Last Updated:February 11, 2025, 13:23 IST
पोरबंदर में 5 जनवरी को कोस्ट गार्ड के एएलएच हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद सभी एएलएच ग्राउंडेड हैं. प्रारंभिक जांच में स्कैवश प्लेट में क्रैक पाया गया. HAL की जांच रिपोर्ट 3 हफ्तों में आएगी.
![सेना के ALH ध्रुव कब से भरेंगे उड़ान, जानिए क्यों ग्राउंडेड हैं हेलिकॉप्टर? सेना के ALH ध्रुव कब से भरेंगे उड़ान, जानिए क्यों ग्राउंडेड हैं हेलिकॉप्टर?](https://images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2025/02/AHL-Indian-Army-2025-02-49a52f7d62ee34b3b8bd1083f7e3e1f6.jpg?impolicy=website&width=640&height=480)
हाइलाइट्स
- एएलएच हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद सभी ग्राउंडेड हैं।
- स्कैवश प्लेट में क्रैक पाया गया है।
- जांच रिपोर्ट 3 हफ्तों में आएगी।
एएलएच HELICOPTER: 5 जनवरी को पोरबंदर में कोस्ट गार्ड के एएलएच क्रैश के बाद से ही पूरी फ्लीट को ग्राउंडेड है. कोस्ट गार्ड ने हेलिकॉप्टर हादसे पर बोर्ड ऑफ इन्क्वायरी आदेश दिए थे, जिसके बाद HAL ने हेलिकॉप्टर की खराबी को लेकर जांच की. प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि इसके स्कैवश प्लेट में क्रैक है.
न्यूज 18 के सवाल के जवाब में एचएएल के सीएमडी डीके सुनील ने कहा है कि डिफेक्ट इंवेस्टिगेशन टीम यह जांच कर रही है कि यह क्यों हुआ. अगले 3 हफ्तों में इसकी रिपोर्ट आएगी. रिपोर्ट आने के बाद यह तय होगा कि हेलिकॉप्टर को क्लीयरेंस दिया जाए या नहीं. उनका यह भी कहना है कि अब डिलिवर किए गए एएचएल हेलिकॉप्टर ने साढ़े चार लाख घंटे से ज्यादा की उड़ान भर ली है. यह हादसा दुखद था.
क्यों एएलएच ध्रुव किए गए ग्राउंडेड
साल 2025 की शुरुआत न तो कोस्ट गार्ड के लिए अच्छी रही है, और न ही स्वदेशी एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर (एएलएच) ध्रुव की. पोरबंदर में 5 जनवरी को हुए कोस्ट गार्ड हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद से सभी 300 से ज्यादा एएचएच की उड़ानों पर पाबंदी लगा दी गई है. जिसके बाद से अबतक एक भी एएलएच ने उड़ान नहीं भरी है. वहीं, अगले दो हफ्ते तक इनके उड़ान भरने की संभावना कम ही जताई जा रही है.
फिलहाल, दुर्घटना के कारणों का पता लगाया जा रहा है. उसके बाद ही ग्राउंड किए गए सभी एएलएच का चेक होगा. इस दौरान, सबकुछ ठीक रहा, तब ही इन्हें उड़ान की इजाजत मिलेगी. उल्लेखनीय है कि तकनीकी खराबी के चलते जब भी कोई हादसा होता है, तो पूरे हेलिकॉप्टर फ्लीट को ग्राउंड कर दिया जाता है. सघन जांच के बाद ही उड़ाने की मंजूरी दी जाती है.
साल 2023 में तो सेना के तीनों अंगों और कोस्ट गार्ड के सभी हेलिकॉप्टरों की जांच के लिए ग्राउंड कर दिया गया था. तकनीकी जांच पूरी होने के बाद इन हेलिकॉप्टर्स को फ्लाइंग क्लीयरेंस दिया गया था. जिसके बाद ही उनकी उड़ान दोबारा संभव हो सकी थी. एएलएच की बात करें तो अलग-अलग वर्जन के हेलिकॉप्टर भारतीय सेना में शामिल हैं, जिनमें एएलएच MK.1, MK.2, MK.3 और Mk.4 वेपनाइज्ड वर्जन रुद्र शामिल हैं.
