बाड़मेर. एक बेटी ने अपने पिता से कहा था कि वह चाहती है कि उसके पिता का सिर गर्व से ऊपर तो पिता ने जवाब दिया उनका सिर गर्व से तभी ऊपर होगा जब लोग बोलेंगे कि वह अफशर बिटिया के पिता हैं. बेटी ने अपने वादे को निभाते हुए राजस्थान में आरजेएस परीक्षा में 117वीं रैंक के साथ न्यायिक अधिकारी के पद पर सफलता हासिल की है.
व्यापारी पिता भगवानदास जैन की आंखें तब आंसुओं से भर आईं जब बेटी निकिता जैन जज बन गई. बाड़मेर की रहने वाली निकिता जैन की इस उपलब्धि के बाद पूरे परिवार में खुशी की लहर है. सबसे बड़ी बात है कि पूरे परिवार का वकालत से कोई लेना देना तक नहीं है फिर भी घर की बिटिया के जज बनने की खुशी पूरे परिवार के हर सदस्य के चेहरे पर देखते ही बन रही है.
निकिता ने पाली के सरकारी कॉलेज से लॉ की पढ़ाई की है. एलएलबी में शिक्षकों के गाइडेंस की वजह से वह घर पर ही सेल्फ स्टडी में जुटी रही. इसके बाद कॉलेज से एलएलएम पूरी की और 2018 से आरजेएस की तैयारी में जुट गई. निकिता ने आरजेएस में अपने तीसरे प्रयास में सफलता हासिल की है. निकिता के पिता भगवान दास कपड़ा कारोबारी का काम करते है और माता पुष्पा देवी गृहणी है. निकिता 4 भाई-बहन में दूसरे नम्बर पर हैं.
प्रदेश में 117वी रैंक से आरजेएस में चयनित निकिता जैन ने लोकल 18 से खास बातचीत करते हुए कहा कि घर पर रहकर ही अपनी तैयारी की और नियमित रूप से 7-8 घण्टे पढाई करती थी. उन्होंने कहा कि वह लगातार दो बार असफल रही फिर भी उन्होंने हार नही मानी और तीसरे प्रयास में उनका 117वी रैंक के साथ आरजेएस में चयन हुआ है.
वर्तमान में निकिता जैन अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में जूनियर लीगल ऑफिसर (जेएलओ) के पद पर कार्यरत हैं. जैन बताती है कि आत्मविश्वास के साथ लक्ष्य निर्धारित कर पूरा फोकस पढाई पर रखा. लगातार मिल रही असफलताओं से घबराई नही और निरंतर लक्ष्य पर जुटी रही.
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FIRST PUBLISHED :
November 20, 2024, 10:43 IST