'मां गंगा के लिए बरसों से तरस रही अस्थियां'...पाक विस्थापितों की अनछुई कहानी

2 hours ago 2

Agency:News18 Rajasthan

Last Updated:February 12, 2025, 12:37 IST

रूह को झकझोरने वाली यह दास्तां उन हजारों हिंदू परिवारों की है, जो सरहद पार पाकिस्तान के बाशिंदे हैं और अपनों के जाने के बाद उनकी अस्थियों को भारत के हरिद्वार में विसर्जित करने का मन रखते हैं.

X

गंगा

गंगा में अस्थियां प्रवाहित करने की रहती है अधूरी आस

हाइलाइट्स

  • पाक विस्थापितों की अस्थियां गंगा स्नान का इंतजार कर रही हैं.
  • थार एक्सप्रेस बंद होने से पाक नागरिक अस्थियां विसर्जित नहीं कर पा रहे.
  • वीजा और खर्च की समस्याओं से अस्थियों का विसर्जन मुश्किल.

बाड़मेर:- एक जमीन को दो रंगो में रंग दिया गया और बीच में खींच दी कांटो की बार्डर. लेकिन जो बार्डर के उस तरफ रह गए, उनकी आंखों में अश्क़ बहते हैं मां गंगा के इंतजार में और यह कांटों की सरहदें मां गंगा तक पहुंचने में आड़े आती हैं. रूह को झकझोरने वाली यह दास्तां उन हजारों हिंदू परिवारों की है, जो सरहद पार पाकिस्तान के बाशिंदे हैं और अपनों के जाने के बाद उनकी अस्थियों को भारत के हरिद्वार में विसर्जित करने का मन रखते हैं. लेकिन थार एक्सप्रेस के बन्द हो जाने के बाद लंबी सरहद और उनकी हालात इसके लिए उनकी पेशानी पर लंबा इंतजार लिख रही है.

आसानी से नहीं मिलचा वीजा
सिंध से लाहौर फिर वाघा होते हुए दिल्ली हरिद्वार का रास्ता ना केवल बेहद लंबा और खर्चीला है, वहीं इस पूरे सफर में लगने वाला समय इनके अस्थि विसर्जन के इंतजार को और बढ़ा देता है. दूसरी तरफ मध्यम वर्ग से ताल्लुक रखने वाले परिवारों को आसानी से वीजा मुहैया नहीं होता है. अगर वह हो भी हो जाए, तो खर्च इतना कि जिसे सुनकर उनकी रूह कांप जाती है. इसके चलते वह अपने घर की मुंडेर के सामने रखी अस्थियों को बस बेबसी से देखने के अलावा कुछ कर नहीं सकते हैं.

सिंध में बसे हर हिन्दू परिवार को इस बात का रंज और गम है कि अमन का कारवां थार एक्सप्रेस साल 2019 से बन्द है. पाक विस्थापित संघ बाड़मेर जिलाध्यक्ष नरपतसिंह धारा ने लोकल 18 से खास बातचीत करते हुए कहा कि सिंध और हिन्द के बीच बंटवारे के बाद आज भी हजारों अस्थियां गंगा स्नान का इंतजार कर रही हैं. भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली दोस्ती की सौगात थार एक्सप्रेस के बंद होने के बाद पाक नागरिक अपनों को गंगा स्नान नहीं करवा पा रहे हैं.

ये भी पढ़ें:- पाली अस्पताल में एक मरीज का आया ऐसा केस, डॉक्टर भी बोल पड़े- ’20 साल के करियर में पहली बार मामला’

वर्षों से पड़ी है अस्थियां
अब उनके पूर्वजो को सालों-साल तो क्या दशकों तक गंगा का इंतजार करना पड़ता है. हिन्दुओं के लिए हजारों का खर्च, वीजा-पासपोर्ट की भारी भरकम औपचारिकताएं पूरी करना आसान नहीं है. ऐसे में केवल दो ही रास्ते बचते हैं कि या तो लम्बा इंतजार या फिर किसी और नदी में अस्थियों का विसर्जन. धारा Local 18 को बताते हैं कि अपने पूर्वजो की अस्थियां गंगा में विसर्जित की जाती है. लेकिन आने-जाने का कोई रास्ता नहीं होने की वजह से अस्थियों को बरसों तक गंगा स्नान का इंतजार रहता है.

Location :

Barmer,Rajasthan

First Published :

February 12, 2025, 12:37 IST

homerajasthan

'मां गंगा के लिए बरसों से तरस रही अस्थियां'...पाक विस्थापितों की अनछुई कहानी

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article