बेंगलुरु के येलहंका एयर फोर्स स्टेशन पर एयर शो के फुल ड्रेस रिहर्सल के दौरान उड़ान भरते हुए विमान. (फोटो: पीटीआई)
क्रैश की फेहरिस्त है लंबी
पिछले कुछ सालों में अगर एएलएच ध्रुव के हादसों की बात करें तो तकरीबन दो दर्जन के करीब हेलिकॉप्टर हादसों का शिकार हुए हैं, जिसमें कई पायलटों और सैनिकों की जान भी गई. अक्टूबर 2024 में बिहार में राहत बचाव के काम में जुटे भारतीय वायुसेना का एएलएच हेलिकॉप्टर इंजन फेल होने के चलते पानी में डूब गया था. 2 सितंबर 2024 को कोस्ट गार्ड के एक हेलिकॉप्टर की अरब सागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. साल 2023 में तो दो महीने में तीन हादसे हुए थे.
4 मई 2023 को जम्मू में हुए सेना के एएलएच ध्रुव हेलिकॉप्टर क्रैश में 2 पायलट और एक टेक्नीशियन घायल हो गए थे. आर्मी एविएशन के एएलएच ध्रुव ने ऑपरेशनल मिशन के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन उड़ान के बाद ही तकनीकी खराबी के चलते किश्तवाड़ के मरुआ नदी के किनारे क्रैश लैंड हो गया. 8 मार्च को मुंबई तट पर नौसेना का ध्रुव हेलिकॉप्टर और 26 मार्च को कोच्चि में कोस्ट गार्ड का हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हुआ था.
21 अक्टूबर 2022 को एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर के वेपनाइज्ड वर्जन रुद्र अरुणाचल प्रदेश में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, जिसमें दो अफसर और तीन सैनिकों की मौत हो गई थी. 3 अगस्त 2021 में पठानकोट के पास रंजीत सागर डैम में क्रैश हुआ था, जिसमें दोनों पायलट की मौत हो गई थी. साल 2019 में नॉर्दर्न आर्मी कमांडर जनरल रणबीर सिंह का हेलिकॉप्टर भी बुरी तरह से क्रैश हो गया था, जिसमें कोई हताहत नहीं हुआ था.
बेंगलुरु के येलहंका एयर बेस पर आयोजित एयरो इंडिया 2025 के पहले दिन युद्धाभ्यास करती हुई भारतीय वायु सेना की एरोबैटिक टीम सूर्यकिरण. (फोटो: पीटीआई)
सेना की लाइफलाइन है एएलएच
300 से ज्यादा हेलिकॉप्टर भारतीय सेना के तीनों अंग यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना के अलावा कोस्ट गार्ड भी इस्तेमाल कर रहे हैं. अगर हम नंबरों की बात करें तो भारतीय थलसेना सबसे ज़्यादा 145 एएलएच को ऑपरेट करती है. इनमें 75 इसके वेपनाइज्ड वर्जन एएलएच MK 4 रुद्र हैं.
थलसेना ने 25 अतिरिक्त एएलएच मार्क 3 का ऑर्डर HAL को दिया है, भारतीय वायुसेना के पास 70 के करीब ध्रुव हैं, तो नौसेना के पास 18 और कोस्ट गार्ड के पास 20 एएलएच ध्रुव हैं, जिनमें 4 मार्क 1 हैं और 16 मार्क 3 हैं. कोस्ट गार्ड के लिए 6 एएलएच की खरीद को मंजूरी दी गई है.
First Published :
February 11, 2025, 13:23 IST