12 लाख इनकम पर नो टैक्स का कैसे हुआ फैसला? निर्मला सीतारमण ने बताई पूरी कहानी

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Agency:पीटीआई

Last Updated:February 02, 2025, 20:03 IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में आयकर छूट सीमा 7 लाख से बढ़ाकर 12 लाख की, जिससे मीडिल क्लास को बड़ी राहत मिली। पीएम मोदी टैक्स कटौती के पक्ष में थे।

12 लाख इनकम पर नो टैक्स का कैसे हुआ फैसला? निर्मला सीतारमण ने बताई पूरी कहानी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इनकम टैक्स में दी गई बड़ी राहत के पीछे की पूरी कहानी बताई है.

हाइलाइट्स

  • अब 12 लाख तक की आय पर नहीं लगेगा टैक्स.
  • वित्त मंत्री ने इस बड़ी आयकर छूट के पीछे की पूरी कहानी बताई है.
  • उन्होंने बताया कि पीएम मोदी इस टैक्स कटौती के पक्ष में थे.

नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल का बजट पेश करते हुए मीडिल क्लास नौकरीपेशा लोगों को बड़ी राहत दी. अब सालाना 12 लाख रुपये तक कमाने वाले व्यक्तियों को कोई टैक्स नहीं देना होगा. केंद्रीय बजट 2025-26 में आयकर छूट की सीमा को 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया है. इसके साथ ही सैलरीड क्लास को 75,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा. ऐसे में उन्हें 12.75 लाख रुपये की सालाना आमदनी पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.

आयकर छूट सीमा में पांच लाख रुपये की यह बढ़ोतरी अबतक की सबसे बड़ी वृद्धि है और यह 2005 और 2023 के बीच दी गई सभी टैक्स राहतों के बराबर है. ऐसे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस ऐलान से नौकरीपेशा लोगों की तो मानो चांदी हो गई. अब उन्होंने टैक्स में इस बड़ी कटौती के पीछे की कहानी बताई है.

टैक्स कटौती के पक्ष में थे पीएम मोदी
समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में सीतारमण ने अब्राहम लिंकन का उद्धरण देते हुए इस बजट को ‘लोगों के द्वारा, लोगों के लिए, लोगों का’ बजट बताया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यम वर्ग के लिए टैक्स कटौती के पक्ष में थे, लेकिन नौकरशाहों को इसके लिए राजी करने में वक्त लगा.

सीतारमण ने कहा, ‘हमने मध्यम वर्ग की आवाज सुनी है जो ईमानदार करदाता होने के बावजूद अपनी आकांक्षाओं को पूरा नहीं किए जाने की शिकायत कर रहे थे.’ करदाताओं की इच्छा थी कि सरकार महंगाई जैसे कारकों के प्रभाव को सीमित करने के लिए कदम उठाए. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सीतारमण को उन्हें राहत देने के तरीकों पर विचार करने के लिए कहा था.

नौकरशाहों को क्या थी आपत्ति
सीतारमण ने कहा कि टैक्स राहत के प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री जल्द सहमत हो गए, लेकिन वित्त मंत्रालय और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अधिकारियों को इसके लिए मनाने में थोड़ा समय लगा. इन अधिकारियों को जन कल्याण और दूसरी योजनाओं को पूरा करने के लिए पैसे इकट्ठा करना होता है. सीतारमण ने कहा, ‘मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री ने इसे सार रूप में बयां कर दिया. उन्होंने कहा कि यह लोगों का बजट है, यह वह बजट है जिसे लोग चाहते थे.’

इस बजट के चरित्र को अपने शब्दों में बयां करने के लिए कहे जाने पर वित्त मंत्री ने कहा, ‘जैसा कि अब्राहम लिंकन के शब्दों में लोकतंत्र के बारे में कहा जाता है, यह ‘लोगों के द्वारा, लोगों के लिए, लोगों का’ बजट है.’ सीतारमण ने कहा कि नई दरें मध्यम वर्ग के करों में काफी कमी लाएंगी और उनके हाथों में अधिक पैसा बचेगा जिससे घरेलू खपत, बचत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा.

नए इनकम टैक्स बिल पर क्या बोलीं सीतारमण?
उन्होंने इस बड़ी घोषणा के पीछे की सोच को समझाते हुए कहा कि टैक्स कटौती पर कुछ समय से काम चल रहा था. डायरेक्ट टैक्स को सरल और अनुपालन में आसान बनाने की दिशा में काम जुलाई, 2024 के बजट में शुरू हो गया था. अब एक नया कानून तैयार है, जो कानून की भाषा को आसान बनाएगा, अनुपालन बोझ कम करेगा और उपयोगकर्ता के अधिक अनुकूल होगा.

