Agency:Local18
Last Updated:February 04, 2025, 15:25 IST
Ear Piercing Baby Death: कर्नाटक में एक 6 महीने की बच्ची को कान छिदवाने के लिए डॉक्टर के पास ले जाया गया, जहां एनेस्थीसिया की ओवरडोज़ से उसकी दर्दनाक मौत हो गई.
नंदीश/चामराजनगर: भारत में खासकर हिंदू परंपरा में बच्चों के कान छिदवाने का रिवाज बहुत पुराना है. परंपरा के मुताबिक, बच्चे के कान छिदवाने से उनकी सेहत और अच्छे भविष्य के संकेत मिलते हैं. हाल ही में कर्नाटक के गुंडलुपेट तालुका के हंगल गांव में एक 6 महीने की बच्ची को इसी परंपरा के तहत कान छिदवाने के लिए एक क्लिनिक में ले जाया गया.
डॉक्टर ने क्यों दी एनेस्थीसिया?
आमतौर पर बच्चों के कान छिदवाने के दौरान उन्हें दर्द से बचाने के लिए डॉक्टर एनेस्थीसिया (बेहोशी की दवा) देते हैं. यह दवा बच्चों को दर्द महसूस नहीं होने देती. लेकिन इस घटना में डॉक्टरों ने बच्ची को एनेस्थीसिया तो दिया, लेकिन शायद उनकी दी गई डोज़ सही नहीं थी. एनेस्थीसिया की ओवरडोज़ (ज्यादा मात्रा) ने बच्ची की सेहत पर इतना बुरा असर डाला कि वह बेहोश हो गई.
बेहोशी के बाद क्या हुआ?
बच्ची के बेहोश होने के बाद डॉक्टरों ने उसे तुरंत गुंडलुपेट सरकारी अस्पताल भेजा, लेकिन अफसोस, अस्पताल पहुंचने से पहले ही बच्ची की मौत हो गई. डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची को एनेस्थीसिया देने के बाद उसके शरीर में दौरे पड़ने लगे थे, जो बहुत खतरनाक थे.
डॉक्टर का बयान और मेडिकल जांच
घटना के बाद, तालुका अस्पताल के डॉक्टर डॉ. अलिंपाशा ने बताया कि डॉक्टरों ने बच्ची को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन एनेस्थीसिया की ओवरडोज़ के कारण उसका शरीर इसकी चपेट में आ गया. डॉक्टरों ने कहा कि मामले की जांच के लिए एमएलसी (मेडिकल लीगल केस) दर्ज किया जाएगा. यह केस डॉक्टरों की गलती और अस्पताल की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाता है.
वहीं, इस दुखद घटना ने नवजात बच्ची के परिवार को तो तोड़ कर रख दिया है. छह महीने की बच्ची की मौत ने उसके माता-पिता की दुनिया को उलट-पलट कर दिया है. यह उनके लिए एक बुरा सपना बनकर रह गया है
First Published :
February 04, 2025, 15:25 IST