Eco affable pots
नई दिल्ली: आजकल पॉल्यूशन बहुत बढ़ रहा है और हर किसी को पर्यावरण की चिंता सताती है. इस दिशा में छोटे-छोटे कदम बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं. प्लास्टिक के गमले जो पहले हमारे बाग-बगीचों का अहम हिस्सा हुआ करते थे, अब पर्यावरण के लिए खतरे का कारण बनते जा रहे हैं. ये गमले न केवल प्रदूषण का कारण बनते हैं, बल्कि पौधों की सेहत पर भी प्रतिकूल असर डाल सकते हैं. इसके बजाय, एक बेहतरीन और इको-फ्रेंडली विकल्प के रूप में अब कोकोनट कॉयर (नारियल के फाइबर) से बने गमले उपलब्ध हैं, जो पौधों के लिए भी लाभकारी हैं और पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित.
इको-फ्रेंडली गमले और उनका महत्व
कुछ ऐसा ही हमें देखने को मिला दिल्ली में लगे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में. यहां पर प्रशांत ने लोकल 18 से बात करते हुए इन इको-फ्रेंडली गमलो का महत्व बताया कि कोकोनट कॉयर से बने गमले प्राकृतिक और जैविक होते हैं. नारियल के छिलकों से निकाले गए इस फाइबर में उच्च जलधारण क्षमता होती है, जो पौधों की जड़ों को हमेशा ताजगी और नमी प्रदान करती है. इन गमलों में जल निकासी की भी बेहतरीन व्यवस्था होती है, जिससे पौधों की जड़ें सड़ने या सड़ने का जोखिम कम हो जाता है.
अपने आप होते हैं खत्म
इसके अलावा, कोकोनट कॉयर गमले पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल होते हैं, यानी कि ये समय के साथ प्राकृतिक रूप से नष्ट हो जाते हैं, जिससे प्लास्टिक के गमलों की तुलना में पर्यावरण पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता. इसके अलावा आप इन्हें असानी से लेकर एक जगह से दूसरी जगह तक जा सकते हैं. इनके टूटने का जोखिम भी नही होता है. इनमें लगे पौधे 3 से 4 साल तक खराब नही होते हैं.
पर्यावरण के लिए हैं बेस्ट
आज के समय में, जब पर्यावरण संकट से जूझ रहा है, ऐसे इको-फ्रेंडली विकल्पों को अपनाना हमारे लिए जरूरी हो गया है. कोकोनट कॉयर के गमले न सिर्फ हमारे पौधों के लिए बल्कि पूरी पृथ्वी के लिए एक सही विकल्प साबित हो सकते हैं. इस छोटे से बदलाव से हम अपनी जिम्मेदारी निभा सकते हैं और प्रकृति को संरक्षित कर सकते हैं.
Tags: Delhi, Local18, Save environment
FIRST PUBLISHED :
November 27, 2024, 12:00 IST