तेजस्वी उछल-उछल कर उछाल रहे EBC का मुद्दा? वीपी सिंह को भी सुननी पड़ी थी गाली?

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पटना. बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव आरक्षण के मुद्दे पर खूब उछल रहे हैं. ये जानते हुए भी कि बिहार में उनका ‘माई’ और ‘बाप’ का फॉर्मूला पूरी तरह से फेल हो चुका है. अब तजस्वी यादव बिहार सरकार से वंचित जातियों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को ‘85 प्रतिशत’ आरक्षण देने की मांग करने लगे हैं. तेजस्वी यादव ने मंगलवार को विधानसभा में इसको लेकर कार्य स्थगन का प्रस्ताव दिया था, जिसे विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने स्वीकार नहीं किया. हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर तेजस्वी यादव को बोलने का मौका दिया. लेकिन, इस दौरान तेजस्वी यादव और डिप्टी सीएम स्रमाट चौधरी में तीखी बहस शुरू हो गई. बात इतनी बढ़ गई कि पूर्व प्रधानमंत्री बीपी सिंह, लालू यादव और राबड़ी देवी का जिक्र होने लगा.

आपको बता दें कि सम्राट चौधरी ने मंगलवार को विधानसभा में कहा था कि लालू यादव ने एक भी आदमी को आरक्षण नहीं दिया. इसी मुद्दे पर तेजस्वी यादव बुधवार को सम्राट चौधरी पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा, ‘उन्होंने कैसे बोल दिया कि लालू यादव ने आरक्षण नहीं दिया? सबसे पहले आरक्षण लालू यादव की सरकार ने ही दिया था. सम्राट चौधरी को शर्म आनी चाहिए. अज्ञानी आदमी हैं. झूठ बोल रहे हैं. संगत का असर है या पार्टी का? लालू यादव ने ही 12 प्रतिशत अति पिछड़े के आरक्षण को बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया था. फिर राबड़ी देवी की सरकार ने 14 प्रतिशत के आरक्षण को 18 प्रतिशत कर दिया.

क्यों सम्राट चौधरी पर तमतमा गए तेजस्वी?
तेजस्वी यादव ने आगे कहा, ‘सम्राट चौधरी कहते हैं कि पंचायत में आरक्षण नीतीश कुमार ने दिया है. वो अपनी गलती सुधार लें. पंचायत में जो आरक्षण मिला है उसका मसौदा राबड़ी देवी की सरकार में तैयार हुआ था. मामला कोर्ट में चला गया था, जिसे बाद में नीतीश कुमार ने लागू किया. सम्राट चौधरी को यह जानना चाहिए कि लालू यादव के कारण ही आरक्षण को लेकर बीपी सिंह को गाली सुननी पड़ी थी.

तेजस्वी यादव क्यों उठा रहे हैं आरक्षण का मुद्दा?
तेजस्वी यादव वक्फ बिल पर भी नीतीश कुमार पर हमला भी कर रहे हैं और उनको पुराने दिनों की बातों की याद भी दिला रहे हैं. तेजस्वी यादव ने ललन सिंह के पार्लियामेंट में वक्फ बिल पर समर्थन करने पर निशाना साधते हुए कहा, ‘नीतीश कुमार के पास अभी भी समय है कि वह अपनी गलती सुधार लें. अगर नीतीश कुमार संविधान में विश्वास करते हैं तो इस मामले पर आकर बोलें और किसी भी हालत में इस बिल का संसद में समर्थन न करें.’

वीपी सिंह क्यों सुननी पड़ी थी गाली?
तेजस्वी यादव बड़ी चालाकी से बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार को घेर भी रहे हैं और उनकी वीपी सिंह के जमाने की यादों को ताजा भी कर रहे हैं. आरक्षण का मामला हो या फिर वक्फ बिल मुद्दे पर तेजस्वी यादव बोल तो रहे हैं. लेकिन, बोलते-बोलते कुछ ऐसी बातें बोल जाते हैं, जिससे वह खुद घिर भी रहे हैं. वक्फ बिल पर ये बोलना कि यह पूरी तरह से असंवैधानिक है और इसे किसी भी हालत में पास होने नहीं देंगे. उनके बड़बोलेपन की निशानी तो नहीं है?

तेजस्वी यादव विधानसभा में नीतीश कुमार के साथ अपनी 17 महीनों की सरकार का खुब बखान कर रहे हैं. जाति आधारित सर्वे करवाना हो या फिर आरक्षण का दायरा 65 प्रतिशत तक बढ़ाकर उसे तत्काल प्रभाव से सरकारी नियुक्तियों में लागू कराने क्रेडिट भी खुद ले रहे हैं. संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल कराने का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजने का भी क्रेडिट ले रहे हैं. साथ में ये भी कह रहे हैं कि बीजेपी दलितों, पिछड़ों, अतिपिछाड़ों और आदिवासियों के आरक्षण की धुर विरोधी है.

Tags: Bihar News, Bihar politics, CM Nitish Kumar, Tejashwi Yadav

FIRST PUBLISHED :

November 28, 2024, 09:55 IST

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