Last Updated:February 10, 2025, 20:42 IST
इंसान कितना लंबे जी सकता है? क्या इसका ब्लड ग्रुप से कोई नाता है. इस पर हो रहे अध्ययन में वैज्ञानिकों को कई तरहके नतीजे मिले हैं. इनमें एक स्टडी में बी ब्लड ग्रुप इस मामले में बेहतर पाया गया. लेकिन इसकी व्याप...और पढ़ें
![लंबे जीवन का राज खोज रहे थे साइंटिस्ट्स, ब्लड ग्रुप पर मिले रोचक नतीजे लंबे जीवन का राज खोज रहे थे साइंटिस्ट्स, ब्लड ग्रुप पर मिले रोचक नतीजे](https://images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2025/02/blood-group-001-2025-02-747b8f0b77620757e9712a8a18ca575d.jpg?impolicy=website&width=640&height=480)
वैज्ञानिक तलाश रहे हैं कि क्या लंबी उम्र का ब्लड ग्रुप से नाता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
लंबा जीवन किसे पसंद नहीं होगा. लोग लंबा जीवन जीने कि लिए कई तरह के उपाय बताते हैं. हर संस्कृति में लंबे जीवन जीने के नुसखे सुनने को मिलेंगे.यहां तक कि हर चिकित्सा पद्धति में , जाहे उनमें हर रोग का इलाज ना भी हो, लंबे जीवन के उपाय जरूर मिलेंगे. लेकिन इतना शायद काफी ना तो ये भी सुनिए, खुद साइंटिस्ट्स भी इस विषय पर रिसर्च कर रहे हैं. और इस विषय पर हालिया रिसर्च ने जब इसका संबंध खून से तलाशा, तो उसके नतीजे हर किसी को चौंका रहे हैं. रिसर्च का कहना है कि खास ब्लड ग्रुप के लोग देर से बूढ़े होते हैं.
चार ब्लड ग्रुप और लंबा जीवन
आधुनिक विज्ञान और एलोपैथी चिकित्सा पद्धति खून को चार समूह में बांटती हैं. ए, बी, ओ और एबी. वैज्ञानिकों का कहना है कि किसी शख्स का ब्लड ग्रुप उसके जीन्स के जोड़े से तय होता है. इनमें से हर जीन उसके माता पिता से अलग अलग मिलता है. यानी एक माता से एक पिता से. लेकिन इस अध्ययन में जब शोधकर्ताओं ने बढ़ती उम्र को ब्लड ग्रुप से जोड़ कर देखा तो पाया कि बी ब्लड ग्रुप के लोगों में बूढ़े होने की प्रक्रिया धीमी होती हैं.
क्या थे शुरुआती नतीजे
वैज्ञानिक पहले से ही जानते हैं कि बी ब्लड ग्रुप अन्य समूहों से अलग होता है. 2004 में एक पड़ताल में उन्होंने टोक्यो में रहने वाले 100 से अधिक उम्र के 269 लोगों की जीवन की लंबाई की संभावना और ब्लड ग्रुप के बीच संबंध तलाशा था. उन्हें पाया था कि बी ब्लड ग्रुप लंबे जीवन से जुड़ा हो सकता है. तभी से शोधकर्ता इसका गहराई से अध्ययन कर रहे थे.
एजिंग का इलाज और उसके कारक दोनों की तलाश जारी है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Shutterstock)
बी ब्लड ग्रुप की खासियत!
पाया गया है कि बी ब्लडग्रुप वाले लोगों के खून की कोशिकाओं में बी एंटीजन होता है. वह ए एंटीजन के खिलाफ एंटीबॉडी बनाता है. यह कोशिकाओं के उपचार और सुधार के लिहाज से बेहतर माना जाता है. वहीं कई वैज्ञानिक मानते हैं कि बी एंटीजन वालों का शरीर मेटाबॉलिक दबाव से आसानी से निपटता है.
एक स्टडी ऐसी भी
पर 2024 के अध्यन में 5 हजार लोगों को 11 अंगों की जैविक आयु का विश्लेषण किया गया था. जिसमें उनकी खून के 4 हजार प्रोटीन की खास तौर से जांच की गई थी. पाया गया था कि 20 फीसदी आबादी में कम से कम एक अंग तेजी से बूढ़ा होता है.
यह भी पढ़ें: परिवार ने होटल में किया 7000 का नाश्ता, अजनबी ने चुकाया बिल, छोड़ गया पर्ची, पढ़ कर आए आंसू!
वहीं ये अनूठा नतीजा
वहीं न्यूरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक अन्य अध्यनय में यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने पाया कि ए ब्लड ग्रुप वाले लोगों में 60 की उम्र से पहले स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है. वहीं ऐसा उनकी तुलना में ओ ब्लड ग्रुप वालों में ऐसा कम होता है.
अजीब बात ये है कि इस तरह के अध्ययन निर्णायक और व्यापक तो नहीं हैं. लेकिन इन्हें पूरी तरह से खारिज भी नहीं किया जा सकता है. इसके लिए वैज्ञानिक अब भी व्यापक स्तर पर अध्ययन कर रह हैं औरठोस नतीजों का अब भी इंतजार है.
Location :
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
February 10, 2025, 20:42 IST
लंबे जीवन का राज खोज रहे थे साइंटिस्ट्स, ब्लड ग्रुप पर मिले रोचक नतीजे