Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:February 12, 2025, 09:08 IST
प्याज की फसल को कीटों और रोगों से बचाव की आवश्यकता होती है. प्रमुख रोगों में फफूंदी जनक रोग, पर्पल ब्लॉच, और झुलसा रोग शामिल हैं. इसमें कीटों का भी प्रकोप हो सकता है. ये रोग एवं कीट प्याज की फसल को प्रभावित कर ...और पढ़ें
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बस्ती: भारतीय रसोई में प्याज एक बेहद महत्वपूर्ण सामग्री में से एक है. यह न केवल खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि इसके स्वास्थ्य लाभ भी अनेक हैं. प्याज का उपयोग लगभग हर भारतीय व्यंजन में किया जाता है. प्याज का उपयोग हर व्यंजन में करने की वजह से इसकी डिमांड हमेशा बनी रहती है. जिसके चलते कभी-कभी इसके कीमत में काफी उछाल आ जाता है. यदि किसान प्याज की खेती कर अधिक उत्पादन करके अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो उन्हें इसकी खेती के पूरे तौर तरीके जानने होंगे, क्योंकि प्याज में कीड़े और कुछ रोग भी लगते हैं, जो इसके उपज को प्रभावित करते हैं. प्याज में कीड़े और रोग लगने से फसल की उपज बहुत ही कम हो जाती है, जिससे किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है.
खेत में डाले यह उर्वरक
कृषि रक्षा अधिकारी बस्ती रतन शंकर ओझा बताते हैं कि प्याज के लिए खेत तैयार करते समय 25 से 30 कुंतल प्रति हेक्टेयर कंपोस्ट या गोबर की सड़ी खाद खेतों में अवश्य डालें. इससे खेत की मिट्टी को ऑर्गेनिक मैटर मिल जाता है जिसकी खेतों की कमी होती है. गोबर की सड़ी खाद का इस्तेमाल से जीवांश बढ़ते हैं और मिट्टी भुरभुरी हो जाती है जिससे पौधों की जड़ें काफी अंदर तक जाती हैं.
प्याज की खेती में लगने वाले रोग और कीट
कृषि रक्षा अधिकारी बस्ती रतन शंकर ओझा लोकल 18 से बातचीत में बताते हैं कि प्याज की फसल को कीटों और रोगों से बचाव की आवश्यकता होती है. प्रमुख रोगों में फफूंदी जनक रोग, पर्पल ब्लॉच, और झुलसा रोग शामिल हैं. इसमें कीटों का भी प्रकोप हो सकता है. ये रोग एवं कीट प्याज की फसल को प्रभावित कर उसकी उत्पादन को घटा सकते हैं.
कीटों से कैसे करें बचाव
किसानों को जड़ों में थिप्स कीट के लगने का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि जब ये लगते है तो पौधे सूखने लगते हैं. इन कीटों के नियंत्रण के लिए किसान क्लोरोपाइरीफॉस 20% ईसी, डाइमेथोएट 30% ईसी या क्यूनालफॉस 25% ईसी का छिड़काव कर सकते हैं. इन दवाओं का छिड़काव 2 से 3 मिली लीटर प्रति लीटर पानी में करके 9 से 10 दिन के अंतराल पर दो बार स्प्रे करें.
पर्पल ब्लॉच और झुलसा रोग से कैसे बचाएं
पर्पल ब्लॉच और झुलसा रोग से बचाव के लिए मैंकोजेब 70% का स्प्रे 4 ग्राम प्रति लीटर पानी में 7 से 10 दिन के अंतराल पर 2-3 बार किया जाना चाहिए. इस तरह से रोगों पर काबू पाकर किसान प्याज की अच्छी फसल ले सकते हैं.
कैसे करें प्याज की फसल का भंडारण
रतन शंकर ओझा बताते हैं कि प्याज की फसल का भंडारण भी अहम होता है. प्याज की फसल की अच्छे भंडारण के लिए 10 से 15 दिन पहले सिंचाई को बंद कर देना चाहिए, ताकि प्याज में नमी कम हो और उसका भंडारण करना आसान हो सके. यदि सिंचाई नहीं बंद की जाती है, तो नमी के कारण प्याज खराब हो सकता है.
फसल खेत से निकलने के बाद प्याज को हल्के छायादार स्थान पर सूखने के लिए रख देना चाहिए. एक सप्ताह तक सुखाने के बाद प्याज को गुच्छे बनाकर लटका कर सुरक्षित रखा जा सकता है. इससे प्याज की गुणवत्ता बनी रहती है और लंबे समय तक इसकी ताजगी बरकरार रहती है.
Location :
Basti,Basti,Uttar Pradesh
First Published :
February 12, 2025, 09:05 IST
प्याज की खेती में रखें इन बातों का ध्यान, कम लागत में होगी तगड़ी कमाई