हाइलाइट्स
FIIs ने 38 दिनों की बिकवाली के बाद खरीदारी की.HDFC बैंक के शेयरों में तेजी देखी गई.बाजार की चाल आगे तकनीकी स्तरों पर निर्भर.
नई दिल्ली. 26 सितंबर 2024 को निफ्टी50 में 211.90 अंकों का उछाल आया था, और यह इंडेक्स 26,216.05 पर बंद हुआ था. उसके बाद से लगातार बाजार में गिरावट देखने को मिली. 26 सितंबर (गुरुवार) का ही वह दिन था, जब विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने खरीदारी की थी, मतलब वे उस दिन नेट बायर (Net Buyers) थे और उसके बाद वे लगातार नेट सेलर (Net Sellers) बनकर भारतीय शेयर बाजार को बेच रहे थे. यह सेलिंग पूरे 38 सेशन चली. 38 सेशन से अभिप्राय लगभग दो महीनों से है. पूरे 38 सेशन तक नेट सेलर रहने के बाद 25 सितंबर को वह शुभ दिन आया, जब FIIs एक बार फिर से नेट बायर बनकर उभरे. क्या एक शुभ दिन से बाजार का शुभ समय शुरू हो गया है? चलिए समझते हैं.
महाराष्ट्र चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की बम्पर जीत के बाद उत्साहित भारतीय शेयर बाजारों ने सोमवार को जबरदस्त रैली दिखाई. सेंसेक्स में लगभग 1,000 अंकों का उछाल दिखा तो निफ्टी में भी लगभग 300 अंकों का उछाल दर्ज किया गया. रिजल्ट देखकर खुश हुए FIIs ने भी लोअर लेवल्स से बाजार में खरीदारी करनी शुरू कर दी और कल शाम को FIIs का ओवरऑल डेटा हरे रंग के निशान में दिखा. उन्होंने कुल 9,947.55 करोड़ रुपये की खरीदारी की.
पूरे अक्टूबर एफआईआई ने 1,14,445.89 करोड़ रुपये का माल बेचा. पिछले हफ्ते शुक्रवार तक लग रहा था कि नवंबर भी इसी तरह लाल ही निकलेगा, क्योंकि विदेशी निवेशकों ने तब तक एक भी दिन माल खरीदा नहीं था. 25 नवंबर को FIIs की कुल खरीदारी 85,251.94 करोड़ की रही, जबकि कुल बिक्री 75,304.39 करोड़ रुपये की रही. इस तरह उन्होंने 9,947.55 करोड़ रुपये की नेट बाइंग की. अभी तक के पूरे महीने (नवंबर) की बात करें तो FIIs ने 30,999.80 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की है.
क्यों ट्रिगर हुई यह खरीदारी?
सोमवार के ट्रेडिंग सेशन में HDFC बैंक ने शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें उसके शेयर की कीमत 2.3 फीसदी बढ़कर 1,785.6 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुई. इस बढ़त का मुख्य कारण MSCI (मॉर्गन स्टेनली कैपिटल इंटरनेशनल) इंडेक्स में बैंक की वेटेज में बदलाव था, और निवेशक लंबे समय से इसका इंतजार कर रहे थे. MSCI द्वारा वेटेज में इस बदलाव से HDFC बैंक के शेयरों में करीब 1.88 अरब डॉलर (15,500 करोड़ रुपये) के अनुमानित निवेश आने की संभावना थी. यह बदलाव दो चरणों में किया गया था. पहला चरण अगस्त में हुआ, जिसमें 15,000 करोड़ रुपये (1.8 अरब डॉलर) के विदेशी निवेश की उम्मीद थी. दूसरा चरण 25 नवंबर से लागू हुआ, जिसने HDFC बैंक में विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी और बढ़ा दी.
अन्य स्टॉक्स को भी होगा फायदा
HDFC बैंक के अलावा, अन्य कंपनियां भी MSCI इंडेक्स में वेटेज बढ़ने से फायदा उठाने की स्थिति में हैं. इनमें कल्याण ज्वेलर्स, अल्केम लेबोरेटरीज़, और ओबेरॉय रियल्टी शामिल हैं. MSCI इंडेक्स को विदेशी निवेशक काफी करीब से ट्रैक करते हैं, और वेटेज बढ़ने से इन कंपनियों में भी निवेश बढ़ने की संभावना है.
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क्या FII की खरीददारी जारी रहेगी?
लक्ष्मीश्री इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च प्रमुख अंशुल जैन के अनुसार, MSCI के इस बदलाव ने बाजार में एक बड़ा सकारात्मक संकेत दिया. पिछले सेशन में 9,947 करोड़ रुपये की विदेशी निवेशकों की भारी खरीददारी देखी गई. यह खरीददारी बाजार की धारणा को मजबूत कर रही है. हालांकि, जैन ने बताया कि बैंक निफ्टी में 53,000 और निफ्टी में 24,600 का स्तर पार करना महत्वपूर्ण होगा. यदि यह स्तर पार हो जाता है, तो यह बाजार के लिए सकारात्मक रुख का संकेत होगा. जब तक ये टेक्निकल लेवल पार नहीं होते, तब तक निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए.
24 नवंबर को एक रिपोर्ट में, मोतीलाल ओसवाल के मार्केट एनालिस्ट्स ने संकेत दिया था कि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए की चुनावी जीत निवेशकों की धारणा को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है. मोतीलाल ओसवाल ने कहा, “यह चुनाव परिणाम अच्छे मानसून के बाद ग्रामीण मांग में सुधार और खरीफ की मजबूत पैदावार की उम्मीद के साथ मिलकर एक कम रिस्क वाली एक रैली का मंच तैयार कर सकते हैं.” मनीकंट्रोल के साथ बातचीत में कोटक एएमसी के नीलेश शाह ने कहा था कि चुनाव परिणाम सरकार की सुधारों को आगे बढ़ाने की क्षमता में विश्वास बढ़ा सकते हैं. उन्होंने कहा, “यह विदेशी निवेशकों का विश्वास बहाल करने में भी मदद कर सकता है, क्योंकि पिछले 2 वर्षों में कई विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे थे और भारत पर कमजोर थे.”
Tags: Mutual money investors, Share market, Stock market
FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 14:17 IST