आज पूरे भारत में धूमधाम से दशहरा मनाया जा रहा है. बुराई पर अच्छाई की जीत दिखाता है पर्व रावण दहन के साथ पूरा होता है. भारत के कई इलाकों में रावण का पुतला जलाया जाता है. प्रभु श्रीराम ने लंका पर चढ़ाई कर रावण का वध किया था और सीता मैया को वापस ले आए थे. ऐसे में कई लोगों को लगता है कि रावण लंका का रहने वाला था. लेकिन क्या आपको पता है कि असल में रावण का जन्म भारत में हुआ था?
जी हां, भारत के ग्रेटर नोएडा को रावण का जन्मस्थल माना जाता है. कहते हैं कि यहां स्थित बिसरख गांव में ही रावण पैदा हुआ था और उसका बचपन यही बीता था. आज भी बिसरख गांव में रावण दहन नहीं होता. लोगों का मानना है कि अगर इस गांव में रामलीला का मंचन किया गया या रावण दहन किया गया तो उन्हें रावण का प्रकोप झेलना होगा. इसकी जगह वो शोक मनाते हैं और रावण की आत्मा की शांति की कामना करते हैं.
रामायण में है ऐसा जिक्र
रामायण के मुताबिक़, रावण के पिता का नाम विश्रवा था. वो एक महान ऋषि थे जबकि रावण की माता कैकसी एक राक्षस की पुत्री थी. कई जगहों पर लिखा मिलेगा कि रावण लंका में पैदा हुआ और वहीं उसकी ताकत बढ़ी और वो राजा बना. लेकिन इसके विपरीत बिसरख गांव के लोगों का मानना है कि रावण का जन्म उनके यहां हुआ था. बिसरख गांव का नाम भी रावण के पिता के नाम से ही निकला है.
लोग मानते हैं महान
बिसरख गांव दिल्ली एनसीआर के गौतम बुद्धा नगर में पड़ता है. यहां के लोग रावण को महान मानते हैं. उनकी नजर में रावण एक ज्ञानी और भगवान शिव का महाभक्त था. इसके अलावा गांव के लोग रावण को अपना बेटा मानते हैं. यहां दशहरे पर रावण दहन नहीं होता. बल्कि रावण की आत्मा की शांति के लिए पूजा की जाती है. कहा जाता है कि जब भी इस गांव में रामलीला का मंचन किया गया, इसका भयानक अंजाम हुआ. इसे रावण का प्रकोप माना गया. इस वजह से अब यहां रावण दहन और रामलीला नहीं की जाती.
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FIRST PUBLISHED :
October 12, 2024, 11:53 IST