Last Updated:January 24, 2025, 14:57 IST
सिवनी में मिले तेंदुए की लाश की गुत्थी सुलझ गई है. तेंदुए का शिकार एक बाघ ने किया था. तेंदुआ अपने शावक को बचाते-बचाते मौत के मुंह में समा गया था.
एक मां के लिए उसका बच्चा दुनिया में सबसे जरुरी होता है. बच्चे के ऊपर आने वाले कोई भी मुसीबत को मां अपने ऊपर लेने से नहीं हिचकती. चाहे वो मौत ही क्यों ना हो? ये बात ना सिर्फ इंसानों के ऊपर लागू होती है बल्कि जानवर भी अपने बच्चे के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार होते हैं. अपने शावक को खूंखार बाघ से बचाने के लिए एक मादा तेंदुए ने भी अपनी जान दे दी.
पेंच टाइगर रिजर्व में बुधवार को एक तेंदुए की लाश मिली थी. लाश की स्थिति बेहद खराब थी. इसके बाद खबरें आने लगी कि इलाके में शिकारी मौजूद हो सकते हैं. लेकिन अब तेंदुए की मौत की वजह का खुलासा हो गया है. सामने आया है कि मादा तेंदुआ अपने शावक को बाघ से बचा रही थी. इस दौरान तेंदुए और बाघ के बीच संघर्ष हुआ, जिसमें मां को अपनी जान गंवानी पड़ी. लेकिन हैरानी की बात ये है कि शावक ने अपनी जान बचा ली.
खूनी संघर्ष के मिले निशान
बुधवार को तेंदुए की लाश मिलने के अगले दिन जांच टीम ने मौके का निरीक्षण किया. उन्होंने पाया कि तेंदुए को कुछ दूर घसीटा गया था. वहां बाघ के पंजों के निशान भी मिले. इससे साफ़ हो गया कि तेंदुए की मौत बाघ के साथ हुए संघर्ष के कारण हुई है. तेंदुआ अपने शावक को बचा रहा था. पहले जांच टीम को सिर्फ तेंदुए की लाश मिली थी. लेकिन जब वहां स्निफिंग डॉग की मदद ली गई तो एक और खुलासा हुआ.
दरार से मिला शावक
डॉग की मदद से जब टीम ने उसके बताए रास्ते की जांच की तो वो एक चट्टान के पास पहुंचे. वहां उन्हें एक शावक मिला. इसके बाद टीम ने तत्काल शावक को रेस्क्यू किया और पूरा मामला साफ़ हो गया. अपनी मां और बाघ के बीच हो रहे संघर्ष को देख शावक एक चट्टान की दरार के बीच छिप गया था. शावक की आयु लगभग दो महीने बताई जा रही है. उसे फिलहाल इलाज के लिए भोपाल वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भेज दिया गया है.
First Published :
January 24, 2025, 14:57 IST
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