Agency:News18 Himachal Pradesh
Last Updated:February 03, 2025, 13:59 IST
Mandi Solar Plant News: मंडी के पटड़ीघाट में 'दि बताहुता एग्रीकल्चर सर्विस को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड' ने 1 मेगावाट का सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किया है. 5 करोड़ की लागत से बने इस प्रोजेक्ट से प्रतिवर्ष 50-55 ला...और पढ़ें
बंजर भूमि पर बना प्लांट
हाइलाइट्स
- 30 बीघा जमीन पर एक मेगावाट सोलर प्रोजेक्ट स्थापित किया गया.
- प्रतिमाह 4-5 लाख रुपये की आमदनी हो रही है.
- सोलर प्लांट से युवाओं को रोजगार के अवसर मिले हैं.
मंडी. जिला मंडी के सरकाघाट उपमंडल की ग्राम पंचायत पटड़ीघाट में स्थित ‘दि बताहुता एग्रीकल्चर सर्विस को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड’ ने सरकार की सौर ऊर्जा नीति के तहत अक्षय ऊर्जा पर आधारित प्रोजेक्ट स्थापित किया है. इस प्लांट से सोसायटी को प्रतिमाह 4 से 5 लाख रुपये तक की आमदनी हो रही है. सोसायटी ने 30 बीघा जमीन पट्टे पर लेकर एक मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किया है.
सोसायटी के सचिव पितांबर लाल ने बताया कि उनके मन में हमेशा ग्रामीण क्षेत्र में कुछ नया करने का सपना था. क्षेत्र में सिंचाई सुविधा न होने के कारण खेती बारिश पर निर्भर रहती थी, जिससे ग्रीनहाउस और डेयरी फार्म जैसे कार्य कठिन थे. साथ ही, शहर से दूरी के कारण कोल्ड स्टोरेज, फसल ग्रेडिंग सिस्टम और मार्केटिंग में भी कठिनाइयाँ थीं. इसी वजह से उन्होंने ऐसा कार्य करने का सोचा जो बिना किसी बड़ी समस्या के स्थापित हो सके. इस विचार के तहत सोलर प्लांट का प्रस्ताव प्रबंधन समिति के सामने रखा गया.
9 माह में पूरा हुआ प्रोजेक्ट, 5 करोड़ की लागत
अगस्त 2023 में हिम ऊर्जा विभाग से सोसायटी को प्लांट आवंटित हुआ. नौ माह के भीतर इसका कार्य पूरा कर मार्च 2024 में पटड़ीघाट के गुलेला, हड़सर में एक मेगावाट का सहकारी सभा सोलर पावर प्रोजेक्ट स्थापित किया गया. संयंत्र स्थापित करने पर लगभग 5 करोड़ रुपये की लागत आई. इसमें 2.70 करोड़ रुपये का ऋण स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, सुंदरनगर से लिया गया और शेष 2.30 करोड़ रुपये सोसायटी ने निवेश किए.
25 वर्षों के लिए बिजली खरीद का अनुबंध
प्लांट से उत्पादित बिजली 3.75 रुपये प्रति यूनिट की दर से हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड को बेची जा रही है. सोसायटी ने इसके लिए 25 वर्षों के लिए बिजली खरीद का अनुबंध किया है. गर्मियों में प्लांट की उत्पादन क्षमता 90-95% जबकि सर्दियों में 70% तक रहती है. इससे प्रतिवर्ष 50 से 55 लाख रुपये की आमदनी का अनुमान है. प्रोजेक्ट की लागत अगले 10 से 12 वर्षों में पूरी हो जाएगी, जिसके बाद मुनाफे में वृद्धि तय है.
रोजगार के अवसर भी हुए सृजित
इस प्लांट से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिले हैं. पावर प्लांट की देखरेख के लिए सोलर बाड़बंदी, सीसीटीवी कैमरे और वॉशिंग सिस्टम की व्यवस्था की गई है. सोसायटी ने एक इलेक्ट्रिशियन और एक चौकीदार की भी नियुक्ति की है.
खाली पड़ी भूमि से भी हो रही आमदनी
सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए गुलेला, हड़सर के सेवानिवृत्त अध्यापक दिला राम से 30 बीघा भूमि 30 वर्षों के लिए लीज पर ली गई है. इस भूमि पर खेती करना घाटे का सौदा था, लेकिन अब दिला राम को प्रति वर्ष लगभग डेढ़ लाख रुपये की आमदनी हो रही है.
सरकारी प्रोत्साहन और विस्तार योजनाएं
पितांबर लाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए की गई पहल सराहनीय है. उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि सरकार की सौर नीति के तहत जिले में और अधिक सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है.
वरिष्ठ अधिशासी अभियंता विद्युत विभाग, सरकाघाट राज कुमार गुप्ता ने बताया कि उपमंडल में जन्धरू कलां, लोअर घट्टा, सुलपुर बही बजरायाणा, सुलपुर बही, अप्पर भांबला, गुलेला हड़सर और मसेरन भद्रवाड़ में छह सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं. इनसे उत्पादित बिजली सरकार 3.75 रुपये प्रति यूनिट की दर से खरीद रही है.
Location :
Mandi,Himachal Pradesh
First Published :
February 03, 2025, 13:59 IST