शिमला. हिमाचल प्रदेश में सर्दियों की सीजन शुरू होने के बाद अब ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के आसार हैं. ऐसे में तीन जिलों में ट्रैकिंग और ऊंचाई वाले इलाकों में जाने पर रोक लग गई है. कांगड़ा और लाहौल स्पीति में प्रशासन ने ट्रैकिंग रूट्स पर जाने पर रोक लगा दी है.
जानकारी के अनुसार, कांगड़ा में 3 हजार मीटर से ऊपर की सभी ट्रैकिंग और अन्य गतिविधियों को बैन कर दिया गया है. डीसी हेमराज बैरवा ने आदेश जारी किए हैं. ऐसे में अब लोग और सैलानी करेरी, त्रिउंड और आदि हिमानी चामुंडा जैसे इलाकों में नहीं जा सकेंगे. यदि किसी को ट्रैकिंग पर जाना है तो एसपी कांगड़ा से मंजूरी लेनी होगी. उधर, डीसी ने अपने आदेश में पैराग्लाइडिंग पायलट्स को भी धौलाधार के समीप उड़ान न भरने को कहा गया है.आदेश का उल्लंघन करने पर आईपीसी की धारा-188 तथा आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 की धारा 51 से 60 के तहत कार्रवाई की जाएगी.
लाहौल स्पीति में भी लगी रोक
इसी तरह, लाहौल और स्पीति में डीसी ने ट्रैकिंग और पर्वतारोहण गतिविधियों पर रोक लगा दी है. यहां पर अब सर्दियों में भारी हिमपात होगा और ऐसे में बर्फबारी और एलवांच में काफी जोखिम रहता है. डीसी राहुल कुमार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा 34 के तहत आदेश जारी किए हैं. उन्होंने कहा है कि पुलिस, वन विभाग और प्रशासन प्रतिबंध की सख्ती से अनुपालन करवाएंगे.
ऊंचाई वाले इलाकों में होती है बर्फबारी
हिमाचल प्रदेश में लाहौल स्पीति में ऊंचाई वाले इलाकों में सर्दियों में भारी बर्फबारी होती है. यहां पर रोहतांग पास, कोकसर, चंद्रताल, काजा मनाली हाईवे और लेह मनाली मार्ग भी बंद हो जाता है. ऐसे में बर्फबारी में ट्रैकिंग के दौरान फंसने के खतरा रहता है. कांगड़ा में भी धौलाधार रैंज में हिमपात होता है और यहां पर जाना भी खतरे से खाली नहीं है. हालांकि, इस बार हिमाचल प्रदेश में अब तक मामूली बर्फबारी हुई है. लेकिन अब दिसंबर का महीने शुरू होने वाला है और बर्फबारी के आसार जताए जा रहे हैं. किसी भी तरह की आपदा के लिए 1077 नंबर पर कॉल करके मदद मांगी जा सकती है.
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FIRST PUBLISHED :
November 27, 2024, 13:15 IST