहरादून संबंद्ध चल रहे हैं. सब इंस्पेक्टर के 67 पदों के सापेक्ष 50 सेवारत और 17 रिक्त चल रहे हैं. हालांकि महिला सब इंस्पेक्टर के जिले में सिर्फ दो पद स्वीकृत हैं लेकिन 11 सेवारत हैं. एएसआई पुरुष के स्वीकृत 46 पदों पर 39 रिक्त और महिला एएसआई के स्वीकृत पांच पदों में दो सेवारत और तीन पद खाली पड़े हैं. सेवारत दोनों एएसआई में एक-एक देहरादून संबंद्ध हैं. सबसे खराब स्थिति कांस्टेबल पदों पर बनी है. यहां 356 पदों के सापेक्ष 174 सेवारत और 182 पद खाली पड़े हैं. अधिकारी-कर्मचारियों की कमी सिविल पुलिस में नहीं बल्कि सशस्त्र पुलिस शाखा, परिवहन शाखा, एनआईयू, फायर सर्विस, जल पुलिस, लिपिक संपर्क में भी बनी हुई है.
एलआईयू में भी कर्मचारियों का टोटा
जनपद पौड़ी पुलिस की एलआईयू (अभिसूचना इकाई) शाखा कार्मिकों की कमी से जूझ रही है. यहां हेड कांस्टेबल के 14 पदों पर 8 सेवारत और 6 रिक्त, कांस्टेबल के 18 पदों में केवल 6 सेवारत और 12 पद खाली पड़े हैं. वहीं फायर सर्विस में एफएसओ का एक, एफएसएसओ और लीडिंग फायरमैन के तीन पद, चालक के दो, फायरमैन के 28, एएसआई (एम) के दो और चतुर्थ श्रेणी के 10 पद रिक्त चल रहे हैं.
जिले में पिछले 9 माह में अपराधों की संख्या
वहीं जिले में लगातार अपराधों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही हैं. कोटद्वार और पौड़ी को मिलाकर इस साल जनवरी से लेकर सितंबर माह के बीच जनपद में हत्या के 6 मामले, चेन स्नेचिंग के 4 मामले, बलात्कार और पॉक्सो के 40 मामले, बलवा के 21 मामले और सबसे ज्यादा घरों में हुई चोरी के 78 मामले सामने आए हैं.
पुलिसकर्मियों की कमी से जांच में देरी
स्थानीय निवासी और आरटीआई एक्टिविस्ट राजा कोहली ने लोकल 18 से कहा कि पौड़ी पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों की भारी कमी से जूझ रही है. इसके चलते जांचों में काफी देरी हो रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को पुलिस बल की संख्या बढ़ानी चाहिए ताकि लंबित मामलों की विवेचना जल्द से जल्द हो सके.
क्या बोले एसएसपी?
पौड़ी के एसएसपी लोकेश्वर सिंह ने लोकल 18 से कहा कि जिले में पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की तैनाती के लिये सूचना हेड ऑफिस को भेज दी गई है. वहीं प्रदेश भर में पुलिसकर्मियों के प्रमोशन भी होने हैं, जिसके बाद अधिकांश पद पर प्रमोशन के जरिए तैनाती होंगी.
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FIRST PUBLISHED :
November 20, 2024, 14:06 IST