Last Updated:February 12, 2025, 18:11 IST
Indore Crime News: देश ही नहीं पूरी दुनिया में मछली खाने वालों की संख्या बहुत अधिक है. मछली खाने के शौकीन लोगों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है. अगर आप मछली खाते हैं तो अब जरा सावधान हो जाइए. हो सकता है जिस मछली...और पढ़ें
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दुर्गा प्रसाद सुनानिया की मछली खाने से किडनी और लिवर फेल.
हाइलाइट्स
- मछली खाने से इंदौर में शख्स की किडनी और लिवर खराब.
- मछली की पित्त की थैली खाने से हुआ नुकसान.
- डॉक्टरों ने इलाज कर मरीज की जान बचाई.
इंदौर (मिथिलेश गुप्ता): देश ही नहीं पूरी दुनिया में मछली खाने वालों की संख्या बहुत अधिक है. मछली खाने के शौकीन लोगों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है. अगर आप मछली खाते हैं तो अब जरा सावधान हो जाइए. हो सकता है जिस मछली को आप बड़े ही मजे से खा रहे हो वो आपकी ही लिवर और किडनी खराब कर दे. जी हां, मछली को हेल्दी नॉनवेज फूड समझकर उसका हर अंग खाना जानलेवा हो सकता है. मध्य प्रदेश के इंदौर में 42 साल के शख्स के साथ कुछ ऐसा हुआ है, जिसे सुनकर कोई भी मछली खाने से तौबा कर ले. आइए जानते हैं पूरा मामला…
किडनी और लीवर डैमेज
इंदौर के संगम नगर के पास लक्ष्मीपुरा कॉलोनी के रहने वाले 42 वर्षीय दुर्गा प्रसाद सुनानिया की अचानक तबीयत बिगड़ गई. उन्हें आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां उन्हें पता चला कि उनके किडनी और लीवर डैमेज हो चुके हैं. हालांकि, डॉक्टरों ने इलाज के बाद किसी तरह दुर्गा प्रसाद की जान बचा ली.
पहले लगा सामान्य फूड प्वॉइजनिंग
दरअसल, 24 दिसंबर को संगम नगर स्थित अपने घर में दुर्गा प्रसाद ने मछली बनाकर खाई थी, जिसके बाद उनकी अचानक तबीयत बिगड़ने लगी. पहले लगा कि यह सामान्य फूड प्वॉइजनिंग है, जिसके चलते उन्होंने उल्टी-दस्त की दवाइयां लीं, लेकिन दवाइयों के बाद भी जब हालत और बिगड़ने लगी, तब वह निजी अस्पताल पहुंचे. यहां जांच में चौंकाने वाली बात पता चली. डॉक्टरों ने बताया कि उन्होंने मछली की पित्त की थैली खा ली थी. इससे उसके लिवर और किडनी दोनों गंभीर रूप से प्रभावित हो गए.
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गंभीर हालत में अस्पताल लेकर पहुंचे परिजन
निजी अस्पताल के किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. जयसिंह अरोरा ने बताया, इलाज के दौरान पता चला कि मरीज ने अनजाने में मछली की पित्त की थैली खा ली थी, जिससे कुछ घंटों बाद उसे उल्टी और दस्त शुरू हो गए थे. शुरुआती इलाज के लिए परिजन उसे स्थानीय अस्पताल में लेकर पहुंचे थे. जहां पता चला कि उसके लिवर एंजाइम्स एसजीओटी और एसजीपीटी खतरनाक रूप से 30 से 50 के स्थान पर 3000-4000 के स्तर तक पहुंच गए हैं. इसके अलावा किडनी के क्रिएटिनिन की मात्रा भी 8-9 तक बढ़ गई थी. शरीर का लगातार वजन भी बढ़ रहा था।
डायलिसिस से हुआ फायदा
अस्पताल में मरीज का स्टेरॉयड और डायलिसिस की मदद से इलाज किया गया. शुरुआती 4 डायलिसिस के बाद मरीज की हालत में सुधार दिखने लगा. इसके बाद डायलिसिस बंद कर दिया गया. नतीजतन बिना किसी सर्जरी के सही दवाइयों और लगातार मॉनिटरिंग से मरीज की जान बच गई. 15 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद अब दुर्गा सही हैं.
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टॉक्सिन का प्रभाव और सावधानियां
डॉ. अरोरा ने बताया, मछली की पित्त की थैली में सायरपरोल नामक टॉक्सिन होता है, जो शरीर में पहुंचने पर लिवर और किडनी को तेजी से नुकसान पहुंचा सकता है. हालांकि, पित्त की थैली मल के साथ बाहर निकल जाती है, लेकिन इसका विष शरीर में गंभीर असर डालता है. यह समस्या समुद्री क्षेत्रों में आम होती है, लेकिन मध्य भारत में ऐसे मामले दुर्लभ हैं. हालांकि, लोगों को मछली के अंगों के सेवन के प्रति सतर्क रहना चाहिए.
समय रहते सही इलाज से बचाई जा सकती है जान
उन्होंने बताया, मछली के साथ पित्त की थैली का सेवन घातक हो सकता है. किसी व्यक्ति को उल्टियां, दस्त और अचानक लिवर-किडनी की खराबी के लक्षण दिखें, तो यह जांचना जरूरी है कि उसने मछली या किसी अन्य जहरीले पदार्थ का सेवन तो नहीं किया. समय पर सहीं इलाज से ही मरीज की जान बचाई जा सकती है.
Location :
Indore,Madhya Pradesh
First Published :
February 12, 2025, 18:11 IST
मछली खा रहा था युवक, तभी मुंह में चला गया ये हिस्सा, भागकर पहुंचा अस्पताल...