Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:February 08, 2025, 07:31 IST
Milkipur Upchunav Result: मिल्कीपुर उपचुनाव में सपा के अजीत प्रसाद और बीजेपी के चंद्रभानु पासवान के बीच कांटे की टक्कर है। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले यह सीट दोनों पार्टियों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई है।
हाइलाइट्स
- मिल्कीपुर उपचुनाव में सपा और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर
- सपा के अजीत प्रसाद और बीजेपी के चंद्रभानु पासवान आमने-सामने
- मिल्कीपुर सीट 2024 लोकसभा चुनाव से पहले प्रतिष्ठा का सवाल
लखनऊ. अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर हुए उपचुनाव में रिकॉर्ड वोटिंग के बाद अब सभी की निगाहें आठ फरवरी को आने वाले नतीजे पर टिकीं हैं. इस सीट पर समाजवादी पार्टी के अजीत प्रसाद और बीजेपी के चंद्रभानु पासवान के नीच कांटे की टक्कर है. लेकिन इस सीट पर जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा इसका फैसला थोड़ी देर बाद हो जाएगा. मिल्कीपुर विधानसभा सीट समाजवादी पार्टी और बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई है. इसकी वजह यह है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में अयोध्या की फ़ैजाबाद सीट से बीजेपी को हार मिली थी. मिल्कीपुर इसी लोकसभा सीट का हिस्सा है. लिहाजा बीजेपी इस सीट को जीतकर हार का कलंक मिटाना चाहती है, जबकि समाजवादी पार्टी यह सन्देश देना चाहती है कि फ़ैजाबाद सीट पर मिली जीत कोई तुक्का नहीं था.
अगर 2022 विधानसभा चुनाव की बात करें तो सपा के अवधेश परसाद ने बीजेपी के बाबा गोरखनाथ को हराया था. इस चुनाव में अवधेश प्रसाद को कुल 1 लाख 3 हजार 905 वोट मिले थे. वहीं बीजेपी के बाबा गोरखनाथ दूसरे नंबर पर थे और उन्हें 90 हजार 567 मत मिले थे. अवधेश प्रसाद ने बीजेपी को 13,338 मतों से पटखनी दी थी. लेकिन लोकसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद के सांसद चुने जाने की वजह से यह सीट रिक्त हुई और 5 फरवरी को उपचुनाव के लिए मतदान हुआ. समाजवादी पार्टी ने अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाया.
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बीजेपी ने बनाई ख़ास रणनीति
उधर बीजेपी ने इस सीट पर कब्जा करने के लिए खास रणनीति बनाई. पुराने और अनुभवी नेताओं की जगह कार्यकर्ताओं के फीडबैक पर भरोसा जताते हुए एक नए चेहरे को मैदान में उतारा. चन्द्रभानु पासवान और अजीत प्रसाद दोनों ही पासी समुदाय से आते हैं. बीजेपी ने मिल्कीपुर सीट पर जातीय समीकरण को भी साधा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा 7 मंत्री और 40 विधायक इस सीट को जीतने के लिए ग्राउंड जीरो पर मौजूद रहे. बीजेपी ने चुनावी मैनेजमेंट के तहत हर गांव में 10 कार्यकर्ताओं की टीम लगाई ताकि वोटर्स को बूथ तक ले जाया जा सके. यह भी एक वजह मानी जा रही है कि मिल्कीपुर उपचुनाव में इस बार मतदान का प्रतिशत 65.44 रहा.
मिल्कीपुर में सिर्फ दो बार बीजेपी जीती
अगर मिल्कीपुर के चुनाव इतिहास की बात करें तो इस सीट पर 1967 से अब तक हुए चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी चार बार जीती। कांग्रेस को इस सीट पर तीन बार सफलता मिली, समाजवादी पार्टी के पांच विधायक चुने गए. भारतीय जनता पार्टी के 2, और बसपा और भारतीय जनसंघ पार्टी के खाते में 1-1 बार यह सीट गई है. 2017 में दूसरी बार बीजेपी के बाबा गोरखनाथ इस सीट से जीते थे.
Location :
Lucknow,Uttar Pradesh
First Published :
February 08, 2025, 07:31 IST
मिल्कीपुर में किसके सिर सजेगा ताज? 2022 में सपा ने बीजेपी को दी थी पटखनी