महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की रेस से खुद को अलग कर भाजपा के लिए रास्ता साफ कर दिया है. उन्होंने भाजपा को बड़ा भाई मान लिया है. अब भाजपा के भीतर सीएम चेहरे की तलाश चल रही है. हालांकि, देवेंद्र फडणवीस इस रेस में सबसे आगे हैं. जल्द ही नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. इस बीच सबके दिमाग में एक ही सवाल है कि नई सरकार में एकनाथ शिंदे की भूमिका क्या होगी? क्या वह देवेंद्र फडणवीस की तरह सीएम बनने के बाद डिप्टी सीएम की कुर्सी स्वीकार कर लेंगे? या फिर वह सरकार से बाहर रहना पसंद करेंगे.
फडणवीस और शिंदे की संभावित भूमिका को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच एक और बड़े किरदार की चर्चा है. वह हैं अजित पवार. अजित पवार अनुभव और सीनियरिटी के मामले में शिंदे और फडणवीस दोनों से आगे हैं. वह पांच बार के डिप्टी सीएम हैं. महायुती में उनकी पार्टी ने भी शानदार प्रदर्शन किया है और उनके पास 42 विधायक हैं. उन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य कहलाने वाले अपने चाचा शरद पवार की राजनीति को चुनौती दे ये सफलता हासिल की है. ऐसे में उनको भी सरकार में बड़ी भूमिका मिलने से कोई इनकार नहीं कर सकता.
पांच बार के डिप्टी सीएम
अजित पवार पांच बार के डिप्टी सीएम हैं. वह राज्य के इकलौते नेता हैं जो इतनी बार डिप्टी सीएम बने हैं. उनकी सीएम बनने की चाहत भी छिपी नहीं है. वह कई बार सार्वजनिक तौर पर इस चाहत का इजहार भी कर चुके हैं. लेकिन, इस बार भी उनका सीएम बनना संभव नहीं दिख रहा है.
खैर, अगर वह सरकार में शामिल होते हैं तो उनको कैस सा विभाग मिलेगा. यह चर्चा काफी जोर पकड़ रहा है. क्योंकि राज्य में सीएम के साथ-साथ गृह मंत्रालय सबसे अहम ओहदा है. आमतौर पर यूपी-बिहार और अन्य बड़े राज्यों में गृह मंत्रालय खुद सीएम अपने पास रखते हैं. लेकिन, महाराष्ट्र में ऐसा नहीं होता है.
निवर्तमान शिंदे सरकार में भी होम मिनिस्ट्री देवेंद्र फडणवीस के पास थी. उनसे पहले उद्धव ठाकरे की सरकार में भी होम मिनिस्ट्री सीएम के पास नहीं थी. उस वक्त एनसीपी कोटे के मंत्री दिलीप वाल्से पाटिल को गृह मंत्री बनाया गया था.
देवेंद्र फडणवीस ने रखी होम मिनिस्ट्री
इससे पहले 2014 में जब राज्य में भाजपा और शिवसेना गठबंधन की सरकार बनी और देवेंद्र फडणवीस सीएम बने. लेकिन उस वक्त उन्होंने गृह मंत्रालय की कुर्सी अपने पास रखी.
अजित पवार का पसंदीदा मंत्रालय
महायुति के तीनों नेताओं देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार में दादा के पास सरकार में रहने का सबसे ज्यादा अनुभव है. वह जितनी बार डिप्टी सीएम बने उतनी बार उनका सबसे पसंदीदा मंत्रालय वित्त रहा है. महाराष्ट्र देश का एक सबसे अमीर राज्य हैं. मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है. ऐसे में इस राज्य का वित्त मंत्रालय एक बहुत बड़ा विभाग है. शिंदे सरकार में आने के साथ ही उनको वित्त और प्लानिंग मंत्रालय थमा दिया गया. वह उद्धव सरकार में भी वित्त, प्लानिंग और एक्साइज विभाग के मंत्री रहे. इससे पहले 2009 से 2014 की यूपीए सरकार में भी वित्त मंत्री रहे.
क्यों नहीं मिलेगा गृह मंत्रालय
देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा काफी मजबूत है. ऐसे में पहली संभावना यह है कि सीएम खुद अपने पास गृह मंत्रालय रखें. ऐसा नहीं होता है तो दूसरी प्राथमिकता शिंदे की शिवसेना हो सकती है. महायुती में अजित पवार की पार्टी तीसरे नंबर है. ऐसे में उनको गृह मंत्रालय देकर भाजपा शिंदे की पार्टी को नाराज नहीं करना चाहेगी.
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FIRST PUBLISHED :
November 28, 2024, 07:38 IST