स्वागत करते हुए
सागरः सागर में 27 सितंबर को देश के अलग-अलग कोनों से बिजनेसमैन आने वाले हैं. यहां तक की विदेश से भी लोगों को आमंत्रित किया गया है. बुंदेलखंड के बाहर से आने वाले लोगों को यहां की संस्कृति से रूबरू कराने शहर भर की दीवारों पर रंग रोगन कराया जा रहा है. यहां की संस्कृति को उकेरा जा रहा है. गजब की कलाकृतियां बनवाई जा रही हैं. जिनमें मंगलाचरण से लेकर विवाह उत्सव, लोकनृत्य राई, बुंदेली वाद्य यंत्र, त्योहारों के अवसर पर गाए जाने वाले गीत में पहनावा, नवरात्रि के समय में होने वाला लोक नृत्य नौरता, पूजन के समय महिलाओं का श्रृंगार के साथ सागर और बुंदेलखंड में जो प्रसिद्ध पर्यटक तीर्थ स्थल है उनकी आकृतियों को भी इनमें जोड़ा गया है.
सागर में 3000 से अधिक उद्योगपति रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में शामिल होने वाले हैं. जिन रास्तों से होकर गुजरेंगे जहां का उनका रूट तय किया गया है. वहां पर इस तरह की चित्रकारी करवाई जा रही है. इसमें शहर के डिग्री कॉलेज 13 पर पर्यटन संबंधी पेंटिंग बनवाई गई है तो वही पुलिस कंट्रोल रूम की तरफ से आने वाली दीवारों पर बुंदेलखंड से जुड़े खेल और शिक्षा को लेकर आकृति अकेली गई है.
संस्कृति से जुड़ी पेंटिंग
तहसील की तरफ जाने वाले रास्ते पर वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व से जुड़ी कलाकृतियां हैं, वही जहां पर मुख्य कार्यक्रम पुणे है. उसके चारों तरफ के रास्ते पर संस्कृति परंपराओं से जुड़ी कलाकृतियां तैयार करवाई जा रही है. ताकि जब लोग यहां पहुंचे तो यहां के रहन-सहन खान और अन्य चीजों को समझ पाए या उनको उनके बारे में जानने को लेकर उत्सुकता हो. जहां पर संस्कृति से जुड़ी पेंटिंग है वहां पर इनके जानकार भी तैनात रहेंगे जो इनके बारे में पूछेंगे वह इन संस्कृत और परंपराओं को बताएंगे.
गांव से जुड़ी परंपरा से होंगे रूबरू
इन पेंटिंग में खासकर ग्रामीण क्षेत्र का परिवेश वहां का रहन-सहन दिखाने की कोशिश की जा रही है कि कैसे आज भी गांव के लोग कच्चे घरों में रहते हैं. महिलाएं लड़कियां लेने जाती हैं बच्चे एक साथ खेलते हैं, चूल्हे पर रोटियां बनती हैं, कुएं से पानी आता है, और खेती की जाती है. एक साथ बैठकर लोग पंचायत करते हैं. मेला लगते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
September 25, 2024, 13:53 IST