अयोध्या: रामनगरी अयोध्या से राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के आश्रम मणिराम दास छावनी से 200 से अधिक साधु-संतों और भक्तों का काफिला भरत यात्रा के लिए रवाना हुआ. उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास के नेतृत्व में इस यात्रा की शुरुआत हुई. प्रस्थान से पूर्व साधु-संतों ने भरत और शत्रुघ्न के प्रतीकात्मक स्वरूप का पूजन किया.
पांच दिवसीय यह भरत यात्रा अयोध्या से नंदीग्राम, कुशभावनपुर, प्रयागराज होते हुए 20 नवंबर को चित्रकूट पहुंचेगी. इस दौरान विभिन्न स्थलों पर रुककर साधु-संत भगवान राम और भरत के आदर्श प्रेम संबंधों का प्रचार करेंगे और अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर की महिमा का बखान करेंगे. 21 नवंबर को यह यात्रा चित्रकूट से लौटकर पुनः अयोध्या आएगी.
भव्य स्वागत और धार्मिक उत्साह
अयोध्या वासियों ने भरत और शत्रुघ्न के प्रतीक स्वरूप की आरती उतारी और यात्रा के लिए आशीर्वाद दिया. मणिराम दास छावनी से निकलने वाली इस यात्रा में 200 से अधिक साधु-संत और स्थानीय लोग शामिल हैं. 20 नवंबर को चित्रकूट में पहुंचने के बाद, भरत प्रभु राम को मनाने का प्रतीकात्मक आयोजन करेंगे.
महंत कमलनयन दास का संदेश
महंत कमलनयन दास ने कहा, “प्रभु राम धर्म और आदर्श के प्रतीक हैं. राम-भरत के आदर्श प्रेम को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से यह यात्रा आयोजित की जा रही है. यह परंपरा आज से 50 वर्ष पूर्व महंत नृत्य गोपाल दास जी ने प्रारंभ की थी, जिसे आज भी जारी रखा जा रहा है.” इस यात्रा ने अयोध्या में एक बार फिर रामायणकाल की स्मृतियों को ताजा कर दिया है. साधु-संतों और श्रद्धालुओं के इस धार्मिक उत्सव से रामभक्तों में उत्साह और श्रद्धा का संचार हुआ है.
FIRST PUBLISHED :
November 17, 2024, 20:10 IST