Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:February 07, 2025, 14:27 IST
पीलीभीत का बिलईखेड़ा टीला ऐतिहासिक धरोहर है, जिसे संरक्षित करने की जरूरत है.सामाजिक कार्यकर्ता शिवम कश्यप ने इसके संरक्षण के लिए प्रशासन को बताया है. जिलाधिकारी ने सर्वेक्षण का आदेश दिया है.
टीले से निकली हड्डियां.
पीलीभीत: उत्तर प्रदेश का पीलीभीत जिला प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ ऐतिहासिक धरोहरों से भी भरा है. यहाँ कई प्राचीन इमारतें हैं, जिनमें से कुछ को भारतीय और राज्य पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने संरक्षित किया है, लेकिन कई अभी भी बदहाली का शिकार हैं. इनमें से एक है पीलीभीत के जहानाबाद कस्बे में स्थित बिलईखेड़ा का टीला.
क्या है इस टीले का इतिहास?
यह टीला अपने अंदर इतिहास के कई गहरे राज छुपाए हुए है. जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर जहानाबाद कस्बे के पास स्थित बिलईखेड़ा/पसियापुर इलाके में लगभग 15-20 फुट ऊँचे कई एकड़ भूमि में फैले टीले हैं.
अलेक्जेंडर कनिंघम की रिपोर्ट में भी है जिक्र
भारत की पहली पुरातात्विक सर्वेक्षण रिपोर्ट, जिसे अलेक्जेंडर कनिंघम ने 1862-63 में लिखा था, उसमें भी इस जगह का उल्लेख है. रिपोर्ट के अनुसार, उस समय इस टीले की ऊंचाई लगभग 20 फुट थी.
स्थानीय लोगों ने भी किए अवशेष मिलने के दावे
हाल ही में सामाजिक कार्यकर्ता शिवम कश्यप और इतिहास में रुचि रखने वाले कुछ स्थानीय लोगों ने सर्वे किया, जिसमें उन्हें भी टीले में प्राचीन बस्ती के अवशेष मिले हैं. टीले में लगभग 8-10 फुट की गहराई में मिट्टी के बर्तन और इंसानी व पशुओं के अवशेष मिलने की बात सामने आई है.
प्रशासन ने लिया संज्ञान
इस बारे में सामाजिक कार्यकर्ता ने प्रशासनिक अधिकारियों को भी जानकारी दी. जिसके बाद पीलीभीत के जिलाधिकारी ने संबंधित विभाग को यहाँ सर्वे करने के लिए पत्र लिखा है.
टीले को बचाने की कोशिशें
इस टीले को संरक्षित करने के प्रयास कर रहे युवा शिवम कश्यप बताते हैं कि सड़क बनाने के लिए मिट्टी की जरूरत को पूरा करने के लिए इस टीले पर व्यावसायिक खनन किया जा रहा है. इसलिए, यहाँ खुदाई को रोककर सर्वेक्षण और खोज की जानी चाहिए. जिलाधिकारी पीलीभीत ने इससे संबंधित एक पत्र भी संबंधित विभाग को भेजा है. उम्मीद है कि जल्द ही इस टीले से जुड़े रहस्य सबके सामने आएंगे.
Location :
Pilibhit,Uttar Pradesh
First Published :
February 07, 2025, 14:27 IST
मिट्टी के बर्तन से लेकर इंसानी अवशेष.... रहस्यों से भरा है UP का ये टीला