Agency:News18 Jharkhand
Last Updated:February 08, 2025, 08:39 IST
Mahakumbh 2025 News: महाकुंभ की ऐसी अद्भुत महिमा आपने शायद ही देखी-सुनी होगी. महाकुंभ का नाम सुनकर एक शख्स की याददाश्त 15 साल बाद लौट आई और वह अपने घर पहुंच गया. पढ़ें बेहद रोचक कहानी...
हाइलाइट्स
- महाकुंभ का नाम सुनकर 15 साल बाद लौटी याददाश्त
- लापता प्रकाश महतो को परिवार ने खुशी से अपनाया
- मृत्यु प्रमाण पत्र बनने से पहले घर पहुंचे प्रकाश महतो
कोडरमा. प्रयागराज महाकुंभ 2025 की महिमा तो आप लोग रोज देख-सुन ही रहे हैं. लेकिन, महाकुंभ का ऐसा प्रभाव शायद ही आपने देखा हो. झारखंड के कोडरमा में एक अद्भुत घटना घटी. यहां एक परिवार का मुखिया 15 साल से लापता था. परिवार ने कुछ दिन पहले ही उनके मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था. लेकिन, तभी थाने से खबर आई कि लापता शख्स मिल गया है. कमाल की बात ये कि सिर्फ महाकुंभ का नाम सुनकर उनकी याददाश्त वापस आ गई और परिवार का पता चल सका.
15 वर्ष पहले कोलकाता के लिए निकले थे प्रकाश
कोडरमा के मरकच्चो थाना में शुक्रवार को उस समय एक परिवार की आंखों में खुशी के आंसू छलक उठे, जब उनके परिवार का मुखिया करीब 15 साल के बाद मिला. दरअसल, थाना क्षेत्र के कादोडीह निवासी प्रकाश महतो कोलकाता नगर निगम में कार्यरत थे. उनकी मानसिक स्थिति थोड़ी ठीक नहीं थी. 9 मई 2010 को वह ड्यूटी के लिए ट्रेन से कोलकाता जा रहे थे. इस दौरान रास्ते में अचानक लापता हो गए. परिजनों द्वारा उनकी गुमशुदगी की शिकायत मरकच्चो थाना में दर्ज कराई गई थी. इसके बाद परिजन और पुलिस के स्तर से काफी खोजबीन के बाद भी उनका कुछ पता नहीं चला.
एक होटल में कर रहे थे काम
2 दिन पहले मरकच्चो के थाना प्रभारी सौरभ शर्मा ने परिजनों को फोन कर 15 साल से लापता प्रकाश महतो के मिलने की सूचना दी. इसके बाद परिजन पश्चिम बंगाल के रानीगंज स्थित होटल पहुंचे. यहां प्रकाश महतो से मिलकर परिजनों की खुशी के आंसू छलक उठे. होटल संचालक सुमित साव ने परिजनों को बताया कि करीब 15 वर्ष पहले सड़क पर घूमते हुए आंशिक रूप से विक्षिप्त प्रकाश महतो को उनके पिता ने अपने होटल में काम पर रखा था. होटल में कार्य के प्रति प्रकाश के समर्पण और मलिक के प्रति वफादारी ने उन्हें परिवार का हिस्सा बना दिया था. करीब 7 साल पहले उनके पिता की मौत हो गई, जिसके बाद सुमित होटल का संचालन कर रहे हैं.
कुंभ जाने की चर्चा के दौरान लौटी याददाश्त
होटल संचालक सुमित ने बताया कि प्रकाश महतो को होटल में पहलवान नाम दिया गया था. कुछ दिन पहले परिवार के सदस्य महाकुंभ जाने की चर्चा कर रहे थे. इस दौरान होटल संचालक ने प्रकाश महतो से भी कुंभ चलने की पेशकश की. इस दौरान प्रकाश महतो ने कहा कि वह कुंभ जरूर जाएगा, क्योंकि उसका घर भी उसी रास्ते में है. होटल संचालक को अचानक प्रकाश महतो के दिमागी हालत ठीक होने पर उससे पूछताछ की तो उसने अपना पता कोडरमा के मरकच्चो बताया. इसके बाद सुमित ने कोडरमा थाना से संपर्क कर मामले की जानकारी दी. मरकच्चो पुलिस को प्रकरण से अवगत कराया.
15 साल से सिर्फ तस्वीर में पिता को देखा
शुक्रवार को मरकच्चो थाना प्रभारी ने थाना परिसर में प्रकाश महतो (52) को उनके परिजनों को सौंपा. इस दौरान वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें खुशी से भर आईं. उनकी पत्नी गीता देवी के साथ पुत्र सुजल (18) और पुत्री रानी (16) की आंखें खुशियों से भर गईं. वे दोनों पिता का हाथ छोड़ ही नहीं रहे थे. जिस वक्त प्रकाश महतो लापता हुए थे, उस वक़्त सुजल की उम्र तीन साल तथा रानी की उम्र तीन महीने थी. बच्चों ने बताया कि सिर्फ तस्वीरों में ही पिता को देखा था. आज अपने पिता को सामने पाकर उन लोगों के चेहरे पर ख़ुशी देखते बनती थी. आज उन्हें दुनिया की सारी खुशी मिल गई. पति के लापता होने के बाद गीता देवी ने मजदूरी कर दोनों बच्चों का पाला.
महाकुंभ तो जरूर जाएंगे प्रकाश
प्रकाश महतो के परिजनों ने बताया कि रानीगंज में होटल से उन्हें वापस लाने के दौरान होटल संचालक सुमित और उनका पूरा परिवार भी भावुक हो गया. सुमित और उनके परिवार के सदस्यों के आंसू छलक उठे. सुमित ने परिजनों को आश्वस्त किया कि कुछ दिन के बाद वह मरकच्चो के रास्ते परिवार के साथ प्रकाश महतो को भी कुंभ में गंगा स्नान के लिए लेकर जाएंगे.
मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए कर दिया था आवेदन
प्रकाश महतो के परिजनों ने बताया कि लापता होने के बाद लंबे समय तक कोलकाता नगर निगम में योगदान नहीं देने पर करीब 10 दिन पहले नगर निगम द्वारा परिजनों को एक पत्र भेजा गया था. इसमें सरकार के नियम अनुसार 7 वर्ष से अधिक समय तक लापता रहने वाले व्यक्ति को स्वतः मृत मानकर उनके आश्रितों को नौकरी की पेशकश की गई थी. इसके बाद परिजनों ने प्रकाश महतो के मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर अंचल कार्यालय में आवेदन भी समर्पित कर दिया था. हालांकि, कुछ कागजात की कमी के कारण प्रकाश महतो का मृत्यु प्रमाण पत्र अंचल कार्यालय में प्रक्रियाधीन था.
Location :
Kodarma,Jharkhand
First Published :
February 08, 2025, 08:39 IST
महाकुंभ सुनकर 15 साल बाद लौटी याददाश्त, डेथ सर्टिफिकेट बनने से पहले घर पहुंचा