Last Updated:February 03, 2025, 17:26 IST
राहुल गांधी ने लोकसभा में बजट सत्र के दौरान बोलते हुए आरोप लगाया कि डोनाल्ड ट्रंप के शपथ समारोह में पीएम मोदी को न्योता दिलाने के लिए एस जयशंकर को अमेरिका भेजा गया था. विदेश मंत्री जयशंकर ने अब इस पर जवाब दिया ...और पढ़ें
हाइलाइट्स
- राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि ट्रंप के शपथ समारोह को लेकर नया दावा किया.
- उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को न्योता दिलाने के लिए जयशंकर को US भेजा गया.
- राहुल गांधी के इस दावे को विदेश मंत्री जयशंकर ने बिल्कुल गलत करार दिया है.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के भाषण पर एक फिर बवाल मच गया है. सोमवार राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में निमंत्रण दिलाने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर को अमेरिका भेजा गया था, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ. राहुल के इस दावे पर अब खुद विदेश मंत्री जयशंकर ने जवाब दिया है और उनकी इस बात सिरे से खारिज कर दिया है.
लोकसभा में सोमवार को बजट सत्र के दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि जब हम अमेरिका से बात करते हैं, तो हम अपने विदेश मंत्री को अपने प्रधानमंत्री के शपथ समारोह का निमंत्रण दिलाने के लिए नहीं भेजते. इसके साथ ही उन्होंने कहा,
‘अगर हमारी उत्पादन प्रणाली मजबूत होती और हम आधुनिक तकनीकों पर काम कर रहे होते, तो अमेरिकी राष्ट्रपति खुद भारत आते और प्रधानमंत्री को आमंत्रित करते. हमें विदेश मंत्री को निमंत्रण मांगने के लिए नहीं भेजना पड़ता.’
उनका इशारा यह था कि चीन की तुलना में भारत की औद्योगिक क्षमता कमजोर है और इसी कारण सरकार को इस तरह के कदम उठाने पड़ रहे हैं.
हालांकि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राहुल गांधी के दावे को सिरे से खारिज किया है. उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे किसी भी विश्व नेता के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होते. भारत का प्रतिनिधित्व आमतौर पर राजदूतों के माध्यम से किया जाता है. मैं अमेरिका इसलिए गया था ताकि तत्कालीन बाइडन सरकार के अधिकारियों से मिल सकूं.’
जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर भी राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया. उन्होंने लिखा, ‘विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दिसंबर 2024 में मेरी अमेरिका यात्रा के बारे में जानबूझकर झूठ बोला. मैं बाइडेन प्रशासन के विदेश मंत्री और एनएसए से मिलने गया था. साथ ही हमारे महावाणिज्य दूतों की एक सभा की अध्यक्षता भी की. मेरे प्रवास के दौरान, आने वाले भावी एनएसए ने मुझसे मुलाकात की. किसी भी स्तर पर पीएम के संबंध में निमंत्रण पर चर्चा नहीं की गई. यह सबको पता है कि हमारे पीएम ऐसे आयोजनों में शामिल नहीं होते हैं. वास्तव में, भारत का प्रतिनिधित्व आमतौर पर विशेष दूतों द्वारा किया जाता है. राहुल गांधी के झूठ का मकसद राजनीतिक हो सकता है, लेकिन वे विदेश में देश को नुकसान पहुंचाते हैं.’
संसद में हंगामा, किरेन रिजिजू ने किया कड़ा विरोध
लोकसभा में भी राहुल गांधी के इस बयान पर खूब हंगामा देखने को मिला, जहां संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल के दावों पर कड़ी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा,
‘यह भारत की विदेश नीति से जुड़ा गंभीर मुद्दा है. विपक्ष के नेता संसद में बिना किसी प्रमाण के इस तरह के आरोप नहीं लगा सकते.’
रिजिजू ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर राहुल गांधी के बयान को रिकॉर्ड से हटाने की मांग की. सूत्रों के मुताबिक, रिजिजू राहुल गांधी से अपने दावे को साबित करने या बयान वापस लेने की मांग कर सकते हैं.
राहुल गांधी का तंज
जब रिजिजू ने उनके बयान का विरोध किया, तो राहुल गांधी ने तंजिया लहजे में जवाब देते हुए कहा, ‘मैं आपकी मानसिक शांति भंग करने के लिए माफी चाहता हूं.’
राहुल गांधी के इस बयान से संसद में तो हंगामा हुआ ही, सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई. भाजपा समर्थक इसे भारत की विदेश नीति का अपमान बता रहे हैं, जबकि कांग्रेस समर्थक इसे सरकार की असलियत उजागर करने वाला बयान मान रहे हैं.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 03, 2025, 17:26 IST