Agency:News18 Uttarakhand
Last Updated:February 08, 2025, 14:35 IST
Pranayam: गोकुल बिष्ट ने लोकल 18 से कहा कि प्राणायाम श्वास लेने, रोकने और छोड़ने की एक वैज्ञानिक पद्धति है, जो शरीर के प्राण (ऊर्जा) को नियंत्रित करने में मदद करती है. यह शरीर के विभिन्न तंत्रों को सक्रिय करता ...और पढ़ें
जानें प्राणायाम के फायदे करने की सही विधि और सही समय
ऋषिकेश. प्राणायाम योग का एक महत्वपूर्ण अंग है, जिसमें श्वास को नियंत्रित करने की विधियां शामिल होती हैं. प्राण का अर्थ जीवन ऊर्जा और आयाम का अर्थ नियंत्रण या विस्तार होता है. इसका नियमित अभ्यास मानसिक शांति, शारीरिक स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है. यह सिर्फ एक साधारण श्वास अभ्यास नहीं है बल्कि शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करने की एक प्रभावशाली तकनीक है. लोकल 18 के साथ बातचीत में उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित साधक योगशाला के योग ट्रेनर और निदेशक गोकुल बिष्ट ने कहा कि प्राणायाम श्वास लेने, रोकने और छोड़ने की एक वैज्ञानिक पद्धति है, जो शरीर के प्राण (ऊर्जा) को नियंत्रित करने में मदद करती है.
उन्होंने कहा कि यह शरीर के विभिन्न तंत्रों को सक्रिय करता है और आंतरिक शुद्धि प्रदान करता है. योगशास्त्र में इसे जीवन शक्ति बढ़ाने वाला माना जाता है, जो न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक विकास में भी सहायक होता है. प्राणायाम के प्रकार प्राणायाम कई प्रकार के होते हैं, जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित शामिल हैं.
1. अनुलोम-विलोम प्राणायाम- यह नाड़ी शुद्धि के लिए किया जाता है और मानसिक शांति प्रदान करता है.
2. कपालभाति प्राणायाम- यह शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है और मेटाबॉलिज्म को तेज करता है.
3. भस्त्रिका प्राणायाम- यह ऊर्जा को बढ़ाने और फेफड़ों को मजबूत करने में सहायक होता है.
4. भ्रामरी प्राणायाम- यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है.
5. उज्जायी प्राणायाम- यह श्वसन प्रणाली को मजबूत करता है और गले की समस्याओं में लाभकारी होता है.
प्राणायाम के लाभ
प्राणायाम के कई शारीरिक और मानसिक लाभ होते हैं, जिनमें मुख्य रूप से ये शामिल हैं.
1. स्वास्थ्य में सुधार- यह श्वसन प्रणाली को मजबूत करता है, फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है और हृदय स्वास्थ्य को सुधारता है.
2. मानसिक शांति- तनाव, चिंता और अवसाद को कम करता है, जिससे मानसिक शांति और स्थिरता बनी रहती है.
3. रक्त संचार में सुधार- शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ती है, जिससे रक्त संचार बेहतर होता है.
4. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना- शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, जिससे बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है.
5. डिटॉक्सिफिकेशन- शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालकर इसे शुद्ध करता है.
6. ध्यान और एकाग्रता में वृद्धि- मस्तिष्क को शांत कर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ाता है.
7. वजन कम करने में सहायक- कपालभाति और भस्त्रिका प्राणायाम वजन घटाने में मदद करते हैं.
प्राणायाम का सही समय
प्राणायाम का सबसे अच्छा समय सुबह का होता है, खासकर सूर्योदय से पहले या सूर्योदय के समय. इस समय वातावरण शुद्ध होता है और शरीर ऊर्जावान रहता है. हालांकि, यदि सुबह समय न मिले तो इसे शाम को भी किया जा सकता है लेकिन दोपहर के भोजन के कम से कम 3 से 4 घंटे बाद करना चाहिए.
प्राणायाम के लिए सही विधि
प्राणायाम हमेशा शांत और हवादार जगह पर किया जाना चाहिए. सुखासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठकर प्राणायाम करें. श्वास को धीरे-धीरे लें और छोड़ें. हल्का और संतुलित आहार लें ताकि शरीर शुद्ध और ऊर्जावान बना रहे. रोजाना कम से कम 15-30 मिनट प्राणायाम करें.
Location :
Rishikesh,Dehradun,Uttarakhand
First Published :
February 08, 2025, 14:35 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.