महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री और एनसीपी के प्रमुख अजित पवार और उनके चाचा शरद पवार के रिश्तों को लेकर एक बार फिर से चर्चा का दौर शुरू हो गया है। अजित की बगावत और एनसीपी के बंटवारे के बाद से ही दोनों नेताओं के बीच के रिश्तों की स्थिति को लेकर सवाल होते रहते हैं। इस बीच गुरुवार को आम सभा की बैठक में अजित पवार और शरद पवार दोनों ही नेता पहुंचे। हालांकि, यहां अजित पवार ने अपनी कुर्सी शरद पवार की कुर्सी से दूर कर ली। अजित ने ऐसा करने का कारण भी बताया है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, एनसीपी के बंटवारे के बाद अजित पवार और शरद पवार ने गुरुवार को पहली बार पुणे में वसंतदादा चीनी संस्थान की सालाना आम सभा की बैठक में भाग लिया। हालांकि, यहां अजित पवार अपने चाचा शरद पवार से कुछ दूरी पर बैठे। पहले जो व्यवस्था की गई थी, उसके मुताबिक, दोनों नेताओं को अगल-बगल में ही बैठना था। हालांकि, उपमुख्यमंत्री अजित ने अपनी नेमप्लेट एक कुर्सी दूर कर दी। इसके बाद राज्य के सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटिल अजित और शरद पवार के बीच बैठ गए।
अजित ने क्या जवाब दिया?
जब उपमुख्यमंत्री अजित पवार से कुर्सी हटाने का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘बाबासाहेब पवार साहब से बात करना चाहते थे। मैं उनसे (शरद पवार से) कभी भी बात कर सकता हूं। अगर मैं एक कुर्सी दूर भी बैठूं तो मेरी आवाज इतनी तेज होगी कि दूर बैठा कोई भी व्यक्ति सुन सकता है।’’
पुणे स्थित वसंतदादा चीनी संस्थान चीनी उद्योग का एक प्रमुख अनुसंधान संस्थान है। आपको बता दें कि शरद पवार वसंतदादा चीनी संस्थान के अध्यक्ष हैं। वहीं, अजित पवार इसके सदस्य हैं। जानकारी के मुताबिक, अजित पवार ने शरद पवार और एनसीपी विधायक दिलीप वल्से पाटिल सहित अन्य नेताओं के साथ बंद कमरे में बैठक भी की है। (इनपुट: भाषा)
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