मदुरै: तमिलनाडु के मदुरै में स्थित पवित्र थिरुपरनकुंड्रम पहाड़ी पर मुस्लिम कब्जे के आरोपों को लेकर हिन्दू समाज और संगठनों ने बड़ा विरोध प्रदर्शन किया है। बता दें कि थिरुपरनकुंड्रम पहाड़ी पर प्राचीन मुरुगन मंदिर स्थित है, जिसकी स्थापना 19वीं शताब्दी में होने का दावा किया जाता है। इस विरोध प्रदर्शन के लिए हिन्दू मुन्ननी संगठन को अदालत से इजाजत लेनी पड़ी थी। कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद हिन्दू मुन्ननी के नेतृत्व में सैकड़ों लोग थिरुपरनकुंड्रम पहाड़ी पर इकट्ठा हुए और मुस्लिम कब्जे के आरोपों के खिलाफ नारेबाजी की।
3500 पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में जताया विरोध
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोप हैं कि इस पहाड़ी को अब वक्फ संपत्ति कहा जा रहा है, जिससे स्थानीय हिंदू समाज में आक्रोश फैल गया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह धार्मिक स्थल हिंदू समुदाय का है और इस पर किसी भी प्रकार का कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हिंदू संगठनों ने मदुरै में 3500 पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया, जिन्हें अदालत द्वारा विरोध प्रदर्शन की अनुमति दिए जाने के बाद क्षेत्र में तैनात किया गया था। अदालत ने हिंदू मुन्नानी को पलागनाथम गोल चक्कर पर 4 फरवरी को शाम 5 से 6 बजे के बीच विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की अनुमति दी थी।
हजारों की संख्या में मुरुगन के भक्तों ने किया प्रदर्शन
अदालत से इजाजत मिलने के बाद हजारों की संख्या में मुरुगन भक्तों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। उन्होंने भगवान मुरुगन की जय-जयकार करते हुए नारे लगाए। इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए पूरे तमिलनाडु से लोग आए थे, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी थीं। विरोध प्रदर्शन में कई हिंदू संगठनों नेभाग लिया और थिरुपरनकुंड्रम पहाड़ी के इस्लामीकरण के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हिंदू समुदाय के इस विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गईं। इन तस्वीरों में हजारों की संख्या में हिंदू समुदाय के लोग विरोध प्रदर्शन करते नजर आए। विरोध प्रदर्शन अदालत द्वारा तय की गई समयसीमा के बीच संपन्न भी हो गया।
लोकसभा में पेश होगी JPC की रिपोर्ट
बता दें कि इस बीच वक्फ (संशोधन) विधेयक की समीक्षा के लिए गठित JPC की रिपोर्ट सोमवार को लोकसभा में पेश की जाएगी। लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी बुलेटिन में कहा गया है कि समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल और सदस्य संजय जायसवाल सोमवार को लोकसभा में रिपोर्ट पेश करेंगे। समिति ने गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को रिपोर्ट सौंप दी थी। समिति ने बुधवार को बहुमत से रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया था, जिसमें सत्तारूढ़ BJP के सदस्यों द्वारा सुझाए गए संशोधन शामिल किये गए थे। इसके बाद विपक्ष ने इस प्रक्रिया को वक्फ बोर्डों को नष्ट करने का प्रयास करार दिया।