रियल एस्टेट सेक्टर के लिए लंबे समय के बाद एक शानदार बजट आया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने होम बायर्स के हाथों में पैसा पहुंचाने के लिए इनकम टैक्स छूट की सीमा 12 लाख रुपये तक करने का ऐलान किया है। वहीं, नौकरीपेशा वर्ग के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन छूट की सीमा 75,000 हजार रुपये की गई है। यानी नौकरीपेशा वर्क की 12.75 लाख रुपये की सालाना इनकम टैक्स फ्री हो गई। इससे आम लोगों की बचत में वृद्धि होगी। वह इस पैसे का इस्तेमाल अपने घर और गाड़ी जैसे बड़े सपने को पूरा करने में करेगा। इससे घरों की मांग में वृद्धि होगी। इसका फायदा इंडियन इकोनॉमी को भी मिलेगा। बाजार में मांग निकलने से जीडीपी की रफ्तार तेज होगी। यह भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का काम करेगा।
नए ‘स्वामी’ फंड की घोषणा
इतना ही नहीं, बजट में नए ‘स्वामी’ फंड की घोषणा हुई है। वित्त मंत्री ने कहा कि हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में एक लाख यूनिट्स को पूरा करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये का नया ‘स्वामी’ फंड बनाया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य उन घर खरीदारों को राहत देना है, जिनके घर का पजेशन अटका हुआ है। यह एक बेहतरीन कदम है। इससे अटके हुए प्रोजेक्ट को पूरा करने में मदद मिलेगी। इतना ही नहीं मकान किराए पर टीडीएस छूट की सीमा 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये की गई, जिससे मकान मालिक और किराएदार दोनों को लाभ होगा।
दो मकान वाले को भी टैक्स में राहत
वहीं, दो घर के मालिकों को भी इस बजट में टैक्स राहत देने की बात कही गई है। बजट में दी गई जानकारी के मुताबिक, अगर आपके पास खुद के कब्जे के दो मकान या प्रॉपर्टी हैं तो अब टैक्सेशन के हिसाब से इन दोनों संपत्तियों का सालाना मूल्य शून्य माना जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट भाषण में ऐलान किया है कि करदाता बिना किसी शर्त के दो स्व-कब्जे वाली संपत्तियों का सालाना मूल्य शून्य के रूप में क्लेम कर सकते हैं।
इंफ्रा पर बूस्ट से भी मिलेगा फायदा
इसके साथ ही पूंजीगत व्यय के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये की ब्याज मुक्त ऋण राशि और प्रत्येक बुनियादी ढांचा मंत्रालय से तीन सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल (पीपीपी) प्रस्तावों की शुरूआत जैसी पहलों के माध्यम से रुकी हुई आवास परियोजनाओं को संबोधित करने पर वित्त मंत्री का ध्यान सराहनीय है।