Agency:News18 Madhya Pradesh
Last Updated:February 04, 2025, 09:25 IST
Narmada Jayanti Today 2025 : हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को नर्मदा जयंती मनाई जाती है. इस दिन को नर्मदा प्रकट उत्सव के रूप में मनाया जाता है. आज घाटों पर लाखों भक्त स्नान करेंगे....और पढ़ें
नर्मदा नदी
हाइलाइट्स
- नर्मदा जयंती 4 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी।
- प्रातः काल स्नान और पूजन का विशेष महत्व है।
- मां नर्मदा को पीले वस्त्र अर्पण करने से विशेष फल मिलता है।
खरगोन.नर्मदा विश्व की इकलौती ऐसी नदी है, जिसकी पूर्ण परिक्रमा होती. शास्त्रों के मुताबिक, गंगा में स्नान से जो पुण्य प्राप्त होता है वहीं पुण्य मां नर्मदा के दर्शन मात्र से मिल जाता है. वहीं, ज्योतिषी कहते है कि, नर्मदा जयंती/प्रकोत्सव के दिन नर्मदा में स्नान, पूजन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है. इस साल नर्मदा जयंती आज 4 फरवरी 2025 बुधवार को मनाई जाएगी. तो चलिए जानते है पूजन विधि एवं अभिजीत मुहूर्त में स्नान महत्व.
खरगोन की धार्मिक नगरी मंडलेश्वर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित पंकज मेहता बताते है कि, हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को नर्मदा जयंती मनाई जाती है. इस दिन को नर्मदा प्रकट उत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस साल नर्मदा जयंती आज 4 फरवरी के दिन मनाई जाएगी. नर्मदा पुराण सहित अन्य शास्त्रों के अनुसार, मान्यता है कि आज ही के दिन ही भगवान शंकर ने संसार का कल्याण करने के लिए मध्याह्न काल में मां नर्मदा को प्रकट किया था.
प्रातः काल स्नान का अत्यधिक महत्व
ज्योतिषी बताते है कि, सप्तमी के दिन प्रातः काल सूर्योदय के समय एवं मां नर्मदा के प्रकट होने के समय अभिजीत मुहूर्त में स्नान करना चाहिए. इस समय पूजन करके आरती करने से कई गुना अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है. सुबह स्नान करने पर सूर्यदेव को अर्घ देकर नर्मदा का पूजन करना चाहिए. वहीं दूसरी ओर पूरे दिन में कभी भी स्नान किया जा सकता है.
नर्मदा को प्रिय हैं पीले वस्त्र
पंडित मेहता ने कहां कि, नर्मदा पुराण तथा स्कंद पुराण के रेवा खंड के अनुसार, मां नर्मदा को पीले वस्त्र अर्पण करना चाहिए. पूजन के समय पीली साड़ी या पीली चुनरी मां नर्मदा को ओढ़ाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है, चूंकि नर्मदा को पिला वस्त्र अत्यधिक प्रिय है. गाय के दूध से अभिषेक करना चाहिए. साथ ही गुड़ से बना हल्वा का भोग लगाकर दीप प्रवाहित करना चाहिए.
Location :
Khargone,Madhya Pradesh
First Published :
February 04, 2025, 09:25 IST