शिमला की सबसे पुरानी पेयजल योजनाओं में से एक सियोग पेयजल योजना का कार्य बंद
Shimla News: शिमला की सियोग पेयजल योजना, जो शहर की सबसे पुरानी पानी की योजनाओं में से एक है, का कार्य फिलहाल बंद कर दिय ...अधिक पढ़ें
- News18 Himachal Pradesh
- Last Updated : November 20, 2024, 12:20 IST
शिमला. शिमला की सबसे पुरानी पेयजल योजनाओं में से एक सियोग पेयजल परियोजना का कार्य बंद हो चुका है. नगर निगम शिमला पेयजल योजना की पाइपों के पुराना होना पर, नई पाइपों को बिछा रही थी. लेकिन, वन विभाग का नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट न होने के चलते निगम की पेयजल कंपनी को यह कार्य बंद करना पड़ा है. नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि सियोग सबसे पुरानी पेयजल योजनाओं में से एक है. नई लाइन को बिछाने का कार्य चल रहा था, लेकिन पेयजल कंपनी को इस काम को बंद करने को कहा गया है. नगर निगम वन विभाग से जल्द ही नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई करेगा. बता दें कि यह 90 लाख लीटर का वाटर स्टोरेज टैंक है.
1901 में बना था वाटर स्टोरेज टैंक
सियोग में 123 वर्ष पुराना वाटर स्टोरेज टैंक है. इस टैंक को 1901 में कमीशन किया गया था. उस दौरान शिमला शहर को 20 से 25 हजार की आबादी के लिए बसाया गया था. खास बात यह है कि इस टैंक से पानी की सप्लाई बिना किसी लिफ्ट या मोटर के होती है. यह पानी गुरत्वाकर्षण यानी ग्रेविटी के साथ शिमला शहर तक पहुंचता है. समय बीता, देश आजाद हुआ, शहर की आबादी बढ़ी और टैंक भी बंद पड़ गया. हाल ही में नगर निगम शिमला ने इस टैंक का जीर्णोधार किया था. इसी योजना के तहत नई पाइपों को बिछाने का कार्य चल रहा था, जिसे फिलहाल के लिए रोक लिया गया है.
18 प्राकृतिक चश्मों से एकत्रित होता है पानी
शिमला के सियोग में मौजूद इस टैंक में 9 एमएलडी यानी 90 लाख लीटर की स्टोरेज कैपेसिटी है. टैंक की विशेष बात यह है कि 90 लाख लीटर की कैपेसिटी के साथ टैंक से लगातार पानी सप्लाई भी हो रहा है. बरसात के दौरान नदियों और खड्डों में गाद देखने को मिलती है. ऐसे में यह टैंक लोगों के लिए वाटर सप्लाई का कार्य करता है. इस टैंक में 18 प्राकृतिक चश्मों से पानी एकत्रित होता है, जिनमें से नगर निगम शिमला ने 10 चश्मों को रिस्टोर कर लिया है और अन्य चश्मों को रिकवर करने का कार्य जारी है. टैंक की गहराई 16 फीट है और इसमें पानी को सप्लाई करने से पहले कई फिल्टर लगाए गए है.
Editer- Anuj Singh
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FIRST PUBLISHED :
November 20, 2024, 12:20 IST