राहुल गुमराह कर रहे, अगर हिम्मत है तो... निशिकांत दुबे ने दिया जवाब

3 hours ago 1

Last Updated:February 04, 2025, 12:13 IST

Rahul Gandhi Vs Nishikant Dubey: राहुल गांधी के भाषण पर विवाद बढ़ गया है. सत्ता पक्ष ने उन पर तथ्यों से परे बातें करने का आरोप लगाया. सांसद निशिकांत दुबे ने उनके छह मुद्दों को गलत बताया और चुनौती दी.

राहुल गुमराह कर रहे, अगर हिम्मत है तो... निशिकांत दुबे ने दिया जवाब

लोकसभा में राहुल गांधी के आरोपों का निशिकांत दुबे ने जवाब दिया है.

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान अपने भाषण को लेकर घिरते जा रहा है. उन पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने सदन में तथ्यों से परे बातें की. इसके बाद से सत्ता पक्ष उनको निशाने पर ले रहा है. यहां तक कि सदन के स्पीकर ओम बिरला ने भी विपक्ष के नेता से कहा कि आप जो बातें कर रहे हैं उनको ऑथेंटिकेट कीजिए.

इसके बाद सत्ता पक्ष की ओर से राहुल गांधी पर लगातार सवाल किए गए. लोकसभा सदस्या निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी के भाषण के ऐसे छह मुद्दे गिनाएं जो तथ्यों से परे हैं. उन्होंने कहा कि वह चार बार के सांसद हैं लेकिन पहली बार ऐसा देख रहे हैं कि विपक्ष का नेता देश के बदनाम करने, देश को कमजोर करने, देश को तोड़ने की मुहिम में लगा हुआ है.

उन्होंने कहा कि संविधान में आर्टिकल 5 के तहत सदन में फ्री और फेयर चर्चा का अधिकार दिया है. लेकिन, राहुल गांधी इस अधिकार का दुरुपोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभापति महोदय आपके माध्यम से मेरा विपक्ष के नेता पर आरोप भी है और उनको चैलेंज भी है कि मैं जितनी बातें कह रहा हूं उस सबको मैं ऑथेंटिकेट करूंगा और यदि राहुल गांधी में हिम्मत है तो वो भी सारी बातों को ऑथेंटिकेट करें.

पहला सवाल
निशिकांत दुबे ने कहा कि सबसे पहले मैं फोन की बात करता हूं. राहुल गांधी ने कहा कि दिस फोन इस नॉट मेड इन इंडिया, दिस फोन इस असेंबल्ड इन इंडिया. कांग्रेस ने इस देश को किस तरह से विदेशियों के हाथ गिरवी रख दिया. ये मैं कहानी बताना चाहता हूं. ये बात है आईटीए वन की. जब चिदंबरम इस देश के वित्त कॉमर्स मिनिस्टर थे. 1996-97 में इंटरनेशनल टेलीकॉम अग्रीमेंट यानी आईटीए वन आया. उस वक्त केवल 14 देशों ने इस पर साइन किया. पूरी दुनिया में 195 कंट्री है. चीन उसमें नहीं था.

लेकिन, इस देश को बेचने के लिए तत्कालीन मंत्री ने पैसे लेकर उस अग्रीमेंट पर साइन कर दिया. इसमें कहा गया कि कोई भी कंपोनेंट आप लेकर आ जाओ, कोई भी कम्पोनेंट- हार्डवेयर या इलेक्ट्रॉनिक का कोई भी लेकर आ जाओ शून्य फीसदी ड्यूटी लगेगा. उस वक्त हम नंबर वन हुआ करते थे. इसके बाद खिलौने चीन से आने लगे. जो ये मोबाइल है ये मोबाइल चाइनीज आ गए. इसके जो इक्विपमेंट हैं वो चीन से आ गए. 2014 के बाद इस देश ने मेक इन इंडिया को आगे बढ़ाया है. देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर आगे जाएगा. 2015 में जब आईटीए-2 आया तो हमने साइन नहीं किया. आज हम इस मोबाइल के नंबर वन मैन्युफैक्चरर हैं.