सीतारमण ने कहा, ‘पिछले बजट के बाद मध्यम वर्ग की आवाज उठने लगी. उसे लग रहा था कि वे कर दे रहे हैं लेकिन अपनी समस्याओं के समाधान के लिए उनके पास ज्यादा कुछ नहीं है. यह अहसास भी दिख रहा था कि सरकार बहुत गरीब एवं कमजोर तबकों की देखभाल करने में बहुत समावेशी है.’

उन्होंने कहा, ‘मैं जहां भी गई, वहां से यही आवाज आई कि हम गर्वित और ईमानदार करदाता हैं. हम अच्छे करदाता बनकर देश की सेवा करना जारी रखना चाहते हैं. लेकिन आप हमारे लिए किस तरह की चीजें कर सकते हैं, इस बारे में आप क्या सोचते हैं?’

वित्त मंत्री ने कहा, ‘फिर मैंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस बारे में चर्चा की, जिन्होंने मुझे यह देखने का खास काम सौंपा कि इस दिशा में क्या किया जा सकता है.’ उन्होंने कहा, ‘आंकड़ों पर गौर करने के बाद प्रधानमंत्री के समक्ष उसे पेश किया गया. उन्होंने हमें उस कदम के बारे में मार्गदर्शन दिया जिसे शनिवार को बजट में पेश किया गया.’

टैक्स कटौती पर कैसे बनी बात?
यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री मोदी को संबंधित प्रस्ताव के लिए मनाने में कितना प्रयास करना पड़ा, सीतारमण ने कहा, ‘नहीं, मुझे लगता है कि आपका सवाल यह होना चाहिए कि मुझे मंत्रालय और सीबीडीटी को मनाने में कितना समय लगा.’ उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री बहुत स्पष्ट थे कि वह कुछ करना चाहते हैं. यह मंत्रालय पर निर्भर करता है कि वह सहज महसूस करे और फिर प्रस्ताव के साथ आगे बढ़े. मंत्रालय और सीबीडीटी को समझाने की जरूरत थी, क्योंकि उन्हें राजस्व सृजन के बारे में सुनिश्चित होना था.’

वित्त मंत्री ने कहा, ‘वे (अधिकारी) समय-समय पर मुझे यह याद दिलाने में गलत नहीं थे कि इसका क्या मतलब होगा? लेकिन आखिरकार, सभी इस पर राजी हो गए.’ सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री विभिन्न क्षेत्रों के लोगों और उद्योग जगत के नेताओं से मिलते हैं और उनकी आवाज़ सुनते हैं और उनकी जरूरतों पर प्रतिक्रिया देते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं इस सरकार का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूं, जो सचमुच आवाज़ सुनती है और प्रतिक्रिया देती है.’

इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स के दायरे को बढ़ाने का प्रयास जारी है और भुगतान कर पाने की क्षमता वाले अधिक से अधिक भारतीयों को इस दायरे में लाने की कोशिश की जा रही है. भारत में फिलहाल करीब 8.65 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए जाते हैं. रिटर्न दाखिल न करने वाले लेकिन टीडीएस देनदारी वाले लोगों को जोड़ने के बाद यह संख्या बढ़कर 10 करोड़ से अधिक हो जाती है. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि अभी दायरे से बाहर मौजूद तमाम लोगों को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए. जो कभी करदाता नहीं रहे या जो अब आय के उस स्तर पर पहुंच गए हैं, या जो कर से बचते रहे हैं, उन सबको इसमें लाया जाना चाहिए.’

सीतारमण ने चालू वित्त वर्ष में 10.18 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के संशोधित अनुमान की तुलना में आगामी वित्त वर्ष के लिए 11.21 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किए जाने का बचाव करते हुए कहा कि खर्च की गुणवत्ता को भी देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हम 2020 से हर साल पूंजीगत व्यय में 16 प्रतिशत, 17 प्रतिशत की वृद्धि के आदी हो गए हैं. अब कह रहे हैं कि आपने इस बजट में उतना नहीं बढ़ाया है तो मैं आपसे यह भी पूछना चाहूंगी कि कृपया खर्च की गुणवत्ता पर भी गौर करें.’

इसके साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि 2024 के एक चुनावी साल होने से पूंजीगत व्यय की रफ्तार धीमी हो गई थी. अगर ऐसा न हुआ रहता तो संशोधित अनुमान भी बजट अनुमान के करीब रहता.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

February 02, 2025, 20:03 IST

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