नई दिल्ली: भारतीय रेलवे सेवा के सिग्नल इंजीनियरों के 2015 बैच की पदोन्नति फाइल रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के गोपनीय कक्ष से गायब हो गई है, जिसके बाद अधिकारियों ने ‘सर्च मेमो’ जारी किया है। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। 24 जनवरी के ‘सर्च मेमो’ के अनुसार, गोपनीय प्रकोष्ठ ने सूचित किया है कि ‘‘भारतीय रेलवे सिग्नल इंजीनियर्स सेवा (IRSSE) के वर्ष 2015 के कनिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड (जेएजी) पैनल के अधिकारियों की फाइल’’ का पता नहीं चल पा रहा है।
मंत्रालय ने जारी किया तलाशी ज्ञापन
सूत्रों ने बताया कि फाइल में सिग्नल विभाग के 200 से अधिक जेएजी अधिकारियों के प्रमोशन संबंधी डॉक्यूमेंट्स हो सकते हैं। मेमो में अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा गया कि वे अपने-अपने शाखाओं/अनुभागों/अधिकारियों के कमरों में इस फाइल की गहन तलाश करें। इसमें कहा गया कि तलाश के निष्कर्ष के संबंध में 29 जनवरी 2025 तक सूचित करें। सूत्रों के अनुसार उक्त फाइल का अब भी कोई सुराग नहीं लगा है। रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (सूचना एवं प्रचार) दिलीप कुमार ने इस मामले पर किसी भी सवाल का कोई जवाब नहीं दिया।
सिग्नल एवं टेलीकॉम यूनियन के पदाधिकारी हैरान
संपर्क करने पर, सिग्नल एवं टेलीकॉम यूनियन के पदाधिकारियों ने सीआरबी एवं सीईओ गोपनीय प्रकोष्ठ से ऐसे गोपनीय दस्तावेजों के गायब होने पर आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस घटना से खराब प्रबंधन का संकेत मिलता है। भारतीय रेलवे एसएंडटी मेंटेनर्स यूनियन के महासचिव आलोक चंद्र प्रकाश ने कहा, ‘‘अगर वरिष्ठ अधिकारियों की फाइलें इस तरह संवेदनशील विभागों से गायब हो जाती हैं, तो अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ होने वाले लापरवाही भरे व्यवहार की कल्पना कीजिए। इन अधिकारियों का करियर और पदोन्नति की संभावनाएं उस फाइल पर टिकी हैं और अगर वह नहीं मिल पाती है, तो यह संबंधित विभाग के लिए बहुत बड़ी समस्या पैदा कर देगी।’’