कोलकाता:
जाको राखे साइयां मार सके न कोय, ये कहावत तो आपने कई बार सुनी होगी. अब ऐसा ही कुछ कोलकाता में भी देखने को मिला है. तृणमूल कांग्रेस पार्षद सुशांत घोष पर हमला हुआ, उनको मारने की कोशिश की गई. हमलावर ने पिस्तौल का ट्रिगर तक दबा दिया लेकिन फिर भी वह बच गए, आपको बताते हैं कि आखिर कैसे? उन पर शुक्रवार शाम दो व्यक्तियों ने नजदीक से गोली चलाने की कोशिश की, लेकिन कुछ ऐसा हुआ कि उनकी जान बच गई. हत्या का ये नाटकीय दृश्य वहां लगे सीसीटीवी में कैद हो गया.
पिस्तौल का ट्रिगर दबाया, फिर भी नहीं चली गोली
दोपहिया वाहन पर आए दो हमलावरों में से एक ने जब पिस्तौल का ट्रिगर दबाया तो गोली चली ही नहीं. इस वजह से उनकी जान बच गई. एक एक को स्थानीय लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. ये घटना शुक्रवार रात करीब 8:10 बजे हुई.टीएमसी नेता नहीं जानते कि हमले के पीछे किसका हाथ है.
कोलकाता नगर निगम वार्ड संख्या 108 के पार्षद सुशांत घोष ने कहा, 'मैं 12 सालों ले पार्षद हूं और मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझ पर हमला हो सकता है, वह भी तब जब मैं अपने क्षेत्र में बैठा हूं.'
गोली चलाते वक्त खराब हो गई शूटर की पिस्तौल
कोलकाता के कसबा इलाके में शूटर की बंदूक ख़राब होने की वजह से तृणमूल पार्षद हत्या की कोशिश में बच गए. ये पूरा वाक्या उनके घर के सामने लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया. पार्षद सुशांत घोष अपने घर के सामने बैठे थे, तभी दो शूटर स्कूटर पर वहां पहुंचे. उनमें से एक ने अपनी पिस्तौल निकाल ली और उसे दो बार गोली मारने की कोशिश की. लेकिन गोली चली ही नहीं.
जैसे ही पार्षद ने देखा की शूटर मौके पर है, टीएमसी नेता ने उन पर जवाबी हमला कर दिया. इस दौरान शूटरों ने स्कूटर पर भागने की कोशिश की, लेकिन वह फिसलकर गिर गए. जिसके बाद पार्षद ने पैदल ही उसका पीछा किया और आखिर में उसे पकड़ ही लिया. इस दौरान शूटर की जमकर पिटाई की गई.
बिहार से भाड़े पर शूटर्स को बुलाने का शक
जब भीड़ ने उसे घेर लिया तो शूटर ने बताया कि इस काम के लिए उसे कोई पैसा नहीं मिला, उसे सिर्फ एक फोटो देकर हत्या के लिए कहा गया था. भीड़ ने उसे पुलिस को सौंप दिया. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पार्षद की हत्या के लिए शूटरों को बिहार से भाड़े पर बुलाया गया था. हमले के पीछे आपसी रंजिश का शक जताया जा रहा है.
वहीं पार्षद का कहना है कि उनको इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं है कि उनकी हत्या की प्लानिंग किसने की होगी. उन्होंने कभी ये सोचा भी नहीं था कि उन पर हमला हो सकता है. हमले की खबर के बाद स्थानीय सांसद माला रॉय और विधायक जावेद खान उनसे मिलने पहुंचे.