हर्षा रिछारिया का पिता कौन? बता दिया नाम, कहा- मैंने कभी अपना बाप नहीं

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Last Updated:January 23, 2025, 10:19 IST

Prayagraj News: हर्षा रिछारिया ने महाकुंभ में जितनी सुर्खियां बटोरी हैं, शायद ही कोई इतना इस बार के महाकुंभ में चर्चा में रहा होगा. उन्हें सबसे सुंदर साध्वी का टैग तक मिल गया. सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहीं हर्षा...और पढ़ें

हर्षा रिछारिया का पिता कौन? बता दिया नाम, कहा- मैंने कभी अपना बाप नहीं

हर्षा रिछारिया फ‍िर से चर्चा में हैं...

हाइलाइट्स

  • हर्षा रिछारिया ने कैलाशानंद गिरि जी से दीक्षा ली.
  • हर्षा महाकुंभ में मौनी अमावस्या तक रहेंगी.
  • हर्षा ने ट्रोलरों पर गंभीर आरोप लगाए.

प्रयागराज (आलोक शुक्ला): हर्षा रिछारिया ने महाकुंभ में जितनी सुर्खियां बटोरी हैं, शायद ही कोई इतना इस बार के महाकुंभ में चर्चा में रहा होगा. उन्हें सबसे सुंदर साध्वी का टैग तक मिला. सोशल मीडिया पर सिर्फ और सिर्फ हर्षा की ही बात होने लगी. लोग उनके बारे में जानने की कोशिश करने लगे. कई लोगों ने कहा कि वह सिर्फ फेमस होने के लिए महाकुंभ आई हैं. मामला बढ़ने पर हर्षा ने साफ कहा कि वो साध्वी नहीं बनी हैं, उन्होंने बस धर्म की राह पकड़ी है. इतना ही नहीं विवाद और बढ़ा तो उन्होंने महाकुंभ छोड़कर जाने का फैसला ले लिया. हालांकि, वह बाद में फिर महाकुंभ में आ गई. अब एक बार फिर वह चर्चाओं में आ गई हैं. उन्होंने अपने पिता के नाम का खुलासा किया है. आइए जानते हैं…

मैंने बाप नहीं बदला
महाकुंभ में हर्षा रिछारिया पर लगातार आरोप लग रहे थे कि उन्होंने अपना पिता बदल लिया है. इस पर उन्होंने अब सफाई दी है. उन्होंने कहा कि उन्होंने बाप नहीं बदला है, बल्कि उनके बाप कैलाशानंद गिरी जी महाराज हैं और पिता तुल्य रवींद्र पुरी जी है. उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने कैलाशानंद गिरि जी महाराज से दीक्षा ली है और उनको अपना पिता माना है और पिता एक ही होते हैं, लेकिन पिता तुल्य तो कई हो सकते हैं.’

महाकुंभ में मौनी अमावस्या तक रहेंगी
बता दें, हर्षा अभी मौनी अमावस्या तक यहां रहेगी. इस दौरान वह ध्यान करेगी. उनका कहना है कि वह युवा वर्ग को अध्यात्म से जोड़ना चाहती हैं. उन्होंने खुद स्वीकार किया कि वह यहां सीखने आई है उन्हें ज्यादा कुछ पता नहीं है इसीलिए वह महात्माओं के पास जाकर ज्ञान का अर्जन कर रही हैं.

रोते हुए ट्रोलरों पर लगाए थे आरोप
इससे पहले रोते हुए हर्षा ने ट्रोलरों पर गंभीर आरोप लगाए थे और महाकुंभ छोड़ने का एलान किया था. उन्होंने कहा था, ‘शर्म आनी चाहिए एक लड़की जो धर्म से जुड़ने के लिए यहां आई थी, धर्म को जानने आई थी, सनातन संस्कृति को जानने यहां आई थी. आपने उसे इस लायक भी नहीं छोड़ा, जो पूरे कुंभ में रूक पाए. वो कुंभ जो हमारे जीवन में एक बार आएगा. आपने वो कुंभ एक इंसान से छीन लिया. जिसने भी ऐसा किया है, उसे पाप लगेगा.’

कौन हैं हर्षा रिछारिया?
आपको बता दें, हर्षा मूल रूप से यू-ट्यूबर हैं. भोपाल की रहने वाली हर्षा मूल रूप से झांसी के मऊरानीपुर की रहने वाली हैं. वह अब उत्तराखंड में रहती हैं. उन्होंने निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि से गुरु दीक्षा ली थी. मकर संक्रांति पर्व पर अखाड़ों के अमृत स्नान के दौरान हर्षा ने भगवा वस्त्र पहनकर गंगा में डुबकी लगाई. जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया था. ज्‍योतिष पीठ पीठाधीश्वर एवं शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरनंद ने इसकी निंदा करते हुए इसे सनातन धर्म का अपमान बताया. उनके साथ ही शांभवी पीठाधीश्वर आनंद स्वरूप ने भी मोर्चा खोल दिया.

Location :

Allahabad,Uttar Pradesh

First Published :

January 23, 2025, 10:19 IST

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