Last Updated:February 08, 2025, 06:18 IST
Seelampur Chunav 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख का एलान हो चुका है. इस बार 5 फरवरी को मतदान पड़ेंगे, जबकि 8 फरवरी को वोटों की गिनती होगी. आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत ...और पढ़ें
![सीलमपुर सीट पर 'आम आदमी' का है दबदबा! सीलमपुर सीट पर 'आम आदमी' का है दबदबा!](https://images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2025/02/65_Silampur_01-2025-02-1ecb2d774176e47bbdd71af1907588c4.jpg?impolicy=website&width=640&height=480)
हाइलाइट्स
- सीलमपुर सीट पर आम आदमी पार्टी का दबदबा है
- 5 फरवरी को मतदान और 8 फरवरी को नतीजे आएंगे
- बीजेपी और कांग्रेस भी चुनाव में जोर आजमा रही हैं
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में सीलमपुर सीट पर आम आदमी पार्टी का दबदबा कायम रहेगा, या फिर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) या कांग्रेस समीकरण बदलने में कामयाब होंगी, इसका फैसला आज हो जाएगा. सुबह के आठ बजते ही दिल्ली के सभी विधानसभा क्षेत्रों के वोटों की गिरती शुरू हो जाएगी और कुछ मिनटों के अंतराल में रुझान आना भी शुरू हो जाएंगे.
वहीं सीलमपुर सीट पर इस बार के समीकरणों की बात करें तो आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर है, पर कांग्रेस भी पीछे नहीं है. 2025 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने चौधरी जुबैर अहमद को प्रत्याशी के रूप में खड़ा किया है जबकि बीजेपी से अनिल कुमार शर्मा और कांग्रेस से अब्दुल रहमान मैदान में हैं.
इसके अलावा बसपा से दीपक कुमार और कुछ अन्य पार्टियों के उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे हैं. ये एक मुस्लिम बहुल इलाका है जहां मुस्लिम वोटरों की आबादी 50 फीसदी तक है. 2020 के चुनाव में वोट फीसद 71.22 था. वहीं 2015 में वोट प्रतिशत 71.81 था.
2015 और 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने मारी थी बाजी
2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप के मोहम्मद इशराक ने इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी को 27887 वोटों से हराया था. 2015 में इस सीट पर आप का वोट शेयर 51.26 फीसद रहा था. 2020 में आम आदमी पार्टी के अब्दुल रहमान को 72,694 वोट मिले थे और उन्होंने जीत दर्ज की थी. जबकि बीजेपी के कौशल कुमार मिश्रा को 35,619 वोट मिले थे. कांग्रेस के चौधरी मतीन अहमद तीसरे नंबर पर थे, उन्हें 20,207 वोट मिले थे.
चौधरी मतीन अहमद 5 बार इस सीट से रहे विधायक
2013 और 2008 के चुनाव में कांग्रेस के चौधरी मतीन अहमद ने जीत दर्ज की थी. वो 5 बार के विधायक रह चुके हैं. 1993 में चौधरी मतीन अहमद ने जनता दल के टिकट पर इस सीट पर जीत दर्ज की थी. 1998 में निर्दलीय मैदान में उतरकर उन्होंने साबित किया कि उनकी जीत किसी पार्टी की वजह से नहीं, खुद की मेहनत की वजह से है. उस साल भी उन्हें विधायक चुना गया था. 2003 के चुनाव से पहले मतीन अहमद ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था. उस साल उन्होंने अपनी तीसरी जीत दर्ज की थी. उसके बाद कांग्रेस के टिकट पर वो 2008 और 2013 के चुनाव में भी जीते थे. बीजेपी इस सीट पर अब तक अपना खाता तक नहीं खोल सकी है.
First Published :
February 08, 2025, 06:18 IST