Agency:News18 Himachal Pradesh
Last Updated:January 22, 2025, 16:12 IST
Kangra News: कांगड़ा का ऐतिहासिक किला है, नूरी नामक एक खूबसूरत नर्तकी की आत्मा से जुड़ी दिलचस्प कहानी को लेकर चर्चा में है. नूरजहां की जलन के कारण नूरी की जीभ कटवा दी गई थी और अब भी किले में उसकी आत्मा भटकने की...और पढ़ें
कांगड़ा. हिमाचल प्रदेश को देव भूमि के नाम से जाना जाता है, लेकिन यहां की कहानियां भी उतनी ही दिलचस्प हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही अनोखे किस्से के बारे में बताएंगे जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. यह किस्सा कांगड़ा जिले के नूरपुर का है, जो 16वीं शताब्दी के अंत में बना था और आज भी चर्चा में रहता है. इस ऐतिहासिक किले का नाम है ‘नूरपुर किला’, जिसे पहले धामड़ी किले के नाम से जाना जाता था. इस किले का निर्माण पठानकोट के शासक राजा बसु देव ने करवाया था. बाद में इस किले में कई और निर्माण हुए.
मुगल बादशाह जहांगीर की प्रिय पत्नी नूरजहां जब पहली बार यहां आईं, तो धामड़ी का नाम बदलकर नूरपुर रख दिया गया. नूरजहां को यह किला और यहां का प्राकृतिक सौंदर्य बहुत पसंद आया था और वह नूरपुर छोड़कर जाना नहीं चाहती थीं.
नूरी की आत्मा की कहानी यह किला नर्तकी ‘नूरी’ की याद दिलाता है. नूरी का नाम नूरजहां से प्रेरित होकर रखा गया था. किंवदंती है कि नूरी नूरजहां से भी ज्यादा खूबसूरत थी, जिससे नूरजहां जलती थी. नूरजहां को डर था कि नूरी अपनी सुंदरता से ज्यादा प्रसिद्ध हो जाएगी, इसलिए उसने नूरी को महल में परफॉर्म नहीं करने दिया. कहा जाता है कि नूरी के पायल की आवाज जब महल में गूंजती थी, तो आसपास के लोग मंत्रमुग्ध हो जाते थे.
नूरजहां ने कटवा दी थी नूरी की जीभ
नूरी नाचने के साथ-साथ गाने में भी माहिर थी. बेगम नूरजहां को उसका गाना बहुत पसंद था, लेकिन उसकी खूबसूरती से जलती थी. नूरजहां को शक हुआ कि नूरी अपनी सुंदरता से जहांगीर को लुभा सकती है, इसलिए उसने नूरी की जीभ कटवा दी. तब से यह किला सुनसान पड़ा है. स्थानीय लोगों का मानना है कि यहां आज भी नूरी की आत्मा भटकती है.
स्थानीय निवासियों की राय स्थानीय निवासी रमेश कुमार का कहना है कि उन्होंने अपने परिवारजनों से सुना है कि आज भी किले में नूरी की आत्मा भटकती है, इसलिए रात के समय किले की तरफ नहीं जाते. लोकल 18 इस बात की पुष्टि नहीं करता, यह स्थानीय लोगों का मानना है.
Location :
Kangra,Himachal Pradesh
First Published :
January 22, 2025, 16:12 IST