Insulin Resistance & Heart Disease: इंसुलिन रजिस्टेंस एक ऐसी कंडीशन होती है, जिनमें हमारा शरीर इंसुलिन का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाता है. इसकी वजह से ब्लड शुगर बढ़ सकता है और हार्ट व ब्रेन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. अब तक आपने सुना होगा कि इंसुलिन रजिस्टेंस की वजह से डायबिटीज हो जाती है, लेकिन एक हालिया स्टडी में खुलासा हुआ है कि इंसुलिन रजिस्टेंस की वजह से हार्ट डिजीज भी हो सकती हैं. रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों की मानें तो इंसुलिन रेजिस्टेंस पुरुषों में एओर्टिक स्टेनोसिस के खतरे को बढ़ा सकता है. यह एक गंभीर हार्ट डिजीज है.
एओर्टिक स्टेनोसिस एक गंभीर हार्ट डिजीज है, जो 45 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों में कॉमन होती है. इस कंडीशन में हार्ट की मुख्य ब्लड वेसल्स का वाल्व संकीर्ण हो जाता है या पूरी तरह से खुलता नहीं है, जिससे हार्ट से शरीर में ब्लड फ्लो कम हो जाता है. समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो यह बीमारी ज्यादा बढ़ सकती है. इस बीमारी में हार्ट को खून पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है. इससे हार्ट अटैक की नौबत आ सकती है. इस स्टडी में एओर्टिक स्टेनोसिस को लेकर कई अहम बातें सामने आई हैं, जिसे लेकर नए ट्रीटमेंट ऑप्शंस में मदद मिल सकती है.
यह रिसर्च फिनलैंड की कुओपियो यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं की है. इसमें एओर्टिक स्टेनोसिस से पीड़ित लोगों में इंसुलिन रेजिस्टेंस से संबंधित बायोमार्करों की पहचान की. बायोमार्कर्स में फास्टिंग इंसुलिन, प्रोइंसुलिन और सीरम सी-पेप्टाइड शामिल थे. रिसर्च में पाया गया कि इंसुलिन रेजिस्टेंस से जुड़ी ये बायोमार्कर एओर्टिक स्टेनोसिस के जोखिम को बढ़ाते हैं और इस तरह इंसुलिन रेजिस्टेंस को एओर्टिक स्टेनोसिस के एक प्रमुख रिस्क फैक्टर के रूप में देखा गया है. वैज्ञानिकों की मानें तो इंसुलिन रजिस्टेंस से बचाव करके इस खतरनाक हार्ट डिजीज से बचा जा सकता है.
सिर्फ डायबिटीज और हार्ट डिजीज ही नहीं, बल्कि इंसुलिन रेजिस्टेंस डिमेंशिया का कारण बन सकता है. जब शरीर इंसुलिन का सही से उपयोग नहीं करता, तो ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित नहीं होता, जिससे ब्रेन सेल्स को जरूरी एनर्जी नहीं मिल पाती है. इससे ब्रेन फंक्शनिंग प्रभावित होती है और धीरे-धीरे डिमेंशिया जैसे न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर हो सकते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो इंसुलिन रेजिस्टेंस को सुधारने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करना बेहद जरूरी है. वजन कम करना, नियमित एक्सरसाइज और बेहतर डाइट से इंसुलिन रजिस्टेंस को रोकने में मदद मिल सकता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 28, 2024, 09:55 IST