Last Updated:January 23, 2025, 12:13 IST
ब्रिटेन के जलक्षेत्र में आए एक रूसी जासूसी जहाज को रॉयल नेवी ने खदेड़ दिया. इस जहाज की हरकतों पर ब्रिटिश नेवी के एक परमाणु पनडुब्बी की नजर थी. चेतावनी देने के बाद यह पनडुब्बी वापस लौट गई. ब्रिटेन को डर है कि रू...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- ब्रिटेन ने रूसी जासूसी जहाज को खदेड़ा
- ब्रिटिश नेवी की परमाणु पनडुब्बी ने दी चेतावनी
- रूस पर अंडरसी केबल का नक्शा बनाने का शक
लंदन: रूस का एक जासूसी जहाज ब्रिटेन के जलक्षेत्र में आ गया, जिसे डराने के लिए ब्रिटिश नेवी की एक परमाणु पनडुब्बी पानी से बाहर आ गई. रॉयल नेवी ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया, जिसके कारण रूसी जहाज को वापस लौटना पड़ गया. ब्रिटिश रक्षा मंत्री जॉन हीली ने सोमवार को समुद्र में हुई इस घटना की जानकारी देते हुए रूसी राष्ट्रपति पुतिन को चेतावनी दी. उन्होंने कहा, ‘हम आपको देख रहे हैं. हमें पता है कि आप क्या कर रहे हैं?’ रूस के इस जासूसी जहाज को यांतर के नाम से जाना जाता है. पिछले कुछ महीनों में यह दूसरी बार है जब इस जहाज को ब्रिटिश जलक्षेत्र में देखा गया.
रिपोर्ट्स के मुताबिक पानी में यह जहाज जहां था उसके ठीक नीचे महत्वपूर्ण अंडरसी केबल थीं. हाल के महीनों में समुद्र की गहराई में मौजूद कई केबल कटने की घटनाएं सामने आई हैं. इन घटनाओं के बाद इस बात की चिंता बढ़ गई है कि रूस यूरोप में अव्यवस्था फैलाने के लिए ऐसा कर सकता है. ब्रिटेन नाटो सहयोगियों के साथ ऐसे किसी भी खतरे का सामना करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. जॉन हीली ने संसद में इस जासूसी जहाज के फिर ब्रिटिश जल में आने की घोषणा की. उन्होंने बताया कि रूस का जासूसी जहाज खुफिया जानकारी जुटाने के लिए आया था.
जहाज पर थी पनडुब्बी की नजर
रूस का जासूसी जहाज जहां खड़ा था वहां दूर-दूर तक कोई भी नहीं था. रूसी जहाज के क्रू मेंबर खुद को समंदर का राजा मान कर चल रहे थे, लेकिन उन्हें अंदाजा नहीं था कि ब्रिटेन की एक एस्ट्यूट क्लास हंटर किलर पनडुब्बी उनकी हर हरकत पर नजर रख रही है. यह पनडुब्बी स्पीयरफिश टॉरपीडो और टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों से लैस थी. नेवी ने पनडुब्बी का नाम नहीं बताया. जानकारी के मुताबिक पनडुब्बी के कप्तान ने रूसी जहाज से संपर्क किया और बताया कि उन्हें जासूसी करते पकड़ लिया गया है. रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘नवंबर में रॉयल नेवी की चेतावनी के बाद, यांतर ब्रिटेन के जलक्षेत्र को छोड़कर भूमध्यसागर की ओर बढ़ गया था.’
रूस का जहाज क्यों है खतरा?
रूस इसे समुद्री रिसर्च जहाज बताता है. लेकिन पश्चिमी अधिकारियों का मानना है कि यह वास्तव में एक जासूसी जहाज है. उनका मानना है कि यह जहाज पानी के नीचे समुद्री केबल का नक्शा तैयार कर रहा है, ताकि युद्ध की स्थिति में इसे काटा जा सके. इनमें इंटरनेट ही नहीं बल्कि ब्रिटेन और अमेरिका के बीच फैली केबल भी है जो खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान के लिए इस्तेमाल होती है. 328 फुट लंबा जहाज ‘मून पूल’ तकनीक से लैस है. इससे छोटी पनडुब्बियों और पानी के नीचे ड्रोन लॉन्च किए जा सकते हैं. ब्रिटेन की नौसेना ने गोताखोरों और बारूदी सुरंगों को साफ करने वाले रोबोटों को तैनात किया है, ताकि समुद्र तल पर अगर रूस का कोई उपकरण हो तो इसका पता लगाया जा सके.
Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
January 23, 2025, 12:13 IST