अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) शपथ ग्रहण के बाद से ही एक्शन में हैं. ट्रंप लगातार अपने आदेशों के जरिये दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं. ट्रंप ने अपने एक एक्जीक्यूटिव आदेश में अमेरिका और उसके करीबी सहयोगी इजरायल को निशाना बनाने वाली "निराधार" जांच के लिए अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (International Criminal Court) पर प्रतिबंध लगाए हैं. ट्रंप के आदेश में कहा गया है कि हेग की अदालत ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करके "अपनी शक्ति का दुरुपयोग" किया. नेतन्याहू ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ बातचीत की थी.
आदेश में कहा गया कि ट्रिब्यूनल अफगानिस्तान में अमेरिका के कर्मियों और गाजा में इजरायली सैनिकों द्वारा कथित युद्ध अपराधों की आईसीसी जांच का जिक्र करते हुए "अमेरिका और हमारे करीबी सहयोगी इजरायल को निशाना बनाने वाली अवैध और आधारहीन कार्रवाइयों" में लगा हुआ था.
ट्रंप के एक्जीक्यूटिव आदेश में क्या है?
अमेरिकी राष्ट्रपति ने आईसीसी अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों के साथ अदालत की जांच में मदद करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ संपत्ति जब्त करने और यात्रा प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया.
यह प्रतिबंध नेतन्याहू की व्हाइट हाउस यात्रा के बाद समर्थन का प्रदर्शन है, जिसके दौरान ट्रंप ने अमेरिका के लिए गाजा पर "कब्जा" करने और फिलिस्तीनियों को अन्य मध्य पूर्वी देशों में स्थानांतरित करने की योजना का खुलासा किया था.
नेतन्याहू का गिरफ्तारी वारंट किया था जारी
अमेरिका और इजरायल में से कोई भी इस अदालत का सदस्य नहीं है. प्रतिबंधों को लेकर आईसीसी की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
आईसीसी ने 21 नवंबर को नेतन्याहू, उनके पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट और हमास के सैन्य प्रमुख मोहम्मद डेफ के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. डेफ के बारे में इजरायल का कहना है कि वह मर चुका है.
पिछले साल मई में ICC प्रॉसिक्यूटर करीम खान के एक आवेदन के बाद स्वीकृत वारंट, "मानवता के खिलाफ अपराध और 8 अक्टूबर 2023 से कम से कम 20 मई 2024 तक किए गए युद्ध अपराधों" के लिए है.
ट्रंप ने पहले भी लगाए हैं ICC पर प्रतिबंध
अपने पहले कार्यकाल के दौरान ट्रंप ने 2020 में ICC के तत्कालीन प्रॉसिक्यूटर फतौ बेनसौदा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों पर वित्तीय प्रतिबंध और वीजा प्रतिबंध लगाए थे.
ट्रंप ने आईसीसी को "कंगारू कोर्ट" बताया था और अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ युद्ध अपराधों के आरोपों की जांच शुरू करने के बाद यह कदम उठाया था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)