अनियमित पीरियड्स और पीरियड क्रैम्प्स के लिए आयुर्वेदिक उपचार
ऋषिकेश: आजकल महिलाओं में पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं आम हो गई हैं. आमतौर पर, लड़कियों को 13 से 14 साल की उम्र में पीरियड्स आने शुरू हो जाते हैं और 21 से 35 दिनों के बीच में एक चक्र होना सामान्य माना जाता है. अगर पीरियड्स 21 दिनों से पहले या 35 दिनों के बाद आते हैं, तो इसे अनियमित पीरियड्स कहा जाता है. वहीं, अगर किसी महिला को एक साल में सिर्फ 6-7 बार ही पीरियड्स आते हैं, तो इसे ओलिगोमेनोरिया नाम की समस्या मानी जाती है, जो हार्मोनल असंतुलन के कारण होती है.
अनियमित पीरियड्स और क्रैम्प्स के कारण
लोकल 18 से बातचीत के दौरान उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित कायाकल्प हर्बल क्लिनिक के डॉ. राजकुमार (डी.यू.एम) ने बताया कि अनियमित पीरियड्स के कारण कई हो सकते हैं. सबसे आम कारण हार्मोनल असंतुलन है. हार्मोन, विशेष रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का असंतुलन माहवारी की समस्याएं उत्पन्न कर सकता है.
इसके अलावा, तनाव, खराब जीवनशैली, अधिक वजन, खानपान में कमी और शरीर में खून की कमी भी इस समस्या के कारण हो सकते हैं. कई बार ज्यादा मानसिक तनाव या थकान के कारण भी माहवारी की नियमितता पर असर पड़ता है.
इस समस्या से निजात पाने के उपाय
आयुर्वेद में इस समस्या का समाधान करने के लिए कुछ खास घरेलू उपाय बताए गए हैं. इन उपायों में ऐसी औषधियां शामिल हैं जो प्राकृतिक रूप से हार्मोन्स को संतुलित करने में सहायक होती हैं. अदरक और सोंठ का सेवन पीरियड्स के संचार को ठीक करने में फायदेमंद माना जाता है. अदरक का काढ़ा या अदरक की चाय पीने से पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द में भी राहत मिलती है.
इसका सेवन भी कर सकते हैं
दालचीनी का सेवन भी अनियमित पीरियड्स की समस्या के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है. दालचीनी का काढ़ा पीने से हार्मोन संतुलित होते हैं और पीरियड्स की नियमितता बनाए रखने में मदद मिलती है. इसका सेवन रोजाना करने से न केवल माहवारी में राहत मिलती है, बल्कि पीरियड्स के दौरान होने वाले क्रैम्प्स भी कम हो सकते हैं.
योग से होगा लाभ
इसके अलावा, एलोवेरा जूस का सेवन भी अनियमित पीरियड्स में लाभकारी माना गया है. एलोवेरा हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है और पाचन को भी बेहतर बनाता है, जिससे शरीर स्वस्थ रहता है. इन घरेलू उपायों के साथ-साथ संतुलित आहार और नियमित योग-व्यायाम भी पीरियड्स की समस्या को कम करने में सहायक होते हैं. इसके साथ ही स्ट्रेस को नियंत्रण में रखें और मेडिटेशन जैसे उपाय कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 26, 2024, 11:38 IST
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