Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:February 12, 2025, 10:58 IST
अगर आप भी शेरवानी पहनने का शौक रखते हैं, तो यह खबर आपके काम की है. उत्तर प्रदेश का जनपद अलीगढ़ अपने शानदार शेरवानी के लिए भी काफी मशहूर है.
भारत के 10 राष्ट्रपतियों ने पहनी है यहां की शेरवानी! बॉलीवुड में भी क्रेज
अलीगढ़: अगर आप भी शेरवानी पहनने का शोक रखते हैं, तो यह खबर आपके काम की है. उत्तर प्रदेश का जनपद अलीगढ़ ताला और तालीम के लिए दुनिया भर में मशहूर है, लेकिन शायद बहुत कम लोग जानते हैं कि अलीगढ़ शेरवानी के लिए भी जाना जाता है. जी हां, अलीगढ़ की शेरवानी ने राष्ट्रपति भवन में तक जगह बना ली है. इसी अलीगढ़ की शेरवानी को पूर्व राष्ट्रपति डॉ जाकिर हुसैन से लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तक पहन चुके हैं. इनके आलावा देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी भी पहन चुके हैं.
नेता और अभिनेता भी हैं इनके शेरवानी के फैन
अलीगढ़ शहर के तस्वीर महल चौराहे पर स्थित मेहंदी हसन टेलर की दुकान की शेरवानी को भारत के कई राष्ट्रपति, फिल्मी सितारों से लेकर कई राजनेता तक फैन हैं. यहां रॉयल ट्रेडिशनल एथेनिक शेरवानी, वेडिंग शेरवानी, जोधपुरी शेरवानी, इंडो वेस्टर्न शेरवानी, पाकिस्तानी शेरवानी जैसी कई प्रकार की शेरवानी मिलती हैं. 1944 में शुरू हुई मेहंदी हसन टेलर की दुकान अपनी बेहतरीन कारीगरी के ज़रिए अपनी एक अलग पहचान बनाई है. यही कारण है कि अमेरिका, न्यूजीलैंड व सऊदी अरब आदि देशों से शेरवानी बनवाने के लिए यहां आर्डर आते हैं. साथ ही अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से जुड़े अधिकांश लोग यही शेरवानी सिलवाने आते हैं.
10 प्रेसिडेंट की बनाई है शेरवानी
दुकान मालिक अख्तर मेहंदी ने जानकारी देते हुए बताया कि हमारी यह दुकान शेरवानी के लिए स्पेशल तौर पर मशहूर है. हमारे यहां की शेरवानी की खूबी और खासियत यह है कि हम जो शेरवानी बनाते हैं वह बॉडी फिट बनाते हैं जिस प्रकार बॉडी का स्ट्रक्चर होता है. हम उस हिसाब से शेरवानी के शेप को देते हैं. यह फन किसी और के पास नहीं है. लोग इसी वजह से हमारे पास आते हैं. अब तक हमारे यहां 10 प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की शेरवानी सिल चुकी है. चार हमारे वालिद साहब ने बनाई थी, जिसमे डॉ जाकिर हुसैन, नीलम संजीवा रेड्डी, फखरुद्दीन अली अहमद जैसे नाम शामिल हैं. उसके बाद हमने 6 प्रेसिडेंट की शेरवानी बनाई जिसमें रामनाथ कोविंद, प्रणब मुखर्जी, हामिद अंसारी, एपीजे अबुल कलाम साहब और शंकर दयाल शर्मा जी शामिल हैं.
ब्रिटिश शासन काल से है दुकान
अख्तर मेहंदी ने बताया कि साल 1944 में हमारे पिताजी मेहंदी हसन ने ब्रिटिश शासन काल में इस दुकान की शुरुआत की थी, जिसको अब तकरीबन 79 साल हो चुके हैं. हमारे यहां की शेरवानी लोगों को इसलिए भी ज्यादा पसंद आती है, क्योंकि हमारे यहां अच्छे मटेरियल यूज़ करने के अलावा हर बॉडी स्ट्रक्चर के हिसाब से खूबसूरत डिजाइन शेरवानी को दिया जाता है जो लोगों पर अच्छा लगता है. हमारे यहां मिनिमम 3500 रूपए की शेरवानी सिल जाती है. इसके अलावा शादियों के सीजन में हमारे यहां शेरवानी के साथ के नागरा जूते साथ मे ही दिए जाते हैं. हमारे यहां ऑफ सीजन में 5 से 6 शेरवानी प्रतिदिन सी जाती हैं.
Location :
Aligarh,Aligarh,Uttar Pradesh
First Published :
February 12, 2025, 10:58 IST
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