Last Updated:February 12, 2025, 11:18 IST
Dollar vs Rupee : रुपये में आ रही लगातार गिरावट को थामने के लिए आरबीआई अपने रिजर्व में से डॉलर को फॉरेक्स बाजार में डाल रहा है. बैंकिंग सिस्टम में भी बड़ी मात्रा में करेंसी डालने की तैयारी है.
![रुपये की कमजोरी से खाली हो रहा बैंकों का खजाना! आरबीआई डालेगा 2.5 लाख करोड़ रुपये की कमजोरी से खाली हो रहा बैंकों का खजाना! आरबीआई डालेगा 2.5 लाख करोड़](https://images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2025/02/USD-vs-INR-2025-02-5a088322bef8092152ed16882ccc4293.jpg?impolicy=website&width=640&height=480)
पिछले दो सत्रों में रुपया डॉलर के मुकाबले काफी चढ़ गया है.
हाइलाइट्स
- आरबीआई बैंकिंग सिस्टम में 2.5 लाख करोड़ डालेगा.
- रुपये की गिरावट रोकने के लिए आरबीआई डॉलर बेच रहा है.
- बैंकों में 2 लाख करोड़ की कमी हुई है.
नई दिल्ली. रुपये में आ रही गिरावट को थामने के लिए आरबीआई को क्या-क्या नहीं करना पड़ रहा. पहले तो मुद्रा विनिमय बाजार यानी फॉरेक्स मार्केट में उसे 4 से 7 अरब डॉलर (करीब 60 हजार करोड़ रुपये) डालने पड़े, ताकि रुपये में आ रही गिरावट को कुछ हद तक थामा जा सके. अब भारतीय बैंकिंग सिस्टम में भी रिकॉर्ड पैसा डालने की तैयारी कर रहा है. जाहिर है ये सभी कोशिशें पिछले 2 सत्रों से विदेशी मुद्रा बाजार में जारी गिरावट को थामने के लिए की जा रही हैं.
रिजर्व बैंक ने एक रात वाले वैरिएबल रेपो रेट के आधार पर बैंकिंग सिस्टम में पैसे डालने के लिए बड़ी नीलामी की तैयारी कर ली है. बुधवार को यह पैसा बैंकिंग सिस्टम में डाला जाएगा, जो 28.85 अरब डॉलर (करीब 2.50 लाख करोड़ रुपये) होगा. यह रकम आज तक आरबीआई की ओर से एक दिन में डाली की सबसे बड़ी मात्रा है.
बैंकों में 2 लाख करोड़ की कमी
आरबीआई की ओर से जारी आंकड़े देखें तो पता चलता है कि बीते 10 फरवरी तक एक सप्ताह से भी कम समय के भीतर भारतीय बैंकिंग प्रणाली में लिक्विडी यानी पूंजी की कमी 4 गुना बढ़कर करीब 2 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई है. इसका कारण आउटफ्लो और आरबीआई की ओर से आक्रामक डॉलर बिक्री को बढ़ावा देना है. इससे पहले आरबीआई ने बीते सोमवार को भी फॉरेक्स मार्केट में 4 से 7 अरब डॉलर बेचे थे, जो रुपये को समर्थन देने के लिए था.
लगातार बेचे जा रहे डॉलर
रिजर्व बैंक ने मंगलवार को भी डॉलर बेचना जारी रखा, ताकि मुद्रा को मजबूत किया जा सके. भारतीय मुद्रा अभी पोर्टफोलियो आउटफ्लो और अमेरिकी व्यापार शुल्कों के बारे में अनिश्चितता के कारण संघर्ष कर रही है. ऐसे में रुपये को सहारा देने के लिए आरबीआई को बार-बार अपने रिजर्व में से डॉलर बेचना पड़ रहा है. इस विनिमय की वजह से बैंकिंग सिस्टम में भी लिक्विडिटी की कमी हो जाती है, जिसे पूरा करने के लिए उसे बैंकिंग सिस्टम में भी पैसे डालने पड़ते हैं.
डॉलर के मुकाबले कहां पहुंच गया रुपया
आरबीआई की इन कोशिशों और कच्चे तेल की नरमी से डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी 27 पैसे मजबूत होकर 86.52 रुपये पर पहुंच गई. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि अस्थिर घरेलू शेयर बाजारों, विदेशी पूंजी की निकासी और विश्वव्यापी शुल्क युद्ध की चिंताओं के बीच अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने से रुपये की बढ़त सीमित रही है. रुपया मंगलवार को भी 66 पैसे मजबूत होकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.79 पर बंद हुआ था. यह करीब 2 साल में रुपये की सबसे तेज छलांग थी.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 12, 2025, 11:18 IST