निशिकांत दुबे ने आगे कहा कि आप एआई की बात कर रहे हो, आप प्रधानमंत्री को मैन्युफैक्चरिंग समझा रहे हो, प्रोटेक्शन समझा रहे हो, कन्ज्यूमर समझा रहे हो? आपने जो देश को गिरवी रखा, आपने जो देश को बेचा. आज चीन को कॉम्पिटिशन यदि हम नहीं दे रहे हैं तो कौन दे रहा है.

बॉर्डर का सवाल
निशिकांत दुबे ने बॉर्डर का भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि झूठ बोलने की आदत है, कभी झूठ बोल दिया और कही दबाव आ गया तो वापस से ले लिया. उन्होंने कहा कि आज दुनिया में चाहे रूस हो, चाहे यूरोपियन यूनियन में परेशानी हो, चाहे इजरायल में परेशानी हो, फिलिस्तीनी में परेशानी हो… पूरी दुनिया भारत की तरफ देखती है. उन्होंने कहा कि आचार्य कृपलानी कांग्रेस के बड़े नेता थे. उनकी वाइफ सुचेता कृपलानी थीं. कांग्रेस पार्टी से आचार्य कृपालानी ने इस्तीफा क्यों दिया? ये देश को जानने वाला सवाल है. निशिकांत ने कहा कि नेहरू ने पंचशील अग्रीमेंट करने का विचार किया तो औचारिक तौर पर कांग्रेस में उनका विरोध किया. कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने कहा था कि आप देश को बेच रहे हो, आप तिब्बत को उसके साथ जाने के लिए मजबूर कर रहे हो, आप हमारे ऊपर एक दुश्मन को पैदा कर रहे हो और ये चलने वाला नहीं है. एक दिन चाइना हमारे ऊपर अटैक करेगा.

सेना और पीएम का मुद्दा
निशिकांत दुबे ने आगे कहा कि इन्होंने ये बात कही कि प्रधानमंत्री कुछ बोलते हैं और आर्मी चीफ या सेना अलग बात बोलते हैं. लेकिन 1960 के दशक में फील्ड मार्शल थे रॉबर्ट्स. उन्होंने कहा था कि पंचशील के इस सिद्धांत के बाद चाइना हमारे ऊपर अटैक करेगा और हमारी आर्मी इतनी मजबूत नहीं है कि हम उसका मुकाबला कर पाए. जब ये स्टेटमेंट बाहर आया. इसी फ्लोर पर नेहरू ने कहा कि आर्मी के जो लोग हैं वो गलतबयानी कर रहे हैं. उन्होंने इस संदर्भ में फील्ड मार्शल करियप्पा का भी जिक्र किया.

इंदिरा गांधी
निशिकांत दुबे ने आगे कहा कि मैं एक पेपर लेकर आया हूं. 1981 में राहुल गांधी की दादी इंदिरा गांधी ने एक अग्रीमेंट साइन किया. 1981 से 1987 तक जब उनके पिता जी प्रधानमंत्री थे तब आठ बार चीन के साथ बायलेटरल टॉक हुए. आपने सेना को घुसने दिया, आप लद्दाख तक पहुंच गया, आप अरुणाचल तक पहुंच गए, आपने तिब्बत को देकर हमारे माथे पर चाइना को बैठा दिया. आज माननीय प्रधानमंत्री के कारण एक बॉर्डर का डिस्प्यूट रेसोल्वे होता हुआ नजर आ रहा है. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि आपका चीन के साथ अग्रीमेंट है. चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के साथ कांग्रेस पार्टी ने क्या अग्रीमेंट किया हैं?

First Published :

February 04, 2025, 12:13 IST

homenation

राहुल गुमराह कर रहे, अगर हिम्मत है तो... निशिकांत दुबे ने दिया जवाब

*** Disclaimer: This Article is auto-aggregated by a Rss Api Program and has not been created or edited by Nandigram Times

(Note: This is an unedited and auto-generated story from Syndicated News Rss Api. News.nandigramtimes.com Staff may not have modified or edited the content body.

Please visit the Source Website that deserves the credit and responsibility for creating this content.)

Watch Live | Source Article