Last Updated:February 07, 2025, 09:22 IST
Who is Mohini Mohan Dutta : दिवंगत रतन टाटा की हाल में वसीयत सामने आई है. इसमें करीब 500 करोड़ रुपये की संपत्ति उनके मित्र मोहन दत्ता को देने की बात कही गई है. मोहन को उनके बहुत करीबियों में नहीं गिना जाता है,...और पढ़ें
![चौंका देगी रतन टाटा की वसीयत! दोस्त को 500 करोड़, भाई का नाम तक नहीं चौंका देगी रतन टाटा की वसीयत! दोस्त को 500 करोड़, भाई का नाम तक नहीं](https://images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2025/02/ratan-tata-will-2025-02-f992543fa3326f3149b82c77902a3acd.jpg?impolicy=website&width=640&height=480)
रतन टाटा ने अपनी वसीयत में मोहिनी मोहन दत्ता को 500 करोड़ रुपये दिए हैं.
हाइलाइट्स
- रतन टाटा ने मोहन दत्ता को 500 करोड़ का गिफ्ट दिया.
- वसीयत में नोएल टाटा का नाम नहीं है.
- संपत्ति वितरण की जांच हो सकती है.
नई दिल्ली. देश के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा ने भले ही दुनिया को अलविदा कह दिया हो, लेकिन उनकी उपस्थिति आज भी खबरों में बनी रहती है. हालिया मामला उनकी वसीयत से जुड़ा है, जिसे अब खोला गया. इसमें सबसे चौंकाने वाला खुलासा 500 करोड़ रुपये की रकम को लेकर हुआ है, जो रतन टाटा ने जमशेदपुर के एक व्यक्ति को गिफ्ट कर दिया था. इस व्यक्ति का नाम पहले कभी रतन टाटा के साथ नहीं जोड़ा गया और अब उन्हें 500 करोड़ मिलने पर न सिर्फ उनके करीबी और परिवार के लोग हैरान हैं, बल्कि इसकी जानकारी होने पर हर किसी को आश्चर्य हुआ.
दरअसल, रतन टाटा की हाल ही में खोली गई वसीयत ने कई लोगों को चौंका दिया. इसमें उनकी शेष संपत्ति का एक तिहाई हिस्सा, जो 500 करोड़ से अधिक आंका गया है, उसे जमशेदपुर के एक अज्ञात सहयोगी मोहिनी मोहन दत्ता को दिया गया है. रतन टाटा की बाकी संपत्ति को चैरिटी के लिए समर्पित किया गया है और उनकी सौतेली बहनों ने भी अपनी हिस्सेदारी दान करने में रुचि दिखाई है. रतन टाटा की वसीयत में सबसे खास बात ये है कि इसमें सौतेले भाई नोएल टाटा का नाम नहीं है.
संपत्ति वितरण की हो सकती है जांच
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि संपत्ति के वितरण पर गहन जांच हो सकती है. 74 वर्षीय मोहिनी मोहन दत्ता टाटा समूह के पूर्व कर्मचारी हैं. उनका दावा है कि वे रतन टाटा के करीबी थे और उनकी वसीयत से बड़ी राशि मिलने की उम्मीद भी कर रहे हैं. दत्ता ने रतन टाटा की संपत्ति को स्वीकार करने पर सहमति भी जता दी है. दत्ता का दावा है कि उनकी मुलाकात 24 साल की उम्र में रतन टाटा से हुई थी.
हाईकोर्ट में पहुंचेगा मामला
सूत्रों का कहना है कि वैसे तो दत्ता ने रतन टाटा की ओर से गिफ्ट की गई संपत्ति को स्वीकार करने पर राजी हैं, लेकिन उनका मानना है कि यह रकम करीब 650 करोड़ रुपये होगी. इससे रतन टाटा के हितधारकों में चिंता बढ़ गई है. वैसे तो रतन टाटा की संपत्ति का मूल्यांकन होना अभी बाकी है, लेकिन यह माना जा रहा है कि यह संपत्ति 650 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना नहीं है. हालांकि, वसीयत को अभी बॉम्बे हाई कोर्ट में प्रमाणित किया जाना बाकी है.
कैसे हुई रतन टाटा से दोस्ती
दत्ता का कहना है कि हम पहली बार जमशेदपुर में डीलर्स हॉस्टल में मिले थे, जब रतन टाटा 24 साल के थे. उन्होंने मेरी बहुत मदद की और मुझे आगे बढ़ाया. दत्ता ने रतन टाटा के अक्टूबर 2024 के अंतिम संस्कार में पत्रकारों से साझा किया था कि उनका 60 साल तक साथ रहा. दत्ता ने अपने करियर की शुरुआत ताज होटल से की और बाद में टाटा इंडस्ट्रीज ने दत्ता के उद्यमी प्रयास, स्टैलियन ट्रैवल एजेंसी में निवेश किया. यह एजेंसी बाद में ताज के ट्रैवल डिवीजन में विलय हो गई. टाटा कैपिटल ने बाद में इस व्यवसाय का अधिग्रहण किया और इसे थॉमस कुक (इंडिया) को बेच दिया. दत्ता अभी भी इसके निदेशक के रूप में कार्यरत हैं. उन्हें टाटा ग्रुप की कंपनियों के शेयर भी मिले, जिसमें आईपीओ-बाउंड टाटा कैपिटल भी शामिल है.
खुद को गोद लिया बेटा बताते हैं दत्ता
टाटा समूह के एक पुराने गार्ड का कहना है कि दत्ता ने खुद को उद्योगपति के गोद लिए बेटे के रूप में स्थापित किया. हालांकि, अब वसीयत और कोडिसिल ने स्पष्ट कर दिया है कि रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की और न ही किसी बच्चे को गोद लिया. गौरतलब है कि रतन टाटा ने अक्टूबर, 2024 में दुनिया को अलविदा कह दिया था और उनकी वसीयत सबके सामने आई है.
नोएल टाटा को कुछ नहीं दिया
रतन टाटा ने अपनी वसीयत में दोस्त, परिवार और सौतेली बहनों को तो काफी कुछ दिया लेकिन अपने सौतेले भाई नोएल टाटा और उनके बच्चों को शामिल नहीं किया. अपने भाई जिमी टाटा को भी संपत्ति में से 50 करोड़ रुपये का हिस्सा दिया है. रतन टाटा की सौतेली बहनें शिरीन जेजीभॉय और डियाना जेजीभॉय ने भी अपने हिस्से को दान करने में रुचि दिखाई है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 07, 2025, 09:22 IST