Explainer: आखिर गाजा में संघर्ष विराम क्यों नहीं कर रहा इजरायल, क्या है अड़चन

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हाइलाइट्स

इजरायल फिलहाल हमास के साथ संघर्षविराम के मूड में नहींइजरायल सुनिश्चित करना चाहेगा कि गाज़ा में हमास का कंट्रोल कभी नहीं रहेअमेरिका को उम्मीद है कि दबाव के कारण इजरायल और हमास में युद्ध विराम होगा

पूरी दुनिया में अब ये सवाल पूछा जा रहा है कि इजरायल ने अगर हिजबुल्लाह के साथ संघर्ष विराम कर लिया है तो गाज़ा में क्यों लड़ाई जारी है. वहां कब संघर्ष विराम जैसा समझौता होगा. गाजा में बड़े पैमाने पर बर्बादी और विनाश हुआ है. बड़ी तादाद में लोग मारे गए हैं, जिसमें बच्चों और बूढों की संख्या भी कम नहीं. 41 हजार से ज्यादा फिलिस्तीन इसमें मारे जा चुके हैं. इस युद्ध को एक साल से ज्यादा हो चुके हैं.

दरअसल इजरायल ने हमास के खिलाफ जबरदस्त कार्रवाई 7 अक्टूबर 2023 के बाद तब शुरू की, जबकि हमास के हमले में इजरायल के करीब 1200 इजरायली नागरिक मारे गए. जिसमें इजरायली सुरक्षा बलों के अलावा आम नागरिक भी शामिल थे. साथ ही हमास ने 250 इजरायली नागरिकों को बंधक बना लिया.

इसके जवाब में, इजरायल ने उसी दिन युद्ध की घोषणा की और गाजा पट्टी में “ऑपरेशन आयरन स्वॉर्डस” शुरू किया. गाजा की पूर्ण नाकाबंदी का ऐलान किया गया. बिजली, भोजन और ईंधन की आपूर्ति रोक दी गई. इस संघर्ष में अब तक 41,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं

इस एक साल से भी ज्यादा लंबे युद्ध में इजरायल को भी खासे नुकसान का सामना करना पड़ा. उसकी अर्थव्यवस्था तहस-नहस हो गई. सेना भी अब थक चुकी है. लिहाजा हर कोई चाहता है कि गाजा में युद्ध विराम हो जाए, तो समस्या कहां है.

सवाल – गाजा में युद्ध विराम में कहां समस्याएं हैं, क्यों इजरायल अभी युद्ध नहीं रोकेगा?
– हालांकि गाजा में इजरायली हमलों में कमी आई है. इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम और कैदियों की अदला-बदली के प्रयास जारी हैं. हाल ही में मिस्र, कतर और अमेरिका की मध्यस्थता से गाजा में चार दिन के “मानवीय संघर्ष विराम” पर सहमति बनी थी. इससे गाजा में राहत सामग्री पहुंचाने की प्रक्रिया आसान हुई है.

गाजा में युद्ध विराम तक पहुंचने में कई अहम बाधाएं हैं, जो मुख्य रूप से इजरायल और हमास के बीच जटिल राजनीतिक और सैन्य गतिशीलता के साथ-साथ व्यापक क्षेत्रीय निहितार्थों से जुड़ी हुई हैं.

प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का प्रशासन सहयोगियों के दबाव में है जो हमास को किसी भी रियायत का विरोध करते हैं. जिससे युद्ध विराम पर सहमत होना आसान नहीं है. हमास चाहता है कि युद्ध विराम की स्थिति में इजरायल के सैन्य अभियान पूरी तरह खत्म हो जाएं और विस्थापित फिलिस्तीनियों की वापसी के लिए एक स्पष्ट रास्ता बनाया जाए लेकिन इजरायल अपने सैन्य उद्देश्यों के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे वार्ता जटिल हो जाती है.

