Last Updated:February 11, 2025, 12:33 IST
shiv parvati vivah ki sahi tithi successful hindi: बहुत से लोग ये जानते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. बहुत लोगों से जब आप पूछेंगे कि महाशिवरात्रि क्यों मनाते हैं तो लोगों का जवाब...और पढ़ें
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क्या महाशिवरात्रि पर हुआ था शिव-पार्वती विवाह?
हाइलाइट्स
- महाशिवरात्रि 26 फरवरी दिन बुधवार को है.
- महाशिवरात्रि शिवलिंग के प्रकाट्य की रात्रि है.
- शिवरात्रि का उपवास करके शिव कृपा पा सकते हैं.
महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाते हैं. इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करते हैं. इस साल महाशिवरात्रि 26 फरवरी दिन बुधवार को है. बहुत से लोग ये जानते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इस दिन भगवान शिव वैराग्य से दांपत्य जीवन में प्रवेश किए थे. बहुत लोगों से जब आप पूछेंगे कि महाशिवरात्रि क्यों मनाते हैं तो लोगों का जवाब यही हो सकता है. शिवपुराण की कथा कहने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा से जानते हैं कि क्या महाशिवरात्रि पर शिव और पार्वती का विवाह हुआ था?
कब हुआ था शिव-पार्वती विवाह?
पंडित प्रदीप मिश्रा बताते हैं कि लोगों का कहना है कि महाशिवरात्रि के दिन शंकर जी की पार्वती जी के साथ शादी हुई थी. ये दुनिया के लोग कहते हैं. लेकिन जिसने शिव पुराण की कथा सुनी होगी या पढ़ी हो तो शिव जी और माता पार्वती की शादी की जो तारीख है, वो महाशिवरात्रि यानि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि नहीं है.
भगवान महादेव के विवाह की जो तारीख है, वो वैशाख शुक्ल पंचमी तिथि है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की जो पंचमी तिथि पड़ती है, उस दिन शिव पार्वती विवाह हुआ था.
शिवरात्रि क्यों मनाते हैं?
पंडित प्रदीप मिश्रा के अनुसार, यह शिवरात्रि विवाह की रात्रि नहीं है. ब्रह्मा और विष्णु जी ने शंकर जी को पहचानने के लिए धरती पर प्रथम शिवलिंग का प्रकाट्य कराया था. यह शिवरात्रि भगवान शिव के जन्म की शिवरात्रि है. यह शिवलिंग के प्रकाट्य की शिवरात्रि है. आपसे कोई पूछे तो आप बताएं कि शिवरात्रि को भगवान शिव का जन्म हुआ था.
शिवरात्रि का महत्व
एक बार भगवान शिव ने माता पार्वती को शिवरात्रि के महत्व के बारे में बताया था. उन्होंने बताया था कि जो भी व्यक्ति शिवरात्रि के दिन व्रत रखता है और उपवास करता है, वो शिवलिंग का अभिषेक न करे, धूप, फूल, अर्चना, वस्त्र आदि न अर्पित करे, तो भी वह शिव की प्राप्ति कर लेता है, वह शिवजी को प्रसन्न कर लेता है.
First Published :
February 11, 2025, 12:33 IST