Agency:News18 Himachal Pradesh
Last Updated:February 12, 2025, 13:23 IST
Jal Jeevan Mission Shimla: हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के कुराड़ग गांव में जल जीवन मिशन के तहत नल तो लगाए गए, लेकिन पानी की सप्लाई अब तक शुरू नहीं हो पाई है. स्थानीय लोग फंड की कमी और प्रशासनिक लापरवाही के कारण ...और पढ़ें
नल है-लेकिन जल नहीं है, हिमाचल के इस गांव में आज तक नहीं हुई पानी की सप्लाई
हाइलाइट्स
- कुराड़ग गांव में नल हैं, लेकिन पानी की सप्लाई नहीं है.
- पानी की कमी से गांव में झगड़े और समस्याएं बढ़ी हैं.
- फंड की कमी के कारण जल जीवन मिशन का काम रुका हुआ है.
शिमला. 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी. इसका उद्देश्य 2024 तक हर घर में जल पहुंचाना था. हिमाचल सरकार ने 2023 में हर घर नल और जल पहुंचाने का दावा किया था. लेकिन, हिमाचल-हरियाणा बॉर्डर से सटे जिला सोलन की कोटिनाम पंचायत का कुराड़ग गांव सरकार के इस दावे की पोल खोलता नजर आ रहा है. नेशनल हाईवे से कुछ ही दूरी पर स्थित इस गांव में नल तो लगाए गए, लेकिन आज तक पानी की सप्लाई नहीं हो पाई.
गांव की शांति देवी ने बताया कि लंबा अरसा बीत चुका है, लेकिन अभी तक पानी की सप्लाई शुरू नहीं हुई है. लोगों ने पैसे इकट्ठे कर खुद ही पाइपें जोड़ी हैं, जिससे किसी तरह गुजर-बसर लायक पानी मिल पाता है. सरकार ने हर घर में नल तो लगवा दिए, लेकिन उनमें आज तक पानी नहीं आया. तीन से चार बार पाइपें बिछाई गईं, लेकिन उनमें एक बूंद भी पानी नहीं बहा.
पानी के लिए हो जाते हैं झगड़े
रीता देवी ने बताया कि गांव में शुरू से ही पानी की समस्या रही है. पहले पानी चक्की मोड़ से आता था, लेकिन अब वह भी बंद हो गया है. कई बार पानी की किल्लत के कारण गांव में झगड़े तक हो चुके हैं. पूजा नामक ग्रामीण ने बताया कि नलों में पानी नहीं होने से लोगों को रोजमर्रा की जिंदगी में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है. 20 वर्षीय मीनाक्षी ने बताया कि उन्होंने आज तक अपने गांव में लगे नलों से पानी आते हुए नहीं देखा. उन्हें नहीं लगता कि आने वाले समय में भी पानी की समस्या हल होगी. दो साल पहले स्थानीय विधायक को शिकायत भी दी गई थी, लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं हुआ.
पानी की है भारी किल्लत
मनीष शर्मा ने बताया कि गांव में पानी और सड़क दोनों सुविधाओं की कमी है. हाईवे के पास होने के बावजूद सड़क नहीं बनी. साथ ही, पानी के लिए पंचायत और विधायक केवल आश्वासन ही देते रहे हैं. गांव के पास ही नदी है, जो एक बेहतर जल स्रोत हो सकता था, लेकिन फिर भी पानी की समस्या बनी हुई है. अजय ने बताया कि पानी लाने के लिए उन्हें काफी दूर जाना पड़ता है. सरकारी स्तर पर कोई मदद नहीं दी गई. कई जगह पाइपें भूस्खलन में टूट चुकी हैं, लेकिन उन्हें ठीक करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया. कोटिनाम पंचायत के वार्ड सदस्य रूबीन कुमार ने बताया कि कुराड़ग गांव सहित पूरी पंचायत में पानी की गंभीर समस्या है, जो गर्मियों में और बढ़ जाती है. लोगों ने निजी स्तर पर पाइपों के जरिए पानी पहुंचाने की योजना बनाई थी, लेकिन वह भी बंद हो गई.
विभाग ने बताई फंड की कमी
पंचायत में इस मुद्दे पर प्रस्ताव पारित किया गया और अधिकारियों से मुलाकात भी की गई. लेकिन पांच महीने बाद भी कोई हल नहीं निकला. जाबली की उठाऊं पेयजल योजना का 80% काम पूरा हो चुका था, लेकिन सरकार बदलते ही काम अटक गया. जल शक्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फंड की कमी के कारण काम रुका हुआ है. स्थानीय लोग और पंचायत सरकार से मांग कर रहे हैं कि उठाऊं पेयजल योजना का बचा हुआ 20% काम जल्द पूरा किया जाए, ताकि दो पंचायतों की पानी की समस्या का समाधान हो सके.
Location :
Shimla,Himachal Pradesh
First Published :
February 12, 2025, 13:23 IST