सवाल – अरब देश लगातार युद्धविराम के लिए दबाव डाल रहे हैं लेकिन इसका असर क्यों नहीं हो पा रहा?
– अरब राष्ट्र युद्धविराम के लिए बेशक दबाव डाल रहे हैं लेकिन हमास और इज़राइल पर पर्याप्त प्रभाव नहीं डाल पा रहे. अगर इजरायल के अंदर राजनीतिक दबाव स्थितियां हैं तो हमास का रुख भी अड़ियल बना हुआ है.
इजरायल ये भी मानता है कि अगर संघर्ष विराम के बाद गाजा पर शासन करने के लिए फिलिस्तीनी प्राधिकरण को लाया जाए तो भी ये ने की योजना विफल हो सकती है, क्योंकि हमास जल्द ही फिर से नियंत्रण हासिल कर लेगा.

सवाल – अमेरिका इसके लिए क्या कोशिश कर रहा है?
– लेबनान में युद्ध विराम होते ही अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने तुरंत ये घोषणा की कि अब गाजा में युद्ध विराम को सुनिश्चित करने की कोशिश की जाएगी. उनका प्रशासन उन शर्तों पर बातचीत करना चाहता है जिनमें हमास द्वारा पकड़े गए इजरायली बंधकों की रिहाई हो और साथ ही हमास को सत्ता से हटाया जाए. अमेरिका इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए तुर्की और कतर जैसे क्षेत्रीय भागीदारों के साथ मिलकर काम करेगा.
ऐसा लगता है कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू हमास के साथ वार्ता पर अपना रुख बदलने से पहले ट्रंप के पदभार ग्रहण करने का इंतजार कर रहे हैं.

सवाल – हमास का क्या रुख है?
– हमास ने गाजा में युद्ध विराम पर बातचीत करने की इच्छा व्यक्त की है, जो कैदियों की अदला-बदली पर चर्चा को जल्दी शुरू करने का संकेत देती है. लेकिन दिक्कत ये है कि वो इजरायल की शर्तों को स्वीकार नहीं करना चाहते. इसे सिरे से खारिज कर देते हैं. लेकिन हिजबुल्लाह के साथ इजरायल के संघर्ष विराम समझौते के बाद यकीनन हमास पर भी दबाव बढ़ा है. हालांकि पिछले एक साल में हमास को बहुत नुकसान हो चुका है. उसके दर्जनों कमांडर और हज़ारों लड़ाके मारे गए हैं. हालांकि कुछ फ़िलिस्तीनी समूह मानते हैं कि एक साल पहले अगर हमास ने इजरायल में भड़काऊ हमला नहीं किया होता तो गाजा में ये बर्बादी भी नहीं होती.

सवाल – ये माना जा रहा है कि लेबनान में युद्ध विराम के बाद इजरायल हमास के नेताओं को पकड़ने का अभियान तेज करेगा?
– ऐसा हो सकता है क्योंकि अब इजरायल अपनी लेबनान सीमा पर लगी बहुत सी सेना को वहां से हटाकर गाजा में ला सकता है और हमास पर दबाव बढ़ा सकता है.

सवाल – हमास के नेता क्या गाजा में ही हैं या कहीं और हैं?
– हमास के नेता सिनवार के मारे जाने के बाद खबरें आईं थीं कि हमास की पांच सदस्यीय परिषद कतर या तुर्की से काम कर रही है. अब ये कहां है, इसका अंदाज नहीं है.

सवाल – कुल मिलाकर क्या लगता है इजरायल गाजा में युद्धविराम करेगा और हमास की मांगों को मानेगा?
– ऐसा बिल्कुल नहीं लगता बल्कि इजरायल आने वाले दिनों में हमास की कमर और तोड़ने की कोशिश करेगा. साथ ही ये सुनिश्चित करेगा कि युद्ध विराम से पहले गाजा में उसे शासन सौंपे, जहां हमास के दखल की कोई संभावना नहीं रहे.

Tags: Hamas onslaught connected Israel, Israel, Israel onslaught connected palestine, Israeli Army, Middle east

FIRST PUBLISHED :

November 28, 2024, 20:42 IST

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