Side effects of mosquito repellent use: आमतौर पर मच्छरों से बचने के लिए लोग कमरे में मच्छर भगाने वाले वेपोराइजर मशीन का इस्तेमाल करते हैं. इसके लिक्विड में कुछ ऐसे केमिकल होते हैं जिसकी खुशबू से मिनटों में सारे मच्छर छूमंतर हो जाते हैं और हम डेंगू या चिकनगुनिया जैसे जानलेवा बीमारियों के खतरे से खुद को बचा लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका निगेटिव असर हमारे शरीर पर क्या पड़ता है? जाने माने न्यूरोसर्जन डॉ. अरुण नायक ने इंस्टाग्राम पर बताया कि किस तरह ये वेपाराइजर हमारे पर्यावरण, हेल्थ और ब्रेन पर बुरा असर डाल रहे हैं.
क्यों है खतरनाक
डॉ नायक के मुताबिक, सबसे अधिक बिकने वाली कंपनी के वेपोराइजर में भारी मात्रा में ऐसे केमिकल इस्तेमाल किए जा रहे हैं जो हमारी सेहत के लिए खतरनाक होते हैं. इन लिक्विड सॉल्यूशन को बनाने के लिए, ट्रांसफ्लुथ्रिन, ब्यूटाइलेटेड हाइड्रॉक्सीटोल्यूइन, कई सुगंध रसायनों का मिश्रण(बेंज़िल एसीटल), सिट्रोनेलोल और डाइमिथाइल ऑक्टाडाइन और गंधहीन केरोसिन (96% w/v) जैसे केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. जानकारी दे दें कि ट्रांसफ्लुथ्रिन एंग्जायटी, ट्रेमर, रेस्पिरेटरी फेलियर, छींक, त्वचा एलर्जी और सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है. यही नहीं, इन केमिकल को कैटेगरी-2 कार्सिनोजन की सूची में शामिल किया गया है, जो कैंसर बढ़ाने का कारण बन जाते हैं.
यह गर्भ में पल रहे शिशु के मस्तिष्क और बच्चों की इम्यून सिस्टम को बुरी तरह नुकसान पहुंचा सकते हैं. यह हाइपोथायरिज्म का कारण भी बन सकते हैं. इसके अलावा, इसका प्रभाव पालतू जानवरों पर भी पड़ता है. इसमें उपयोग किए जाने वाले सुगंधित रसायन फेफड़ों की बीमारियों और त्वचा एलर्जी का कारण बन सकते हैं. सीडीसी के अनुसार, यह सिरदर्द, एनोरेक्सिया और एकाग्रता में कमी का कारण भी बन सकते हैं.
यही नहीं, अगर आप घर में खिड़की-दरवाजे बंद कर इनका इस्तेमाल करते हैं तो ये और भी खतरनाक साबित हो सकता है. डॉक्टर के मुताबिक, इन केमिकल्स का अब तक कोई एंटीडोज नहीं है इसलिए गर्भवती महिलाएं, नवजात, छोटे बच्चे, बुजुर्ग या घर के पेट्स को इससे दूर रखना बहुत जरूरी है. डॉक्टर नायक ने बताया कि कई शोध में तो यह भी पाया गया है कि इस तरह के वेपोराइजर मच्छरों को और भी आकर्षित करते हैं.
इसे भी पढ़ें:4 योगाभ्यास बढ़ाएंगे आपकी खूबसूरती, स्किन पर आएगा नेचुरल ग्लो, त्वचा की कई समस्याएं होती हैं गायब
इन बातों का रखें ख्याल-अगर आपको इसका इस्तेमाल करना ही पड़े तो कुछ मिनटों के लिए इसे जलाएं और खिड़की दरवाजा खोल दें. नेचुरल विकल्पों का इस्तेमाल करें, जैसे नीम के पत्ते जलाना या कपूर का धुआं. मच्छरदानी का उपयोग करें और बाजार में उपलब्ध हर्बल प्रोडक्ट ही खरीदें.
FIRST PUBLISHED :
November 25, 2024, 13:10 IST