मंडी. इतिहास में पहली बार, छोटी काशी के आराध्य देव कमरूनाग अपने पुत्र देव बालाटिका के साथ रघुनाथ की नगरी कुल्लू में प्रवेश करेंगे और एक भक्त के बुलावे पर उनके घर जाएंगे. वर्तमान समय में ऐसा ऐतिहासिक क्षण किसी ने नहीं देखा होगा, जब मंडी रियासत के देव कमरूनाग पहली बार मंडी की सीमा छोड़कर कुल्लू में प्रवेश करेंगे.
पहली बार कुल्लू में प्रवेश करेंगे बड़ा देव कमरूनाग
14 साल बाद इस बार बड़ा देव की मेहमाननवाजी का सौभाग्य कुल्लू के रहने वाले कुशाल ठाकुर को प्राप्त हुआ है, जो सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता हैं. कुशाल ठाकुर 14 वर्षों से देव कमरूनाग की देवलु कमेटी से मेहमाननवाजी की अनुमति मांग रहे थे और अंततः उनकी यह इच्छा पूरी हो गई. छोटी काशी के बड़ा देव कमरूनाग अपने अनुयायियों, ढोल-नगाड़ों और लाव-लश्कर के साथ 20 अक्टूबर को मंडी स्थित अपने मंदिर से छड़ी रूप में रवाना होकर 22 अक्टूबर को कुल्लू पहुंचेंगे.
कौन हैं देव कमरूनाग?
मंडी जिले के ऊपरी निहारी क्षेत्र में स्थित देवदार के घने जंगलों के बीच देव कमरूनाग का मंदिर है, जहां एक विशाल झील भी स्थित है. परंपरा के अनुसार, कमरूनाग महाभारत के राजा यक्ष हैं और पांडवों द्वारा पूजे गए थे. भक्तों की ओर से अपनी मनोकामना पूरी होने पर झील में सोना, चांदी और सिक्के चढ़ाने की परंपरा है. झील के तल में मौजूद सोने-चांदी और अन्य धातुओं की मात्रा का अनुमान लगाना असंभव है.
Tags: Himachal pradesh, Local18, Mandi news
FIRST PUBLISHED :
September 24, 2024, 13:54 IST