मिडिल क्‍लास को टैक्‍स छूट से 1 लाख करोड़ की चपत! सरकार कहां से करेगी भरपाई

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Last Updated:February 01, 2025, 15:24 IST

Tax Collection : सरकार ने इनकम टैक्‍स में आम आदमी को बड़ी छूट देकर राहतों की बारिश कर दी है. लेकिन, सवाल ये उठता है कि इससे सरकारी खजाने को लगने वाली चपत की भरपाई कैसे होगी, क्‍योंकि सरकार का राजस्‍व 1 लाख करोड...और पढ़ें

मिडिल क्‍लास को टैक्‍स छूट से 1 लाख करोड़ की चपत! सरकार कहां से करेगी भरपाई

इनकम टैक्‍स छूट देने से सरकारी खजाने को बड़ी चपत लगने वाली है.

नई दिल्‍ली. मोदी सरकार ने भारत के इतिहास में पहली बार इनकम टैक्‍स को सबसे बड़ी छूट का ऐलान करके मिडिल क्‍लास को गदगद कर दिया. किसी को उम्‍मीद नहीं थी कि वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण इतनी बड़ी टैक्‍स छूट दे सकती हैं. इन घोषणाओं से आम आदमी को खुश हो गया, लेकिन इसका असर सरकारी खजाने पर भी पड़ेगा. वित्‍तमंत्री ने खुद बताया कि टैक्‍स छूट से 1 लाख करोड़ रुपये का झटका खजाने को लगेगा.

वित्‍तमंत्री ने जब साफ-साफ बताया कि इन घोषणाओं को सरकार के खजाने पर क्‍या असर पड़ेगा तो सवाल ये उठता है कि आखिर सरकार इस कमी की भरपाई कैसे करेगी. बाजार विश्‍लेषकों का मानना है कि सरकार ने इसका प्‍लान पहले ही बना लिया था. अगर सरकार ने इनकम टैक्‍स पर इतनी बड़ी छूट दी है, तो इसकी भरपाई करने का भी प्‍लान है.

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कैसे दिखाया इतना बड़ा जिगरा
बाजार विश्‍लेषकों का कहना है क‍ि सरकार ने मिडिल क्‍लास को राहत देने के लिए इतनी बड़ी घोषणा का जिगरा इसलिए दिखाया, क्‍योंकि उसे टैक्‍स के रूप में पहले ही 20 लाख करोड़ रुपये की वसूली हुई थी. जाहिर है कि इतना ज्‍यादा कलेक्‍शन होने के बाद सरकार की मंशा मि‍डिल क्‍लास और टैक्‍सपेयर्स के हाथों में वापस पैसा देने की रही. इसके अलावा भारत की विकास दर भी कोरोनाकाल के बाद सबसे सुस्‍त पड़ गई है, जिसे बूस्‍ट देने के लिए भी मिडिल क्‍लास के हाथ में पैसे भेजना जरूरी है.

कैसे होगी इसकी भरपाई
बजट के बाद विशेषज्ञों का कहना भले ही सरकार ने अपने खजाने के 1 लाख करोड़ रुपये दांव पर लगाकर आम आदमी को इतनी बड़ी राहत दी है, लेकिन उसे पता है कि यह पैसा घूमकर वापस उसी के पास आएगा. मिडिल क्‍लास के हाथ में ज्‍यादा पैसा आएगा तो बाजार में खर्चा भी ज्‍यादा होगा. जब आप ज्‍यादा चीजें खर्च करेंगे और अपनी जरूरतों पर पैसा लगाएंगे जो आपको प्रत्‍यक्ष कर के तौर पर मिल रहा है तो सरकार इसे अप्रत्‍यक्ष कर के तौर पर वापस अपने खजाने में ले लेगी. इसका मतलब है क‍ि बाजार में खरीद बढ़ने पर जीएसटी कलेक्‍शन भी अपने आप बढ़ जाएगा और जो 1 लाख रुपये खजाने में कम पड़ेंगे, उसकी भरपाई जीएसटी से हो जाएगी.

डायरेक्‍ट और इनडायरेक्‍ट टैक्‍स में कनेक्‍शन
डायरेक्‍ट टैक्‍स का मतलब है कि आम आदमी की कमाई पर सीधे तौर पर लगने वाला टैक्‍स जिसे इनकम टैक्‍स भी कहते हैं. सरकार ने इनकम टैक्‍स में राहत दे दी है और आम आदमी के हाथ में अब खर्च करने के लिए ज्‍यादा पैसा आएगा. अब बात करते हैं इनडायरेक्‍ट टैक्‍स की जो आपको सामान या सेवाएं खरीदने पर देना पड़ता है. इसे जीएसटी के रूप में सरकार वसूलती है. जाहिर है कि प्रत्यक्ष टैक्‍स के रूप में मिला पैसा जब आप बाजार में खर्च करेंगे तो वह अप्रत्‍यक्ष टैक्‍स के रूप में सरकार के पास वापस चला जाएगा. इस तरह, खजाने पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा और यही कारण है कि इन छूट के बावजूद सरकार ने राजकोषीय घाटे का लक्ष्‍य 4.6 फीसदी पर ही बरकरार रखा है.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

February 01, 2025, 15:24 IST

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