पटना. जमीन सर्वे के लिए पुराने दस्तावेजों की खोजबीन करने में परेशान रैयतों को बिहार सरकार ने बड़ी राहत दी है. अब सर्वे का काम बिना खतियान भी हो जायेगा. जी हां, अब लोगों को जमीन के खतियान के कागजात देना अनिवार्य नहीं है. केवल खाता और प्लॉट नंबर के साथ सर्वे के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा गैर मजरुआ सहित अन्य जमीनों का सर्वे सरकार के नाम से होगा. लेकिन, दखल और कब्जा वालों को हटाया नहीं जायेगा. सरकार के इस आदेश से लोगों ने राहत की सांस ली है.
बिना खतियान के करा सकेंगे सर्वे
दरअसल, जब से सर्वे का काम शुरू हुआ है, लोग सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाते-लगाते परेशान हो गए हैं. पूरे बिहार के जिला मुख्यालयों के अभिलेख कार्यालयों में पुराने दस्तावेजों के लिए आवेदनों की संख्या में गजब का इजाफा देखा गया. अधिकारियों की मानें तो 20 प्रतिशत आवेदन दस्तावेज का कागज फटे होने या खोज नहीं पाने के कारण आवेदनों को रिजेक्ट करना पड़ रहा है. इस वजह से पेंडिंग आवेदनों की संख्या में भी बढ़ोतरी होने लगी. इसके साथ ही, वर्ष 1995 से अब तक 2,34,62,435 दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन किया गया है. लेकिन, 1796 से 1995 तक के करीब 5,13,48,914 दस्तावेजों का डिजिटलाइजेशन करने का काम अभी चल ही रहा है. इस वजह से भी रैयतों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. सर्वे की रफ्तार भी धीमी हो गई थी. इन तमाम कारणों को देखते हुए सरकार ने बिना खतियान सर्वे कराने की छूट प्रदान की है.
जानें सरकारी जमीन पर कब्जा वालों का क्या होगा
इसके अलावा, बिहार के अलग-अलग इलाकों में गैरमजरूआ आम, गैर मजरुआ मालिक, कैसरे हिंद, बकाश्त भूमि, भू-दान, भू-हदबंदी, बासगीत पर्चा की भूमि, बंदोबस्ती पर्चा की भूमि, वक्फ बोर्ड और धार्मिक न्यास की भूमि का सर्वे बिहार सरकार के नाम पर होगा. ऐसे जमीनों की जानकारी अंचलाधिकारियों से मांगी गई है. इन जमीनों पर जिसका कब्जा है, उसको फिलहाल हटाया नहीं जायेगा. सर्वे अधिकारियों का कहना है कि सर्वे के दौरान जमीन का नक्शा और दस्तावेज बनाना है. किसी को बेदखल नहीं करना है. जिसके नाम पर जमीन है, उसका केवल साक्ष्य होना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED :
November 28, 2024, 09:55 IST